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त्रिवेंद्र रावत पर भविष्यवाणीः कुर्सी जाना था तय, पंडित विभु गौड़ ने पहले ही लिखा था ये
उत्तराखंड में जनता से संबंधित कोई त्रासदी भी हो। इसलिए 20 जनवरी 2021के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का समय अच्छा नहीं है बीजेपी में विरोध के स्वर बढ़ जाएंगे। हो सकता है
देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना इस्तीफा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंप दिया। माना जा रहा है कि उनके इस कदम के बाद राज्य में तीन दिन से जारी सियासी संकट खत्म हो जाएगा। अब राज्य सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाने की अटकलें लग रही है। माना जा रहा है कि उनके नाम का एलान बुधवार (10 मार्च) तक हो जाएगा। इस रिपोर्ट में ये बताने जा रहे हैं कि रावत नें भले ही सीएम पद से कल इस्तीफा दिया। लेकिन इसकी भविष्यवाणी पंडित विभु गौड़ ने 14 अक्टूबर 2020 को कर दी थी।जो कि "गूगल" पर भी प्रकाशित हुई थी। इसे "फेसबुक" पर प्रकाशित करने का प्रयास किया हैं।
पूर्व जन्म के कर्मों का फल
कई व्यक्ति "प्रारब्ध" के धनी होते हैं।जिनमें उनको "पूर्व जन्म" में किए गए कर्मों का फल प्राप्त हो जाता है (वर्तमान में)। जबकि वे "कुशल प्रशासक"नहीं होते,फिर भी उनको "प्रारब्ध के कर्मों"के द्वारा उनको वर्तमान में "भाग्य का फल" मिल जाता है। उनमें से वर्तमान में 2-3 "मुख्यमंत्री" ऐसे ही देखे गए हैं।
(उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत), (हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर)। इनमें "उत्तराखंड" के "मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत" विषय में चर्चा करेंगें। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रारंभ से (आर एस एस) व बीजेपी की संगठन इकाई से जुड़े रहे। विधायक व मंत्री होते हुए सन 2017 में बीजेपी" के कहीं दिग्गज नेताओं को पछाड़कर मुख्यमंत्री बने। परंतु कुशल प्रशासक नहीं बन पाए।
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समय थोड़ा खराब शुरू हुआ
ज्योतिष के माध्यम से देखा कि "26 फरवरी 2020 "के उपरांत इनका समय थोड़ा खराब शुरू हुआ इसके उपरांत उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में एक आवाज इनके विरोध में उठी होगी, कि मुख्यमंत्री को हटाया जाएगा। परंतु अभी ज्योतिष के अनुसार भाग्य इनका साथ देता हुआ नजर आता है और 20 जनवरी 2021" तक अभी हमें इसकी संभावना नजर नहीं आती। परंतु 20 जनवरी 2021 के उपरांत जैसे ही श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ग्रह दशा परिवर्तित होगी। इनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जाने लगेगा। जनता में असंतोष की भावना प्रबल होगी, विधायकों में भी आक्रोश बढ़ेगा और यह भी हो सकता है।
बीजेपी में विरोध के स्वर बढ़े
उत्तराखंड में जनता से संबंधित कोई त्रासदी भी हो। इसलिए 20 जनवरी 2021के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का समय अच्छा नहीं है बीजेपी में विरोध के स्वर बढ़ जाएंगे। हो सकता है अगले विधानसभा चुनाव से पहले इनको इस्तीफा भी देना पड़े इसमें दो तीन विधायकों का अहम रोल होगा। जो की कांग्रेस सरकार" में ताकतवर मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में बीजेपी सरकार में भी ताकतवर मंत्री है जिनके नाम का एक का पहला अक्षर H और दूसरे का पहला अक्षर S हो सकता है।
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आज फैसला
बता दें कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज है। इसके साथ ही कैबिनेट भंग हो गई है और अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह बुधवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सुबह 10 बजे विधायक दल की बैठक में तय होगा। इसके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम देहरादून पहुंच गए हैं।