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एक दिन में 627 मौतें: कांप उठा पूरा देश, पूरी पीढ़ी खा गया कोरोना

इटली में कोरोना के संक्रमण से कुल मरने वालों में 18 फीसदी लोगों का मेडिकल रिकॉर्ड देखा तो पता चला कि मरने वालों में महज 0.8 फीसदी ही ऐसे लोग थे जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी।

SK Gautam
Published on: 21 March 2020 10:16 AM GMT
एक दिन में 627 मौतें: कांप उठा पूरा देश, पूरी पीढ़ी खा गया कोरोना
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नई दिल्ली: इटली के 'नेशनल हेल्थ अथॉरिटी' की एक स्टडी के अनुसार, मरने वालों में से 99 फीसदी लोग पहले से ही किसी न किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त थे। बता दें कि इटली में कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक करीब 4032 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 36 हजार मामले सामने आ चुके हैं।

एक दिन में मरने वालों की संख्या 627

कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद इटली में बाकी देशों की तुलना में मृत्यु दर ज्यादा है। इटली में शुक्रवार (20 मार्च) को कोरोना वायरस से 627 और लोगों की मौत होने के साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या महामारी को नियंत्रित करने के लिए सरकार के भरपूर प्रयासों के बावजूद दुनिया में सबसे अधिक 4,000 के पार चली गई।

कोरोना ने एक पीढ़ी कर दिया ख़त्म

चीन के बाद कोरोना वायरस से इटली में सबसे बड़ी तबाही हुई है और हालात बेकाबू हो गए हैं। यहां बर्गमो प्रांत में तो हालात इतने भयावह हैं कि कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करने में भी संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है। यहां केवल दो सप्ताह में ही एक पूरी पीढ़ी अपनी जान से हाथ धो बैठी है। हालात इतने भयावह हैं कि स्थानीय लोगों का कहना है कि यह रुला देने वाला है।

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एक रिपोर्ट के अनुसार, बर्गमो प्रांत में लाशों को दफनाने में ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के चर्चों में ऐसे ताबूतों की लाइनें लगी हैं, जिनमें संक्रमण से मरने वालों की लाशों को दफनाया जाना है। इस वजह से लोगों को लाश अपने घरों में ही कई दिनों तक रखनी पड़ रही है। इसकी वजह है कि कोरोनावायरस महामारी की मार झेल रहे इस इतावली प्रांत में अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनियों की कार्यप्रणाली चरमरा गई है।

पहले से कोई बीमारी नहीं थी

रोम स्थित इंस्टिट्यूट ने इटली में कोरोना के संक्रमण से कुल मरने वालों में 18 फीसदी लोगों का मेडिकल रिकॉर्ड देखा तो पता चला कि मरने वालों में महज 0.8 फीसदी ही ऐसे लोग थे जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी। इनमें से आधे से ज्यादा लोग पहले से ही कम से कम तीन बीमारियों से जूझ रहे थे और एक चौथाई लोग एक या दो बीमारी से ग्रसित थे।

75 फीसदी लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार थे। 35 फीसदी लोगों को डायबिटीज थी और एक तिहाई लोग दिल की बीमारी से ग्रसित थे। इटली में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक दिन में 475 लोगों को मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या तीन हजार के करीब पहुंच गई है। इटली के लोम्बार्डी में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। 475 में से 319 लोगों की एक दिन में मौत इसी इलाके में हुई है।

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इटली चीन के बाद कोरोना वायरस की चपेट में सबसे बुरी तरह से आया है। पूरी दुनिया में कोरोना से मरने वालों की तादाद कम से कम 8,758 पहुंच गई है जिनमें से ज्यादातर लोग चीन के हैं।

6 करोड़ नागरिक अपने घरों में कैद

यूरोप में कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित इटली की सड़कें पहले ही खाली हैं और दुकानें बंद पड़ी हैं जबकि 6 करोड़ नागरिक अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। इटली में यूरोप की सबसे बुजुर्ग आबादी बसती है और कोरोना बुजुर्गों को ही सबसे आसानी से अपना शिकार बना रहा है।

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इटली में हालात इतने भयावह हैं कि यहां लोग अपनों के अंतिम संस्कार में भी शरीक नहीं हो पा रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से लगातार हो रहीं मौतों की वजह से कई प्रांतों में शवों के अंतिम संस्कार में भी देरी हो रही है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इटली में लगाई गईं तमाम पाबंदियों की वजह से पारंपरिक रूप से अंतिम संस्कार गैर-कानूनी हो गया है। यहां अंतिम संस्कार समेत किसी भी प्रक्रिया के लिए लोग एक जगह जमा नहीं हो सकते हैं।

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