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सरकारी अस्पताल का इतना बुरा हाल, कोरोना संक्रमित सुना रहे अपना दर्द
योगी सरकार भले ही कोरोना से निपटने से लेकर स्वास्थ्य विभाग में सुविधाओं के विस्तार तक का दावा कर रही है, लेकिन संक्रमित रोगियों के कथनों पर यकीन करें तो सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे कोरोना संक्रमित रोगियों को न तो शुद्ध पानी मयस्सर हो पा रहा है और न ही पैरासिटामोल, बी काम्प्लेक्स को छोड़कर अन्य कोई दूसरी दवा।
बलिया: योगी सरकार भले ही कोरोना से निपटने से लेकर स्वास्थ्य विभाग में सुविधाओं के विस्तार तक का दावा कर रही है, लेकिन संक्रमित रोगियों के कथनों पर यकीन करें तो सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे कोरोना संक्रमित रोगियों को न तो शुद्ध पानी मयस्सर हो पा रहा है और न ही पैरासिटामोल, बी काम्प्लेक्स को छोड़कर अन्य कोई दूसरी दवा। सरकारी चिकित्सक भी रोगियों से कन्नी काट रहे हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना से संक्रमित होकर सरकारी अस्पताल में भर्ती एक बैंक कर्मचारी सहित दो रोगियों के सरकारी अस्पताल की दुर्व्यवस्था का खुलासा करने वाला ऑडियो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद योगी सरकार के व्यवस्था के दावों पर सवालिया निशान लग गये हैं।
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कोरोना ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है
वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने को लेकर सरकार के तरफ से लगातार किये जा रहे दावों के मध्य कोरोना संक्रमित दो रोगियों ने सरकारी व्यवस्था की कलई खोलकर रख दिया है। जिले के बसन्तपुर स्थित एल वन सरकारी अस्पताल में उपचार के लिये भर्ती रेवती इलाके के एक युवक का वीडियो व भारतीय स्टेट बैंक के एक संक्रमित कर्मचारी का बैंक के अधिकारी से बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस ऑडियो में बैंक का संक्रमित कर्मचारी बता रहा है कि उसे तेज खांसी आ रही है तथा सांस फूल रहा है , लेकिन सरकारी अस्पताल में उसका इलाज नही किया जा रहा है। संक्रमित बैंक कर्मचारी का आरोप है कि रोगी को देखने के लिए कोई चिकित्सक नही आ रहा और न ही दवा ही अस्पताल में उपलब्ध है।
बैंक कर्मचारी ने सुनाई आपबीती
बैंक कर्मचारी अपनी आपबीती बताते हुए कह रहा है कि सरकारी अस्पताल में भर्ती होने के बाद खाँसी के कारण वह रात भर सो नही सका। सरकारी अस्पताल में कोई व्यवस्था नही है । उसका कहना है कि सरकारी अस्पताल में बड़ा कष्ट हो रहा है । सरकारी अस्पताल में भर्ती रेवती इलाके के रहने वाले कोरोना संक्रमित एक युवक का वीडियो भी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में युवक कह रहा है कि वह 2 जुलाई से बसन्तपुर स्थित एल 1 सरकारी अस्पताल में भर्ती है।
अस्पताल में उसे शुद्ध पानी तक पीने के लिए मिल नही रहा । उसका कहना है कि अभी तक उसे पीने के लिए न तो गर्म पानी मिला और न ही काढ़ा। सरकारी अस्पताल में शौचालय व स्नान घर की स्थिति भी बेहद नारकीय है । सरकारी अस्पताल के एक ही स्थान के पानी का उपयोग स्नान करने से लेकर शौच व पीने के लिए करना पड़ रहा है। उसका कहना है कि अस्पताल में शौचालय , स्नान घर से लेकर पानी पीने वाले स्थान व वार्ड तक सर्वत्र कूड़ा बिखरा पड़ा है। कोरोना संक्रमित रोगी का दावा है कि अस्पताल में दवा के नाम पर केवल पैरासिटामोल व बी कम्प्लेक्स ही उपलब्ध है । अस्पताल में भर्ती रोगियों का कोई हाल लेने वाला नही है। उनका हाल जानने के लिए न तो कभी चिकित्सक आते हैं और न ही कोई अन्य ।
इसके पूर्व उभांव थाना क्षेत्र के अवाया ग्राम निवासी एक कोरोना संक्रमित युवक ने भी पिछले दिनों सरकारी अस्पताल में दुर्व्यस्था का आरोप लगाते हुए वीडियो वायरल किया था । इस संक्रमित युवक ने भी सरकारी अस्पताल में चिकित्सक के न आने व दवा न मिलने का आरोप लगाया था।
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जिलाधिकारी हरी प्रताप शाही ने न्यूजट्रैक से बातचीत में बताया
जिलाधिकारी हरी प्रताप शाही ने न्यूजट्रैक से बातचीत में बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो व ऑडियो का मामला उनकी जानकारी में है । भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों से लेकर अन्य लोगों ने भी दूरभाष पर उनको जानकारी दी है । उन्होंने बताया कि प्रकरण की जानकारी मिलते ही उन्होंने कल मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बसन्तपुर स्थित एल 1 सरकारी अस्पताल में निरीक्षण के लिए भेजा था । उन्होंने कोरोना संक्रमित रोगियों के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि अस्पताल में खाने पीने की कोई समस्या नही है ।
उन्होंने बताया कि सुविधा भोगी लोग रोगी के रूप में अस्पताल में भर्ती कराये गये हैं । रोगियों की चाहत अस्पताल के बजाय होम कवरन्टीन होने की है । उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में गरीब व अमीर रोगी के लिये व्यवस्था मुहैया कराने में भेदभाव नही किया जा सकता । अमीर रोगी को मनमाफिक व्यवस्था कर पाना सम्भव नही है । उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित रोगी पेशबंदी के लिए सोशल मीडिया पर ऑडियो व वीडियो वायरल करा रहे हैं । उन्होंने जानकारी दी कि सरकारी अस्पताल में भर्ती रोगियों की शिकायत को देखते हुए रोगियों को आजमगढ़ स्थिति एल 2 अस्पताल में शिफ्ट कराने की कार्रवाई की जा रही है ।
अनूप कुमार हेमकर
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