TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अमेरिका: डॉ सुभाष काक को पद्म श्री से नवाजा गया

72 साल के काक ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मैं पद्म श्री पुरस्कार पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत पुनर्जागरण से गुजर रहा है और पहले से ही पीपीपी (खरीद क्षमता) में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के विकास में शामिल होना और परिवर्तन का हिस्सा बनना बहुत अच्छा है।’’

PTI
By PTI
Published on: 4 Jun 2019 11:24 AM IST
अमेरिका: डॉ सुभाष काक को पद्म श्री से नवाजा गया
X

ह्यूस्टन: अमेरिका के ओक्लाहोमा राज्य विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एमिरेट्स सुभाष काक को भारत के महावाणिज्यदूत डॉ अनुपम रे ने पद्म श्री सम्मान सौंपा। पद्म श्री भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।

रे ने उप महावाणिज्य दूत सुरेंद्र अधाना के साथ प्रोफेसर काक को मेडल एवं उद्धरण सौंपा। काक मार्च में पुरस्कार वितरण समारोह में भारत नहीं आ सके थे।

ये भी देंखे:पाकिस्तान की हार का सिलसिला थमा, इंग्लैंड को घर में 14 रनों से दी मात

72 साल के काक ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मैं पद्म श्री पुरस्कार पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत पुनर्जागरण से गुजर रहा है और पहले से ही पीपीपी (खरीद क्षमता) में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के विकास में शामिल होना और परिवर्तन का हिस्सा बनना बहुत अच्छा है।’’

काक मूल रूप से श्रीनगर के रहने वाले हैं। उन्होंने श्रीनगर के क्षेत्रीय इंजनीरियंग कॉलेज (अब राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, श्रीनगर) से बीई किया। 1970 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से पीएचडी की।

वह 1975-1976 में लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में अतिथि शिक्षक थे जबकि मर्रे हिल की बेल लेबोरेट्रीज में अतिथि शोधकर्ता थे। इसके अलावा वह 1977 में बंबई स्थित टाटा इंस्टि्टयूट ऑफ फंडलमेंटल रिसर्च में अतिथि शोधकर्ता थे।-

ये भी देंखे:अखिलेश ने पार्टी में बदलाव किया तो साथ रहेंगे: मायावती

28 अगस्त 2018 को उन्हें भारतीय प्रधानमंत्री की विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) का सदस्य नियुक्त किया गया। वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग के मानद अतिथि प्रोफेसर भी हैं।

काक 20 किताबों के लेखक हैं जिनमें से कुछ का अनुवाद फ्रैंच, जर्मन, इतावली, स्पैनिश, कोरियन और सर्बियन भाषाओं में हुआ है।

(भाषा)



\
PTI

PTI

Next Story