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अलेक्सी नावाल्नी जहर कांडः मर्केल और पुतिन में हो गई तनातनी

रूस के विपक्षी नेता अलेक्सी नावाल्नी को जहर दिए जाने के मामले से जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच टकराव हो गया है।

Newstrack
Published on: 12 Sep 2020 7:27 AM GMT
अलेक्सी नावाल्नी जहर कांडः मर्केल और पुतिन में हो गई तनातनी
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अलेक्सी नावाल्नी जहर कांडः मर्केल और पुतिन में हो गई तनातनी (file photo)

बर्लिन: रूस के विपक्षी नेता अलेक्सी नावाल्नी को जहर दिए जाने के मामले से जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच टकराव हो गया है। जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने साफ साफ कहा है कि अलेक्सी नावाल्नी को नर्व एजेंट दे कर हत्या की कोशिश की गई थी और रूस इस पर जवाब दे, जबकि रूस पहले ही कह चुका है कि कोई जहर नहीं दिया गया था।

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पुतिन का राज

पुतिन बीस साल से रूस पर शासन कर रहे हैं। न उन्होंने गद्दी छोड़ी है और न कोई उनके सामने टिक पाया है। इतने सालों में कई लोगों ने उनके खिलाफ बोलने की कोशिश की है लेकिन किसी ना किसी तरह उन्हें चुप करा दिया गया। और इसी पुतिन विरोधियों की लिस्ट में सबसे ताज हैं अलेक्सी नावाल्नी. दुनिया की नजरों में ये भले ही अभी इस घटना के बाद आए हैं लेकिन नावाल्नी 2008 से पुतिन के खिलाफ लिखते रहे हैं। नावाल्नी ने 2008 में एक ब्लॉग लिख कर रूसी राजनीति और सरकारी कंपनियों के कथित गलत कामों की ओर लोगों का ध्यान खींचा। उनके ब्लॉग में लिखी बातें अकसर इस्तीफों की वजह बनती हैं जो रूस की राजनीति में दुर्लभ बात है।

जब इनपर लगातार अलग अलग आरोपों में मुक़दमे चलने लगे तो इन्होंने राजनीति में उतर कर पुतिन का सामना करने का फैसला किया। पहले मेयर का चुनाव लड़ा, ऑपोजशन पार्टी बनाई, दस साल तक लगातार पुतिन के खिलाफ आवाज उठाते रहे और फिर 2018 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा भी कर दी। लेकिन इन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई।

फ्लाइट में जहरीली चाय

नावाल्नी के बारे में अचानक ही खबर आई कि उनकी तबियत खराब हो गई है। वो तोम्स्क नाम के शहर से फ्लाइट ले कर मॉस्को जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उनकी तबियत बिगड़ने की वजह से ओम्स्क शहर में फ्लाइट की एमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। उनकी मैनेजर ने कहा कि उन्होंने सुबह से सिर्फ चाय पी है, और कुछ नहीं यानी चाय में जहर डाला गया। ओम्स्क में उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि बात सही है, उन्होंने सुबह से सिर्फ चाय पी थी, और कुछ नहीं, इसलिए उनका ब्लड शुगर लेवल डाउन हो गया और वो बेहोश हो गए। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब रूस में सरकार के किसी विरोधी को जहर देने का मामला सामने आया हो। बहरहाल नावाल्नी को इलाज के लिए बर्लिन लाया गया।

alexei navalny alexei navalny (file photo)

बर्लिन में ही क्यों?

बर्लिन के शारिटे अस्पताल में पहले भी पोलिटिकल जहरखुरानी के दूसरे शिकारों का इलाज किया जा चुका है, इसलिए यहां के डॉक्टरों को इसका तजुर्बा है। इस तरह की जहर खुरानी में ये खास किस्म का नर्व एजेंट होता है। ये एक ऐसा केमिकल है जो सीधे नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है। नर्व एजेंट के संपर्क में आने वाले व्यक्ति को फौरन ही सांस लेने में दिक्कत आने लगती है और व्यक्ति कोमा में पहुंच जाता है। कई बार इन्हें खाने में या किसी ड्रिंक में मिला कर दिया जाता है। लेकिन ऐसे में असर देर से शुरू होता है। लेकिन अगर इसे सीधे किसी पर स्प्रे कर दिया जाए तो ये फौरन त्वचा के अंदर पहुंच जाता है।

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नावाल्नी के मामले में नोविचोक नाम का नर्व एजेंट दिया गया जो कि रूस की खुफिया एजेंसी के ही पास है। इसीलिए जर्मन चांसलर मर्केल ने साफ साफ शब्दों में इसे 'अटेम्पट टू मर्डर' कहा। इसके बाद से जर्मनी और रूस के संबंधों में तनाव आता दिख रहा है।

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