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बलात्कारियों को संरक्षण दे रही है योगी सरकार: आराधना मिश्रा
महिलाओं के प्रति हो रहे उत्पीड़न के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस द्वारा आगामी 13 दिसम्बर को ‘‘मैं साहस हूँ’’ मार्च का आयोजन दिल्ली में मण्डी हाउस से जन्तर-मन्तर तक किया जा रहा है जिसका नेतृत्व अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी करेगी।
लखनऊ: प्रदेश कांग्रेस ने यूपी की योगी सरकार पर बलात्कारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने कहा है कि प्रदेश में जिस तरह से महिलाओं के विरूद्ध अपराध बढ़ रहे हैं, वह बहुत ही चिन्ता का विषय है। प्रदेश में कानून का कोई शासन नहीं रह गया है।
उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रति हो रहे उत्पीड़न के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस द्वारा आगामी 13 दिसम्बर को ‘‘मैं साहस हूँ’’ मार्च का आयोजन दिल्ली में मण्डी हाउस से जन्तर-मन्तर तक किया जा रहा है जिसका नेतृत्व अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी करेगी। उन्होने बताया कि यह कार्यक्रम यूपी की राजधानी लखनऊ समेत देश के सभी प्रदेशों में भी आगामी दिनों में आयेाजित किये जायेंगे।
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर बुधवार को प्रेसवार्ता में आराधना मिश्रा ने कहा कि बलात्कार के मामलों में बाढ़ सी आ गई है, जिसकी वजह से नारी सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा आज अपराधी बचाओ और नारी सताओं की तरफ चली गई है।
आराधना मिश्रा ने कहा कि उन्नाव, शाहजहांपुर, ग्रेटर नोएडा, बांदा, मेरठ जैसे शहरों में सामूहिक बलात्कार की अनेकों घटनाएं हो चुकी हैं और सरकार कुंभकर्णी नींद सो रही है। उन्नाव में भाजपा के विधायक कुलदीप सेंगर पर जब बलात्कार का आरोप लगा तब अगर प्रदेश सरकार उसको संरक्षण नहीं देती तो उन्नाव में और प्रदेश में लगातार बलात्कार की घटनाएं न बढ़ती।
उन्होंने कहा कि विगत 11 माह में अकेले उन्नाव में 51 बलात्कार के मामले दर्ज हुए। ठीक इसी तरह से भाजपा सरकार ने शाहजहांपुर में अपने नेता चिन्मयानंद को बचाने का पूरा प्रयास किया और मुख्यमंत्री उनको शरण देते रहे। कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में काग्रेस पार्टी के आंदोलन की वजह से और अदालत के आदेश के बाद ही सरकार ने कार्यवाही करनी शुरू की। इन दो घटनाओं की वजह से प्रदेश में अपराधियों का हौसला बुलंद हुआ और वह औरतों की अस्मत से खिलवाड़ करने लगे।
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महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अपराधों का कोई आंकड़ा नहीं
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इतनी संवेदनहीन है कि यूपी में नारी सुरक्षा तो कर नहीं पा रही है और साथ ही महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अपराधों का कोई आंकड़ा भी जारी नहीं कर रही है। अगर, सरकार के पास सही आंकड़ें होंगे और सार्वजनिक होंगे तो सरकार कानून का शासन बेहतर तरीके से लागू कर सकती है।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि वर्ष 2017 के बाद एनसीआरबी का डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया और सरकार उसको दो वर्ष से क्यों छिपाये है? उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगर गंभीर होती तो वर्ष 2018 के आंकड़ों का आंकलन करके अपराधियों से लड़ने के लिए एक ठोस रणनीति बना सकती थी। अगर सब कुछ सही है तो अपराध के आंकड़ों को सार्वजनिक करने से सरकार क्यों डर रही है।
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उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में देश में बलात्कार के मामलों में चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 95.5 था, जो वर्ष 2017 में घटकर 86.4 प्रतिशत रह गया। अगर सरकार द्वारा चार्जशीट समय से दाखिल नहीं होगी तो न्यायालय किस आधार पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा और यह एक प्रकार से सरकार द्वारा अपराधियों को सरंक्षण देना है।
उत्तर प्रदेश में चार्जशीट दाखिल करने की चींटी जैसी चाल हम सभी को पता है। मोना मिश्रा ने कहा कि मैनपुरी नवोदय विद्यालय की घटना को भी प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेने का कार्य तब किया जब कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। उसके बाद ही योगी सरकार कुंभकर्णीं नींद से जागी और आनन-फानन में एसआईटी का गठन किया।
ढाई साल बीतने के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने की बात
नेता कांग्रेस विधानमंडल दल ने कहा कि अपने घोषणापत्र में भाजपा ने महिला उत्पीड़न के मामलों में त्वरित जांच के लिए 1000 महिला अफसरों का विशेष जांच विभाग और 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की बात कही थी पर, ढाई साल बीतने के पश्चात अब भाजपा सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने की बात कर रही है। साथ ही प्रदेश में हर जिले में तीन महिला पुलिस स्टेशन स्थापित करने की बात भी कही गई थी लेकिन इसके बारे में भी भाजपा सरकार खामोश है।
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उन्होंने यूपी की योगी सरकार से कई सवाल भी किए कि सत्ता में आने के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए उनकी सरकार ने कौन-कौन सी कार्य योजनाएं बनाई हैं, भाजपा सरकार ने बलात्कार का आरोप लगने पर अपने नेताओं को संरक्षण क्यों दिया और त्वरित कार्यवाही करके पीड़िता को न्याय क्यों नहीं दिलाया, यूपी में वर्ष 2018 के अपराध के आंकड़े क्यों नहीं जारी कर रही है जबकि वर्ष 2019 बीतने वाला है।