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UP क्यों नहीं आ रहे 'मुख़्तार अंसारी', आखिर किस बात का है डर
शनिवार को गाजीपुर पुलिस की दो टीमें क्रमशः रोपड़ व चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई थी। दोनों ही टीमें सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के बाद ही, मुख़्तार को लेने के लिए गई थीं।
लखनऊ: पंजाब पुलिस ने एक बार फिर बाहुबली मुख़्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने से इंकार कर दिया है। एक बार फिर पंजाब पुलिस ने मुख़्तार अंसारी के स्वास्थ्य का हवाला देकर उसे रोपड़ जेल में ही बंद रखने का फैसला लिया है। पिछले कई बार से ऐसा ही हो रहा है। चाहे यूपी एसटीएफ गई हो या यूपी पुलिस, उसको खाली हाथ ही पंजाब पुलिस ने लौटाया है।
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मुख़्तार की आपराधिक मामलों में पेशी कराई जा सके
गौरतलब है कि शनिवार को गाजीपुर पुलिस की दो टीमें क्रमशः रोपड़ व चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई थी। दोनों ही टीमें सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के बाद ही, मुख़्तार को लेने के लिए गई थीं। जिससे मुख़्तार की आपराधिक मामलों में पेशी कराई जा सके। मगर इस बार भी उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा।
mukhtar-ansari (PC: social media)
इससे पहले मुख़्तार के परिवार वालों ने यह आशंका जताई है कि वो यूपी की जेलों में सुरक्षित नहीं है। यूपी की जेलों में उन्हें जान का खतरा है। इसलिए मुख़्तार के पारिवारिक जन उन्हें यूपी की जेलों में बंद करने को लेकर राजी नहीं हैं। तो दूसरी तरफ यूपी सरकार मुख़्तार को प्रदेश में लाने के लिए सिर से लेकर पैर तक ज़ोर लगा रही है।
मुख़्तार को यूपी न भेजने के पीछे मेडिकल रिपोर्ट का हवाला दिया है
पंजाब पुलिस ने मुख़्तार को यूपी न भेजने के पीछे मेडिकल रिपोर्ट का हवाला दिया है। पंजाब पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मुख्तार अंसारी को यूपी नहीं भेज सकते हैं।
आख़िर पंजाब पुलिस ऐसा क्यों कर रही है? इसके पीछे की मंशा क्या है? एक बाहुबली के प्रति ऐसा प्रेम क्यों? ये कोई मजबूरी सी मजबूरी या लाचारी सी लाचारी तो नहीं? कहीं सत्ता के दबाव में तो ऐसे फैसले नहीं लिए जा रहे हैं? बात चाहे जो भी हो, इससे दो बातें उभर कर सामने आती हैं। पहली बात-मुख्तार अंसारी को इस बात की शंका है कि कहीं उनके साथ कडा एक्शन न ले यूपी सरकार। दूसरी बात जो अब जगजाहिर है कि पंजाब पुलिस मेहरबान तो मुख़्तार अंसारी पहलवान।
mukhtar-ansari and his wife (PC: social media)
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मुख्तार का परिवार ने आशंका जता चुका है कि यूपी की जेलों मे मुख्तार अंसारी की जान पर खतरा है। इसलिए वह चाहते हैं कि मुख्तार को यूपी की किसी भी जेल मे ना बंद किया जाए।
रिपोर्ट: शाश्वत मिश्रा
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