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अब नहीं बच पाएगा चीन: ड्रैगन के खिलाफ 40 देश, लिया ये कठोर फैसला

अमेरिका, कई यूरोपीय देशों, जापान समेत कई अन्य देशों ने चीन से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट सहित स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के लिए शिनजियांग तक स्वतंत्र पहुंच की अनुमति देने की अपील की।

Newstrack
Published on: 7 Oct 2020 1:17 PM GMT
अब नहीं बच पाएगा चीन: ड्रैगन के खिलाफ 40 देश, लिया ये कठोर फैसला
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देशों ने चीन से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट सहित स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के लिए शिनजियांग तक स्वतंत्र पहुंच की अनुमति देने की अपील की।

लखनऊ: भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है। अब इस बीच चीन के खिलाफ दुनिया के 40 देश हो गए हैं। इन 40 देशों ने दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रवैया, चीन में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार और पड़ोसी देशों की सीमाओं में घुसपैठ संबंधी मुद्दों चीन की कड़ी आलोचना की है।

इन देशों की तरफ से हांगकांग में चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से मानवाधिकारों पर पड़ने वाले प्रभाव पर गंभीर चिंता जताई है। इन देशों में ज्यादा पश्चिमी देश हैं और इन्होंने खासकर शिनजियांग और तिब्बत में अल्संख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार सवाल खड़े किए हैं।

अमेरिका, कई यूरोपीय देशों, जापान समेत कई अन्य देशों ने चीन से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट सहित स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के लिए शिनजियांग तक स्वतंत्र पहुंच की अनुमति देने की अपील की। इसके साथ उन्होंने उइगर तथा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को हिरासत में लेने पर रोक लगाने की भी मांग की।

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40 देशों का चीन के खिलाफ हल्ला बोल

संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार समिति की बैठक में करीब 40 देशों ने एक संयुक्त बयान में चीन से हांगकांग में स्वायत्तता, अधिकार और स्वतंत्रता को बनाए रखने और हांगकांग की न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करने की अपील की।

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इन देशों का यह बयान संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के राजदूत क्रिस्टोफ हेस्जेन की तरफ से पढ़ा गया। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने भी एक बयान पढ़ा। इसमें 55 देशों का व्यक्तव्य था। इसमें चीन के मामलों में हस्तक्षेप करने का विरोध किया गया था। उसने कहा कि क्षेत्र चीन का हिस्सा है और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हांगकांग पर चीन की एक देश, दो प्रणाली नीति सुनिश्चित करता है। इसके बाद क्यूबा ने 45 देशों की तरफ से बयान पढ़ा। इसमें चीन के आतंकवाद विरोधी और शिनजियांग में कट्टरपंथ को कम करने के लिए उठाए कदमों का समर्थन किया गया।

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इन देशों में चीन के प्रति बढ़ी नकारात्मकता

अब इस बीच एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि कि दुनिया की उन्नत अर्थव्यवस्था वाले लोकतांत्रिक देशों खास तौर पर ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में चीन की छवि नकारात्मक बन रही है। चीन अपने कई पड़ोसी और अन्य देशों के साथ कारोबारी और राजनयिक विवादों में उलझ है और आक्रामक रुख अपनाया हुआ है। सर्वेक्षण के नतीजे मंगलवार को जारी किए गए।

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सर्वेक्षण उन्नत अर्थव्यवस्था वाले 14 लोकतांत्रिक देशों में 10 जून से तीन अगस्त के बीच हुआ था। इसमें टेलीफोन के माध्यम 14 देशों के 14,276 वयस्क युवाओं से बातचीत की गई थी। सर्वेक्षण में शामिल ज्यादातर लोगों की राय चीन के प्रति नकारात्मक रही। यह सर्वेक्षण अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया में हुआ है।

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