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Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami: सूर्य समान गुणवान पुष्कर सिंह धामी नाम
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami: यानी उत्तराखण्ड में भाजपा की मणि मुख्यमंत्री है। संसार में वे पुष्कर सिंह धामी के नाम से विख्यात है। धर्म निष्ठ गुणों की खान व उनके हृदय में सदा धनुषधारी प्रभु श्री राम की भक्ति बसती है।
उत्तराखण्ड भाजपामणि रॉउ,
लोक विदित तेही पुष्कर नाउ,
धर्मधुरंधर गुणनिधि, जानी ,
हृदय भगती सारंग धनु पानी।
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Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami: यानी उत्तराखण्ड में भाजपा की मणि मुख्यमंत्री है। संसार में वे पुष्कर सिंह धामी के नाम से विख्यात है। धर्म निष्ठ गुणों की खान व उनके हृदय में सदा धनुषधारी प्रभु श्री राम की भक्ति बसती है। धरती पर सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्म I एक ही मात्र मंदिर है वह पुष्कर तीर्थ स्थल के रूप में माना-जाना और पूजा जाता है । बेशक वह राजस्थान राज्य में आता है। देव भूमि की तो बात ही निराली है । यहा भी एक निराले जनसेवक लोकप्रिय मुखमंत्री हैं। उनका नाम भी पुष्कर ही है। राजस्थान जहां पुष्कर तीर्थ की वजह से जाना जाता है । तो उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी के नाम व काम से देश विदेश में चर्चित है।
मुख्यमंत्री धामी जी हमेशा कहते रहते हैं-
नेक काज करते रहो बहते पानी की तरह,
बुराई खुद ही किनारे लग जायेगी कचरे की तरह।
ऐसे महान विचार देव नदी मां गंगा से ही सीखे होंगे । क्योंकि मां गंगा में जो भी नदी नाले मिलते हैं, उन्हे मां तुरंत अपने जैसा पवित्र गंगा जल ही कर देती हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर जी भी अथक परिश्रम कर उत्तराखंड को दिनों दिन विकसित, स्वावलंबी व पूजनीय बनाने में सफल हो रहे है।उनकी लोकप्रियता इतनी है कि प्रदेश सरकार को माननीय प्रधान मंत्री जी व उनकी पूरी केबिनेट दिल खोल कर सहयोग प्रदान कर रही है।अपनी लोकप्रियता के कारण ही वे भाजपा के स्टार प्रचारको में गिने जाते है।वैसे भी संतो के वचन हैं, जो नेक काम करते हैं, परमात्मा परमेश्वर श्री राम कृष्ण की कृपा उनपर हमेशा बरसती रही है।जैसी नियत वैसी बरकत।
जो भी ईश्वरीय कार्य पर एक कदम बढ़ाता है प्रभु स्वयं उसके ओर 100 कदम बढ़ाते हैं। ये परमात्मा के स्वयं के वचन हैं- गीता में।
सरलता, मधुरता व मानवता के धनी हैं पुष्कर सिंह धामी। वेदोक्त वाणी है । यथा राजा तथा प्रजा। यद्यपिलोकतंत्र में कोई राजा नहीं होता। तदापि प्रधानमत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को जनसेवा के अधिकार जो प्राप्त हैं, संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं, वे राजा जैसे ही हैं। सरलता के,मधुरता के व मानवता के महान गुण से बढ़ कर गुण क्या हो सकते हैं। तपस्वी जो गुण पीढ़ियों कठोर तपस्या कर परमात्मा परमेश्वर से प्राप्त करते हैं , वो सब धामी ने अपने प्रारब्ध व बड़ों के आशीर्वाद से बालपन में ही प्राप्त कर लिये थे। उनको प्रगट किया समय समय पर। संघ के स्वयं सेवक के रूप में विद्यार्थी जीवन में।युवा मोर्चा के परदेश अध्यक्ष के रूप मे अपना लोहा मनवाया।
मुख्यमंत्री धामी जी में है सूर्य जैसी चमक
