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UP Monsoon Sessionयोगी का अखिलेश को तीखा जवाब 2024में सपा का नहीं खुलेगा खाता,चाचा आपके साथ अन्याय,अभी से तय करें रास्ता

UP Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार का नजारा दिखा।

Anshuman Tiwari
Published on: 11 Aug 2023 12:31 PM GMT
UP Monsoon Sessionयोगी का अखिलेश को तीखा जवाब 2024में सपा का नहीं खुलेगा खाता,चाचा आपके साथ अन्याय,अभी से तय करें रास्ता
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UP Monsoon Session Yogi's sharp reply to Akhilesh (Photo: Social Media)

UP Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार का नजारा दिखा। पहले पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने महंगाई,टमाटर की कीमतों, आवारा पशुओं की समस्या और बारिश में जलभराव आदि के मुद्दे पर योगी सरकार पर तीखे वार किए तो बाद में योगी ने भी अखिलेश यादव पर पलटवार का कोई मौका नहीं छोड़ा। योगी ने कहा कि नेता विरोधी दल के भाषण से स्पष्ट हो गया है कि 2014, 2017, 2019 और 2022 का जनादेश हमें यूं ही नहीं मिला है।

योगी आदित्यनाथ ने अपने 2 घंटे 34 मिनट के जवाबी भाषण में कहा कि 2024 में और बुरी हालत होने वाली है। 2024 में सपा का खाता भी नहीं खुलेगा। शिवपाल सिंह यादव की ओर इशारा करते हुए योगी ने कहा कि चाचा,अभी से रास्ता तय कर लो। उन्होंने कहा कि अगर चाचा कुछ इमला अपने भतीजे को भी पढ़ा देते तो उसके लिए काफी अच्छा रहता। योगी ने कहा कि शिवपाल जी,आपकी कीमत यह लोग नहीं समझेंगे। आपके साथ मेरी पूरी सहानुभूति है।

न॔दी के रूप में सांड की पूजा

विधानसभा सत्र के आखिरी दिन आज अखिलेश यादव ने जिस आक्रामक अंदाज में योगी सरकार को घेरा, ठीक वैसे ही आक्रामक अंदाज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब भी दिया। अखिलेश यादव की ओर से सांडों की समस्या संबंधी सवाल का जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम तो नंदी के रूप में सांड की पूजा करते हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि शिवपाल जी, क्या आप नंदी के रूप में सांड की पूजा नहीं करते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन सांडों की आप बात कर रहे हैं,वे आपकी सरकार के समय में बूचड़खाने में होते थे। हमारी सरकार ने अब इस पर पूरी तरह रोक लगा दी है। हमारे समय में सांड पशुधन का हिस्सा बन चुके हैं। योगी आदित्यनाथ ने सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर का नाम लिए बिना शिवपाल की ओर देखते हुए कहा कि आपको कुछ तो अपने मित्र से सीख लेनी चाहिए। इस पर अखिलेश यादव बोल पड़े-इकरार हुआ है।

2024 में नहीं खुलेगा सपा का खाता

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान उत्तर प्रदेश में पिछले दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनावों का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता विरोधी दल के भाषण से साफ हो गया है कि इन चारों चुनावों के दौरान हमें जनता का आशीर्वाद यूं ही नहीं मिला है। अब 2024 में भी जनता सपा का डिब्बा गोल करने वाली है। 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में सपा का खाता नहीं खुलने वाला है।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान कई बार शिवपाल सिंह यादव का नाम लिया।। योगी ने शिवपाल सिंह यादव से कहा कि आपके रिहर्सल में कुछ कमी रह गई है। अभी बहुत फुर्सत के दिन है। इसलिए चाचा कुछ तो सिखा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी 2022 से 2027 चल रहा है और उसके बाद 2027 से 2032 तक भी यही दौर रहेगा। उन्होंने कहा कि चाचा को अभी से ही फैसला कर लेना चाहिए नहीं तो 2027 में सबसे पहले वे ही क्लीन बोल्ड हो जाएंगे।

