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अमेरिका से कांपा चीन: वायुसेना का अभ्यास, 'नो-फ्लाई जोन' में यूएस का जासूसी विमान
समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने बताया कि यह अभ्यास बीजिंग के पूर्व में बोहाई खाड़ी पर सोमवार को शुरू हुआ और 30 सितंबर तक चलेगा। व्यापार, प्रौद्योगिकी, ताइवान और दक्षिण चीन सागर सहित कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका के बीच विवाद जारी है।
नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच तनाव बरक़रार है। उत्तरी हिस्से में सैन्य अभ्यास के दौरान निर्धारित 'नो-फ्लाई जोन' में अमेरिकी वायुसेना के यू-2 जासूसी विमान की कथित 'घुसपैठ' का चीन ने कड़ा विरोध किया है। राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस कार्रवाई से 'सामान्य अभ्यास में गंभीर हस्तक्षेप किया गया।'
चीन ने इसका कड़ा विरोध किया
मंत्रालय के प्रवक्ता वू कीन ने कहा है कि 'यह पूरी तरह से उकसावे की कार्रवाई है।' वू ने कहा कि चीन ने इसका कड़ा विरोध किया है और अमेरिका से ऐसी हरकतें रोकने की मांग की है। बयान में कहा कि चीन का 'उत्तरी थिएटर कमान' सैन्य अभ्यास कर रहा था। उसके समय और स्थान संबंधी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। दोनों देशों के रिश्ते कई दशकों में सबसे खराब स्तर पर।
अभ्यास 30 सितंबर तक चलेगा
हालांकि, समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने बताया कि यह अभ्यास बीजिंग के पूर्व में बोहाई खाड़ी पर सोमवार को शुरू हुआ और 30 सितंबर तक चलेगा। व्यापार, प्रौद्योगिकी, ताइवान और दक्षिण चीन सागर सहित कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका के बीच विवाद जारी है। दोनों के रिश्ते कई दशकों में सबसे खराब स्तर पर हैं।
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यू-2 जासूसी विमान कई घंटे तक चीन के आसमान में मंडराते रहे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यू-2 जासूसी विमान कई घंटे तक चीन के आसमान में 70 हजार फीट की ऊंचाई पर मंडराते रहे। उन्होंने पूरी मिलिट्री एक्सरसाइट कैप्चर की। इसके बाद आराम से हिंद महासागर में अपने बेस पर लौट गए। चीन की सेना को इसकी भनक तक नहीं लगी। यू-2 जासूसी विमान पहली बार 1950 में नजर आए। कई बार इसे अपग्रेड किया गया। हालांकि, अमेरिका के पास इनसे कई गुना बेहतर जासूसी विमान भी हैं।
एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल, यू-2 जासूसी विमान को छू भी नहीं सकती
यू-2 जासूसी विमान 70 हजार फीट ऊपर से जमीन पर हो रही छोटी से छोटी हरकत पर नजर रख सकता है। फोटोग्राफ ले सकता है और एचडी वीडियो बना सकता है। खास बात ये भी है कि इसे एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल इसे छू भी नहीं सकतीं।