बच्चों को बचाएं ठंड से: ऐसे रखें ख्याल, दिखें ये लक्षण तो तुरंत करें डॉक्टर से सम्पर्क

कोरोना काल और कड़कड़ाती ठंड की खुश्क हवाओं, खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं से बचाने के लिए नवजात शिशुओं और बच्चों की विशेष देखभाल करनी चाहिए। कैसे इससे बचाना चाहिए और उनकी देखभाल में क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए।

Monika
Published on: 24 Dec 2020 4:56 PM GMT
बच्चों को बचाएं ठंड से: ऐसे रखें ख्याल, दिखें ये लक्षण तो तुरंत करें डॉक्टर से सम्पर्क
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ठंड में नवजात शिशुओं-बच्चों की करें विशेष देखभाल, ये लक्षण मिलने पर डॉक्टर से करें संपर्क

मऊ: कोरोना काल और कड़कड़ाती ठंड की खुश्क हवाओं, खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं से बचाने के लिए नवजात शिशुओं और बच्चों की विशेष देखभाल करनी चाहिए। कैसे इससे बचाना चाहिए और उनकी देखभाल में क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए।

ठंड में बच्चों को सर्दी की सम्भावना अधिक

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि सर्दी के मौसम में पैदा हुए बच्चों को ठंड लगने या सर्दी होने की सम्भावना अधिक होती है। नवजात को सर्वप्रथम ठंडी हवाओं से बचाएं। ठंड में नवजात शिशु के पहनावे में गर्म कपडे़ पहनाने के पहले कोई सूती कपड़ा जरूर पहनाएं। रात में सोते समय नवजात से लेकर सभी उम्र के बच्चों को हाथ-पैर में दस्ताने और मोजे पहनाएं और सिर को मंकी कैप से ढक कर रखें। हाल ही में पैदा हुए शिशु को रोजाना न नहलाएं, जरूरत पड़ने पर सूती कपड़े से हल्के गुनगुने पानी से शिशु के शरीर को पोछें ।

धात्री माताएँ नवजात को स्तनपान कराएं जो बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि स्तनपान से शिशु को पानी और माँ का ढूध दोनों मिलता रहता है, जिससे कि नवजात को डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है। इसके साथ ही समय मिलने पर नवजात को कंगारू मदर केयर थेरेपी दें जिससे उसके शरीर का तापमान सामान्य बना रहे । उन्होने बताया कि आगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गावों में घर-घर जाकर धात्री माताओं को नवजात की देखभाल से संबंधित सभी जानकारी दे रही हैं ।

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ये लक्षण मिलने पर विशेषज्ञ से करें संपर्क

जिला महिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण सिंह ने बताया कि सामान्य जुकाम, बुखार (वायरल फीवर), फ्लू, निमोनिया, खांसी, शिशु का कम दूध पीना, अत्यधिक सुस्ती होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या जिला महिला अस्पताल पर जाकर डॉक्टर विशेषज्ञ को जरूर दिखाएँ। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें ।

डॉ प्रवीण ने बताया कि शिशु के कमरे के उचित तापमान का ध्यान रखें जिसमें नवजात शिशु रहे, उस कमरे को गरम रखें। कमरे की खिड़की-झरोखे-दरवाजे बंद रखें। धूप होने पर शिशु को कम से कम बीस मिनट गोदी में लेकर सुबह की धूप में टहलायें। नवजात की नींद पूरी होनी चाहिये। शिशु जितना आराम करना चाहे, उसे आराम करने दें। शिशु की दिन में मालिश जरूर करें । इससे बच्चे की मांशपेशियां मजबूत होंगी और शरीर को ताकत भी मिलेगी। ध्यान रहे ठंड में हल्के गुनगुने तेल से पूरे शरीर की मालिश करें। गीली नैपी का ध्यान रखें। न केवल इस मौसम में बल्कि हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि शिशु की नैपी समय-समय पर बदलते रहें।

आसिफ रिज़वी

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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