×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

विश्व जल दिवस: सीएम सिटी में 23 हजार परिवारों के हिस्से का पानी नाली में बह रहा

गोरखपुर जलकल के आकड़ों के मुताबिक शहर में 32 फीसदी आबादी तक पेयजल की उपलब्धता नहीं है। जिन 70 हजार से अधिक मकान में जलकल की सप्लाई भी है, वहां गंदा और कीचड़ युक्त पानी की सप्लाई हो रही है।

Newstrack
Published on: 22 March 2021 11:33 AM IST
विश्व जल दिवस: सीएम सिटी में 23 हजार परिवारों के हिस्से का पानी नाली में बह रहा
X
विश्व जल दिवस: सीएम सिटी में 23 हजार परिवारों के हिस्से का पानी नाली में बह रहा (PC: social media)

गोरखपुर: विश्व जल दिवस पर पानी सरंक्षण को लेकर भले ही चिंताएं जाहिर की जा रही हो लेकिन मुख्यमंत्री के शहर में आम लोगों के हिस्से का लाखों लीटर पानी नाली में बह रहा है। खुद जलकल के आंकड़े बताते हैं कि रोज 33 मिलियन लीटर पानी लीकेज में बर्बाद हो जाता है। इससे करीब 23 हजार परिवारों के पानी की जरूरत पूरी हो सकती है। इतना ही नहीं मल्टीलेवल बिल्डिंग और सीवर लाइन के लिए लाखों लीटर पानी जमीन से निकाला जा रहा है।

ये भी पढ़ें:केरल में राहुल का दो दिवसीय दौरा, चुनावी रैली में भरेंगे हुंकार, जानिए पूरा कार्यक्रम

गोरखपुर जलकल के आकड़ों के मुताबिक शहर में 32 फीसदी आबादी तक पेयजल की उपलब्धता नहीं है। जिन 70 हजार से अधिक मकान में जलकल की सप्लाई भी है, वहां गंदा और कीचड़ युक्त पानी की सप्लाई हो रही है। जीएम जलकल एसपी श्रीवास्तव कहते हैं कि कई इलाकों में जर्जर पाइप लाइन है, जहां से लीकेज की सर्वाधिक शिकायत आती है। गोलघर में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बन रही है। जहां पिछले तीन महीने से पानी बहाया जा रहा है।

शहर का पानी पीने लायक नहीं

हैंडपंप से लेकर सरकारी सप्लाई के पानी में जानलेवा बैक्टीरिया है। यह तथ्य विभिन्न सर्वे और शोध में साबित हो चुका है। महात्मा गांधी पीजी कॉलेज के तीन शिक्षकों की टीम ने शहरी क्षेत्र में पीने के पानी की जांच की है। शहर के 20 क्षेत्रों में हैंडपंप और सरकारी वाटर सप्लाई से नमूने लिए गए। जांच में पानी के सभी नमूने पीने योग्य नहीं मिले। पीने के पानी में प्रदूषण का स्तर खतरनाक मिला। पानी में गंभीर बीमारियों के कारक पांच से छह प्रकार के बैक्टीरिया मिले हैं।

gorakhpur gorakhpur (PC: social media)

तेजी से गिर रहा है पानी का स्तर

आरओ प्लांट, सीवर लाइन से लेकर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में लाखों लीटर मीठा पानी बर्बाद हो रहा है। गोलघर हो या फिर मोहद्दीपुर सभी जगह भू-गर्भ जल का दोहन होता दिख रहा है। जलदोहन से भू-गर्भ जल तेजी से नीचे खिसक रहा है। भू-गर्भ जल नीचे जाने से आम लोगों के साथ ही सरकारी विभागों को हर साल 25 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा रहा है।

ये भी पढ़ें:Apple को झटकाः देश ने ठोका करोड़ों का जुर्माना, नहीं दिया था iPhone के साथ चार्जर

तहसील सदर, चौरीचौरा और चरगांवा ब्लाक में पानी का स्तर 1 मीटर से 1.96 मीटर के बीच नीचे आया है। भू-गर्भ जल के नीचे जाने से गोरखपुर जिले में प्रतिवर्ष करीब 10 हजार घरों में री-बोरिंग की करानी पड़ रही है। हार्डवेयर के दुकानदार महेन्द्र मौर्या बताते हैं कि करीब 25 फीसदी ऐसे होते हैं जो पानी का स्तर नीचे जाने के वजह से री-बोर कराते हैं। री-बोरिंग में 10 से 30 हजार रुपये का खर्च होता है।

रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story