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वैक्सीन से 13 मौतें: अब टीके पर उठने लगे सवाल, क्या सच में खतरनाक है ये?
नॉर्वे (Norway) में वैक्सीन लगाने के बाद 13 लोगों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि नए साल से चार दिन पहले ही नार्वे में फाइजर वैक्सीन लगाने की शुरूआत की गई थी।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ बीते कई महीने से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। कई महीनों के लंबे इंतजार के बाद दुनियाभर के तमाम देशों में वैक्सीनेशन शुरू कर दी गई है, लेकिन इस बीच फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine) को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, नॉर्वे (Norway) में वैक्सीन के डोज के बाद 13 लोगों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि नए साल से चार दिन पहले ही नार्वे में फाइजर वैक्सीन लगाने की शुरूआत की गई थी।
पहले ही कर दी गई थी ये घोषणा
नॉर्वे में सबसे पहले फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine) की पहली खुराक 67 साल के सविन एंडरसन को दी गई थी। इसके बाद से अब तक करीब 33 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। आपको बता दें कि यहां पर वैक्सीनेशन की शुरूआत के साथ ही ये भी बता दिया गया था कि कुछ लोगों में साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
13 में से नौ में गंभीर साइड इफेक्ट
एक मीडिया रिपोर्ट में नॉर्वेजियन मेडिसिन एजेंसी के हवाले से बताया गया है कि वैक्सीन लगाने के बाद 29 लोगों में साइड इफेक्ट देखे गए हैं, जबकि वैक्सीनेशन के बाद अब तक 23 लोगों की मौत को टीकाकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि अब तक इनमें से महज 13 मरीजों की ही जांच की गई है। एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन ने देश के राष्ट्रीय प्रसारक एनआरके से बातचीत करते हुए कहा कि 13 लोगों की मौतों में नौ सीरियस साइड इफेक्ट के मामले हैं।
ज्यादातर बुजुर्ग या बीमार लोगों की मौत
मैडसेन ने कहा कि जांच में सामने आया है कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें ज्यादातर बुजुर्ग या कमजोर लोग शामिल थे, जो नर्सिंग होम रहते थे। डायरेक्टर के मुताबिक, मृतकों की उम्र 80 या 90 साल से ज्यादा है। उनका कहना है कि इनमें से कुछ को वैक्सीनेशन के बाद फीवर और घबराहट जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ा होगा। जिसके बाद वे गंभीर रूप से बीमार हो गए और फिर उसकी मौत हो गई।
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ये मामले दुर्लभ हैं- मैडसेन
एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन ने जोर देते हुए कहा कि ये मामले दुर्लभ हैं। जिन लोगों की वैक्सीन के बाद मौत हुई है, वे दिल से संबंधित बीमारी, डिमेंशिया और अन्य गंभीर बीमारियां से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि अब तक पुष्टि किए गए साइड इफेक्ट के मामलों से प्राधिकरण चिंतित नहीं है। मैडसेन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कुछ बीमार लोगों को छोड़कर वैक्सीन का बहुत कम लोगों को खतरा है।
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