अमेरिका का बुरा हाल: उपद्रव की चपेट में शिकागो, सालों पुराना है इतिहास

अमेरिका का शिकागो शहर फिर उपद्रव की चपेट हैं। अपराधिक गिरोह सड़कों पर खुलेआम घूम घूम कर उपद्रव और लूटपाट कर रहे हैं।

Newstrack
Published on: 11 Aug 2020 11:09 AM GMT
अमेरिका का बुरा हाल: उपद्रव की चपेट में शिकागो, सालों पुराना है इतिहास
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अमेरिका का बुरा हाल: उपद्रव की चपेट में शिकागो, सालों पुराना है इतिहास

नई दिल्ली: अमेरिका का शिकागो शहर फिर उपद्रव की चपेट हैं। अपराधिक गिरोह सड़कों पर खुलेआम घूम घूम कर उपद्रव और लूटपाट कर रहे हैं। शिकागो के पोश इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ का मंजर है। पहले शिकागो पर कोरोना का का कहर बरपा अब बलवे का प्रकोप है। लेकिन ये शहर पहले भी इन हालातों से गुजर चुका है। 1919 में यहाँ नस्लीय दंगे हुए। 1966 में शिकागो के पश्चिमी हिस्से में फव्वारे बंद किये जाने को लेकर दंगे भड़क उठे थे।

1968 में अश्वेत मानवाधिकार नेता डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के बाद 48 घंटों तक शहर जलता रहा था। 11 लोगों की जान चली गयी थी और 100 इमारतें नष्ट हो गईं थीं। फिर वियतनाम युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव किया और पुलिस के साथ संघर्ष चला। 1969 में फिर बलवे हुए। यही नहीं, शिकागो शहर संगठित अपराध के लिए भी बदनाम रहा है। यहाँ गैंग वॉर आम बात है जिसमें हर साल अनेकों लोगों की जानें जातीं हैं।

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अमेरिका का बुरा हाल: उपद्रव की चपेट में शिकागो, सालों पुराना है इतिहास

लेकिन अब शिकागो में जो चल रहा है वह अभूतपूर्व है। बीते नौ हफ़्तों से शहर में तीसरी बार हिंसा भड़की है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाये जाने पर उपद्रव शुरू हुए हैं। वहीँ उपद्रवियों का कहना है कि रविवार को पुलिस के हाथों एक अश्वेत नागरिक की मौत के बाद हिंसा भड़की है। अब शिकागो में उपद्रवियों ने खासकर महंगे बाज़ारों और स्टोर्स पर निशाना साधा है। महंगी चीजों के स्टोर पुलिस के सामने जमकर लूटे गए हैं। जिस तरह अपराधियों के गिरोहों ने लूटपाट की है और पुलिस का जो रिएक्शन रहा है उससे शिकागो की मेयर पर बहुत उंगलियाँ उठ रहीं हैं।

गोलीबारी की वारदातें

शिकागो पुलिस चीफ डेविड ब्राउन ने कहा है कि यह एक संगठित विरोध नहीं था बल्कि पूरी तरह से आपराधिक घटना है। 25 मई को पुलिस की गोली लगने से अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स की मौत हो गई थी। यह हिंसा तभी से चल रही है।

शिकागो के पास स्थित एंगल-वुड में रविवार को लोग हिंसा पर उतर आए थे। पुलिस ने हिंसा को काबू में करने के लिए गोलियां चला दीं इसमें एक युवक घायल हो गया। इसके बाद हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए और स्थिति और भी ख़राब हो गयी। सोमवार को बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए और शॉपिंग मॉल, दुकानों में लूटपाट करने लगे। पुलिस ने इसमें 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अभी अन्य अराजक लोगों की पहचान की जा रही है।

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इस दौरान कई जगहों पर पुलिस और लूटमार कर रहे लोगों के बीच फायरिंग भी हुई। इस फायरिंग में 13 पुलिस अधिकारी भी घायल बताए जा रहे हैं। शिकागो के औद्योगिक क्षेत्र मेग्निफिसेंट माइल समेत ब्लैक आबादी वाले इलाकों में लूटमार की घटनाएं ज्यादा देखने को मिल रहीं हैं।

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मेयर पर सवाल

दरअसल शिकागो की मेयर लोरी लाइटफुट खुद अश्वेत हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी से नाता रखती हैं। जबसे अमेरिका में जॉर्ज फ्लोयेड की हत्या हुई है और ब्लैक लाइव मैटर आन्दोलन चल रहा है उसमें डेमोक्रेटिक पार्टी ने खूब राजनीतिक रोटियां सेंकीं हैं। बता दें कि प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के हैं। अमेरिका में जहाँ जहाँ डेमोक्रेट्स मेयर या अगवार्नर हैं वहां दंगों को खूब हवा दी गयी और पुलिस ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। ऐसे में शिकागो की घटना और डेमोक्रेट मेयर लोरी लाइटफुट की अक्षमता सवालों के घेरे में है।

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