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पूरी दुनिया में सिर्फ यहां पाया जाता है 200 फीट का जटायु
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रामायण में वर्णित जटायु जिसने सीता हरण के समय रावण से संघर्ष किया था वह अभी भी है और वह भी छोटा मोटा नहीं बल्कि पूरे 200 फीट का। जी हां केरल में एक ऐसा क्षेत्र है जहां यह जटायु है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रामायण में वर्णित जटायु जिसने सीता हरण के समय रावण से संघर्ष किया था वह अभी भी है और वह भी छोटा मोटा नहीं बल्कि पूरे 200 फीट का। जी हां केरल में एक ऐसा क्षेत्र है जहां यह जटायु है।
केरल सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केरल ने अपनी नई नीति बनाई है। इसका मुख्य उदेश्य अज्ञात स्थानों को खोजना है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अगस्त महीने में कोच्चि में इडियन कन्वेंशन प्रमोशन ब्युरो (आईसीबीपी) के सहयोग से नेशनल कन्वेशन का आयोजन किया जाएगा।
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आज यहां होटल क्लार्कस अवध में केरल के टूरिज्म डायरेक्टर पीबाला किरण ने ‘‘न्यूज ट्रैक’’ को बताया कि केरल में पर्यटन के लिए असीम संभावनाए हैं। यहां चटपटी मोपला रसोई किलो एवं लोककथाओं और नए एयरपोर्ट की भूमि कूर्ग कोयम्बटूर और मैसूर की सीमाओं से जुडे मालाबार को दक्षिण भारत के नए पर्यटन गेटवे के रूप में स्थापित कर देगी।
उन्होंने बताया कि एक विशेष आकर्षण जटायु एअर्थ सेंटर है जहां जटायु की 200 फीट लम्बी 150 फीट चैडी और 70 फीट उंची मूर्ति है। यह दुनिया में पक्षी की सबसे उंची मूर्ति है। यह स्थान केरला के दक्षिणी मध्य में है और यहां खूब पर्यटक आ रहे हैं। बताया कि भारतीय यात्रियों के लिए यह राज्य न केवल आकर्षक एंव सम्पन्न है बल्कि ओनम के दौरान उनका विशेष स्वागत होगा।
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उन्होंने बताया कि चैम्पियन्स बोट लीग के अलावा 10 अगस्त को पुन्नमाडा झील पर नेहरू ट्राफी बोट रेस 15 सितम्बर को पंचा नदी पर अरनमुला बोट रेस 13 सितम्बर को प्यीप्पड बोड रेस, 10 सितम्बर को पंबा नदी पर और 15 सितम्बर को चंपक्कुलम बोट रेस में पूरे देश के पर्यटक आ रहे है। टूरिज्म सेक्रेटरी रानी जार्ज ने बताया कि घरेलू पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्वि से पता चलता है केरल में पर्यटन उद्योग वापस पटरी पर है।