गोरखपुर में जलभराव पर अखिलेश को जवाब

गोरखपुर में जलभराव के मुद्दे पर अखिलेश यादव को जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनके भाषण से स्पष्ट हो गया है कि उन्हें सिर्फ गोरखपुर में जलभराव की समस्या ही दिखाई दी है। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में हुई भारी बारिश का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक ही रात में 133 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस कारण शहर के कुछ इलाकों में लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा। अब समस्या का निदान किया जा चुका है और लोग प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों से खुश हैं। उन्हें पता है कि अब आगे ऐसी समस्या से नहीं जूझना होगा।

चांदी के चम्मच वाले किसानों की समस्याएं क्या जानेंगे

मुख्यमंत्री ने किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए भी सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि समाजवादी पार्टी ने चौधरी चरण सिंह की बातों पर अमल किया होता तो सपा के शासनकाल में सबसे ज्यादा किसानों को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती। किसने की समस्याओं को सुलझाने के लिए सपा सरकार के दौरान क्या प्रयास किए गए, यह बात सभी को पता है।
योगी ने कहा कि जो लोग जन्म से ही चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं, उन्हें किसानों, गरीबों, दलितों और पिछड़ों की समस्याओं की क्या जानकारी होगी? पूरे प्रदेश को इस बात की जानकारी है कि पिछड़ों और अति पिछड़ों के साथ इन लोगों ने क्या व्यवहार किया है।

कमल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं

योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण की शुरुआत दुष्यंत कुमार की चर्चित पंक्तियों तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं से की। इसके बाद उन्होंने पिछले चार चुनावों में सपा की विफलता का जिक्र करते हुए आक्रामक अंदाज में हमला बोला। योगी ने कहा कि आपने तो कावड़ियों के साथ ही जन्माष्टमी महोत्सव पर भी बैन लगा दिया था। जब मैं मुख्यमंत्री बना तो पूछा कि जन्माष्टमी महोत्सव को मनाने की क्या तैयारियां हैं तो इस पर मुझे बैन की जानकारी दी गई।

तब मैंने निर्देश दिया कि सभी थानों और जेलों में जन्माष्टमी का महोत्सव काफी धूमधाम से मनाया जाएगा। मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद यह धार्मिक महोत्सव काफी उल्लास से हर साल मनाया जाता रहा है। योगी ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को घेरा। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया को सड़कों पर सांड नजर आता है मगर कोरोना काल सड़कों पर 40 लाख कामगार नहीं दिखे। सच्चाई तो यह है कि कोरोना काल में ये लोग अपने घरों से बाहर ही नहीं निकले।

सपा के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी और नेता विरोधी दल के पास प्रदेश के विकास का एजेंडा न तो पहले था और न तो अभी है। यही कारण है कि जनता बार-बार इस पार्टी को जवाब दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जितना लोकभवन में पिछले एक महीने के दौरान बैठा हूं,उतना नेता विरोधी दर पांव साल में मुख्यमंत्री कार्यालय में नहीं बैठे होंगे। उन्होंने कहा कि बाढ़ और सूखे के कारण जिन किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ा है,सरकार उन किसानों की समस्याओं का समाधान करेगी।

विधानसभा में योगी बनाम अखिलेश का नजारा

अपने भाषण के दौरान योगी आदित्यनाथ काफी आक्रामक अंदाज में दिखे और उन्होंने 2024 के लिए भी बड़ी भविष्यवाणी कर दी। योगी ने उन सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश की जिन सवालों को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उठाया था। विधानसभा सत्र में आज का दिन सियासी नजरिए से काफी अहम था क्योंकि विधानसभा के सियासी अखाड़े में आज योगी बनाम अखिलेश का मुकाबला दिखा। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए और इसके जरिए अपना सियासी एजेंडा सेट करने का प्रयास भी किया।

Anshuman Tiwari

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