×

योगी सरकार ने प्रशासनिक क्षेत्र में लिया बड़ा फैसला

Deepak Raj
Published on: 9 Jan 2020 4:20 PM GMT
योगी सरकार ने प्रशासनिक क्षेत्र में लिया बड़ा फैसला
X

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी के पुलिस विभाग में कमिश्नर सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक लखनऊ, नोयडा, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था फिलहाल शासन ने लखनऊ और नोयडा में प्रयोग के तौर पर कमिश्नर पोस्ट करने का फैसला लिया गया है।

योगी ने आला अफसरों के साथ बैठक की

यूपी के लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी समेत तमाम आला अफसरों की बैठक में यह फैसला लिया गया। हालांकि इस फैसले की अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक नवीन अरोड़ा नोयडा के तथा आईजी रैंक पर तैनात दो अधिकारियों सतीश गणेश तथा प्रवीण कुमार त्रिपाठी के लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर बनाये जाने की संभावना बतायी जा रही है।

पुलिस कमिश्नर सीधे एडीजी जोन को रिपोर्ट करेंगें

ये भी पढ़े-योगी सरकार में बिना जूट के बोरे के रहने को मजबूर हैं गोवंश

नई व्यवस्था के तहत दोनों पुलिस कमिश्नर सीधे एडीजी जोन को रिपोर्ट करेंगें और शस्त्र लाइसेंस से लेकर कानून-व्यवस्था तक की जिम्मेदारी संभालेंगे। जबकि इन जिलो के जिलाधिकारी केवल रेवेन्यू का काम देखेंगे। कमिश्नर प्रणाली के तहत अब लखनऊ को छोड़ कर बाकी जिलों के कप्तान आईजी रेंज लखनऊ को रिपोर्ट करेंगें। इसी तरह नोयडा को छोड़ बाकी जिलों के कप्तान आईजी रेंज मेरठ को रिपोर्ट करेंगें।

गौरतलब है कि यूपी के पुलिस अफसर लंबे समय से अंग्रेजों के जमाने के ऐक्ट और पुलिस ढांचे में बदलाव की मांग उठा रहे हैं। उनका दावा है कि इससे न्याय व्यवस्था और कानून व्यवस्था दोनों बेहतर होंगे। पुलिस अफसरों का कहना है कि वर्तमान सिस्टम ब्रिटिश राज से प्रभावित है। उस दौरान कलेक्टर उनका प्रतिनिधि होता था। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में कलेक्टर के प्रति या उसके जरिए सरकार के प्रति जवाबदेही की व्यवस्था पुरानी है।

यूपी सरकार का बड़ा तोहफा: कैबिनेट बैठक में लिए गए ये बड़े फैसले

जबकि ज्यादातर प्रजातांत्रिक देशों में पुलिस को नागरिकों के प्रति जवाबदेह बनाया गया है। जैसे यूके में पुलिस एंड क्राइम कमिश्नर का पद बनाया गया है जिसे जनता चुनती है। जिले की पुलिस उसे जवाब देती है। वहां जनप्रतिनिधियों की एक समिति है जो पुलिस के काम को परखती है।

ये भी पढ़े-लखनऊ: महिला कांस्टेबल का वीडियो वायरल, अधिकारियों पर लगाया शोषण का आरोप

गड़बड़ पुलिसवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के नियम

आईपीएस एसोसिएशन ने बीते साल सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर मांग की थी कि अन्य देशों व राज्यों में लागू कमिश्नर प्रणाली का अध्ययन कर नए पुलिस ऐक्ट के साथ इसे यूपी में लागू कराया जाए। इस मॉडल में पुलिस को निष्पक्ष काम करने की आजादी हो और गड़बड़ पुलिसवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के नियम भी हों।

आईपीएस एसोसिएशन की मांग का समर्थन करते हुए तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने भी प्रदेश के 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की पैरवी की थी।

ये भी पढ़ें-वकील की हत्या पर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को कहा-अपराधी, किया ये TWEET

पुलिस वीक के मौके पर रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित रैतिक परेड की सलामी लेने के बाद अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा था कि कानून व्यवस्था सुधरी है लेकिन इसे और बेहतर बनाने के लिए अब बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की जरूरत है। इस परेड में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा समेत सरकार के कई मंत्री और मुख्य सचिव भी मौजूद थे।

अखिलेश यादव के समय में बनी थी कमेटी

तत्कालीन डीजीपी रिजवान अहमद के कार्यकाल में कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई थी। पुलिस वीक के दौरान डीजीपी रिजवान अहमद की मांग पर तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया था। लेकिन इस कमेटी की एक भी बैठक ही नहीं आयोजित कराई गई।

Deepak Raj

Deepak Raj

Next Story