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कोरोना मरीजों के लिए खुशखबरी, अब अस्पताल नहीं ले पाएंगे मनमानी फीस

निजी अस्पताल कोरोना इलाज के नाम पर ज्यादा शुल्क नहीं वसूल सकेंगे। यूपी सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर शुल्क का निर्धारण कर दिया है।

Shivani
Published on: 10 Sept 2020 11:22 PM IST
कोरोना मरीजों के लिए खुशखबरी, अब अस्पताल नहीं ले पाएंगे मनमानी फीस
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। अब निजी अस्पताल कोरोना इलाज के नाम पर ज्यादा शुल्क नहीं वसूल सकेंगे। यूपी सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर शुल्क का निर्धारण कर दिया है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि निजी अस्पताल अगर इस आदेश का पालन नहीं करते है तो उनके खिलाफ एपिडेमिक डिजीज एक्ट-1897 तथा उप्र. महामारी कोविड-19 एक्ट 2020 के तहत दंडनीय कार्यवाही की जायेगी।

अब कोरोना के इलाज में नहीं वसूल सकेंगे मनमाने दाम

इसके लिए यूपी के शहरों को ए श्रेणी, बी श्रेणी तथा सी श्रेणी में बांटा गया है। ए श्रेणी में जो शहर है उनमे, कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, मेरठ, नोएडा और गाजियाबाद शामिल है। इसी तरह बी श्रेणी में मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, अयोध्या, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, और फर्रूखाबाद शामिल है। इनके अलावा यूपी के अन्य सभी शहर सी श्रेणी में आयेंगे।

Yogi government fixed coronavirus treatment fees in private hospitals of UP

यूपी सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए तय किया शुल्क

इसमे ए श्रेणी के शहरों में सुपर स्पेशिलिटी की सुविधा वाले वह अस्पताल जिनको कोविड अस्पतालों में बदला गया है, में भी एनएबीएच तथा नान एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल की दो श्रेणिया बनायी गई है। पहली श्रेणी के एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में कम या मध्यम लक्षण वाले मरीजों से आक्सीजन और सपोर्टिव केयर के साथ आइसोलेशन बेड और पीपीई किट के मूल्य 1200 रुपये को शामिल करते हुए 10 हजार रुपये प्रतिदिन ले सकेंगे। जबकि गैर एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में यह राशि 08 हजार रुपये प्रतिदिन होगी।

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अस्‍पतालों में भी अब कोरोना इलाज फीस 18000 अधिकतम

इसी तरह गंभीर मरीजों के लिए एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में बिना वेंटीलेटर की आईसीयू के लिए पीपीई किट के मूल्य 2000 रुपये को शामिल करते हुए 15 हजार रुपये प्रतिदिन ले सकेंगे। जबकि गैर एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में यह राशि 13 हजार रुपये प्रतिदिन होगी। अति गंभीर मरीजों के लिए एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में वेंटीलेटर के साथ आईसीयू के लिए पीपीई किट के मूल्य 2000 रुपये को शामिल करते हुए 18 हजार रुपये प्रतिदिन ले सकेंगे।

corona-testing

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जबकि गैर एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में यह राशि 15 हजार रुपये प्रतिदिन होगी। आदेश में कहा गया है कि राज्य के बी और सी श्रेणी के शहरों के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ए श्रेणी के शहरों के लिए निर्धारित शुल्क का क्रमशः 80 और 60 प्रतिशत शुल्क ले सकते है।

निजी अस्पतालों में निर्धारित शुल्क सभी सुविधाओं का पैकेज

अपर मुख्य सचिव के आदेश में कहा गया है कि निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित शुल्क सभी सुविधाओं को शामिल करते हुए एक पैकेज है। इस पैकेज में कोविड केयर प्रोटोकाल के अनुसार उपचार के लिए बेड, भोजन तथा नर्सिंग केयर, मानिटरिंग, इमेजिंग सहित अन्य आवश्यक जांचें, विजिट, कन्सल्टेंसी, चिकित्सक, प्रशिक्षण आदि की सुविधाए शामिल है। इसके साथ ही को-मार्बिडिटीज मरीजों के इलाज तथा कम समय के लिए हीमो डायलिसिस की सुविधा भी इसी पैकेज में शामिल है।

Patients suffering from corona virus

पैकेज में प्रयोगात्मक उपचार के लिए दी जाने वाली दवा, टेस्ट शामिल नहीं

इसके अलावा इस पैकेज में प्रयोगात्मक उपचार के लिए दी जाने वाली रैमडेसिविर दवा जैसी औषधियां, आरटीपीसीआर टेस्ट तथा आईएल-6 टेस्ट शामिल नहीं है। जबकि गर्भवती महिलाओं का प्रसव तथा नवजात शिशु के इलाज पर होने वाले खर्च को अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत योजना की दरों के हिसाब से अलग से लिया जायेगा। जो व्यक्ति आयुष्मान भारत का लाभार्थी है उससे कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।

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