विधायक बनने पर सड़क से लेकर सदन तक उनकी गूंज सुनाई दी। मुख्यमंत्री बनने पर तो उनकी प्रखरता सूर्य की लालिमा से मध्यान के सूर्य जैसी चमक रही है। सूर्य के चारो महान गुण साक्षात मुख्यमंत्री धामी जी में देखे और महसूस किए जा सकते हैं। बात करते हैं उनमे और त्रिभुवन भास्कर में वे कौन कौन से महान प्रत्यक्ष गुण है। प्रथम गुण, निरंतरता, यानी समय के पाबन्द, साल के 12 महीने 365दिन निरंतर अपना कार्य करते जाना । उन्हें इस निरंतरता के कारण कोई आज तक यह नहीं कह सका की आज सूर्य नही निकला या कल सूरज नही निकला था। सर्दियों मे घना कोहरा कभी कभी होने से धूप के दर्शन प्राप्त नही होते हैं। लेकिन सूर्य नही निकला ऐसा संसार में कोई नहीं कह सकता। सूरज का नित्य पूर्व दिशा से निकलना और पश्चिम में डूबना आदि काल से जारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी नित्य जनसेवा को केंद्र में रख कर अपने संवैधानिक अधिकारों का बखूबी निर्वहन करते रहना उनकी निरंतरता को चार चांद लगाता है।दूसरा सूर्य का महान गुण है भेदभाव रहित सबको अपनी ऊर्जा देते रहना। कौन अपना है, कौन पराया है, ऐसा कभी सूर्य देवता नहीं करते हैं। उनका काम है सबको समान रूप से प्रकाश देना।मुख्यमंत्री उत्तराखंड धामी भी बिना जात-पात, गरीब-अमीर व मेरा-तेरा देखे सबको दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सम्मान व संरक्षण देते हैं। यह भेदभाव रहित महान गुण बिरलो में ही पाया जाता है।
तीसरा महान गुण सूर्य देवता का है अपेक्षा रहित अपना सर्वकल्याण के लिए यथा शक्ति चर अचर की मदद करना।बेशक जिनके कारण हम इस मुकाम पर पहुंचे है उनकी प्रथम सेवा व मदद करनी ही चाहिए । लेकिन दूसरे को भी सम्मान मिले उसको ऐसा ना लगे कि उसका अपमान हो रहा है। यहां पर एक प्रेरक प्रसंग याद पड़ा है । जब एक वैश्या ने स्वामी विवेकानन्द जी को एक अद्भुत भजन गा कर आश्चर्य चकित कर दिया था।हुआ यूं था कि एक राजा ने स्वामी विवेकानन्द जी को अपने यहा आमंत्रित किया था। उस दिन राजा ने अपने दरबार में एक समारोह आयोजित किया था । जिसमे नृत्य प्रस्तुत व भजन गाने के लिए मशहूर नृत्यांगना, जो एक वैश्या थी, उसको बुलाया गया था।
धामी बिना भेदभाव के अपना कार्य करते हैं
जब स्वामी जी को यह बात पता चली तो उन्होंने राजा के निमंत्रण को ठुकरा दिया था, वो समारोह में नही आए । अपने कक्ष में ही रहे । लेकिन वो जो राग गा रही थी, उसकी आवाज स्वामी विवेकानन्द जी के कानों तक पहुंच रही थी। राग इतना मार्मिक व प्रासंगिक था कि स्वामी जी अपने को रोक नहीं पाए और राजा के दरबार मे आ गए। राजा सहित सब चकित हो उठे कि स्वामी जी कैसे पधार गए ? इससे भी बड़ी बात यह हुई कि स्वामी जी की आंखो में आंसुओं की झड़ी लग गई। वैश्या गा रही थी कि एक लोहा लुहार के वहां होता है और एक कसाई के यहा लेकिन क्या पारस दोनों के यहाँ के लोहे में भेदभाव करता है, नही करता है । अपने स्पर्श से दोनों को सोना बना देता है। अतः स्वामी जी समझ गए कि यह मेरे भेद भाव के लिए मुझ से कह रही है कि आप तो पारस हो,संत हो। फिर मेरे साथ भेदभाव क्यों किया आपने।मेरे अच्छे बुरे कर्म मुझे ईश्वरीय विधान के अनुसार दंड देंगे ही परंतु आप जैसे महान संतो को ऐसा नही करना चाहिए। मुख्यमंत्री धामी भी बिना भेदभाव के अपना कार्य करते हैं। यही उनकी सरलता-मधुरता- सहजता है।चौथा महान गुण सूर्य देव का यह है कि वे अपना प्रकाश ऊपर से नीचे की और हमेशा फैलाते हैं। कभी भी ऊपर की और नही । हमेशा नीचे की ओर।
गरीब के जीवन से अंधकार को दूर कर उजाला देना
यही महान गुण प्रधानमंत्री मोदी से मुख्यमंत्री धामी ने 100 फ़ीसदी अपने जीवन में उतारा है। वह परिलक्षित भी हो रहा है। जैसे मोदी जी आमजन की पीड़ा को समझते हैं। फिर दूर करते हैं। ठीक वैसे ही युवा मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार पुष्कर सिंह धामी भी करते हैं। गरीब के जीवन से अंधकार को दूर कर उजाला देना। हर घर जल,राशन व उजवला गैस सिलेंडर देना आदि। गरीब के जीवन को फ्री इलाज देना आदि।जिसके पास घर नहीं ऐसे गरीबों को पक्का घर देना आदि।यानी डार्कनेस को लाइटनेस मे बदला, सैड को ज्वाय में बदला। ग़रीबी को प्रॉपर्टी में बदला आदि आदि।इसीलिए किसी ने क्या खूब कहा है,, बहुत लोग कीमत से मिल जाते है लेकिन बिरले ही किस्मत से मिलते है।
( लेखक भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।)