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भारत के साथ आया अमेरिका, चीन को बताया दुनिया के लिए खतरा
अमेरिका चीन की इस हरकत पर अब भारत के साथ खड़ा हुआ है। ऐसा में अमेरिका ने चीन की हरकतों को पूरी दुनिया के खिलाफ एक ख़तरा करार दिया है।
पूरी दुनिया में फैला कोरोना वायरस चीन की ही देन है। जिसके लिए चीन की आलोचना भी हुई। लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब चीन लगातार भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश कर रहा है। चीन की सेना की ओर से लगातार जारी इस नापाक हरकत पर अब अमेरिका ने अपनी टिप्पणी दी है। अमेरिका चीन की इस हरकत पर अब भारत के साथ खड़ा हुआ है। ऐसा में अमेरिका ने चीन की हरकतों को पूरी दुनिया के खिलाफ एक ख़तरा करार दिया है।
अमेरिका ने साधा चीन पर निशाना
व्हाइट हाउस की ओर से एक रिपोर्ट में कहा गया, '' बीजिंग अपने सिद्धातों का उल्लंघन कर रहा है और यलो सी, ईस्ट व साउथ चाइना सी, ताइवान स्ट्रेट और भारत-चीन सीमा में उकसाने वाली गतिविधियां कर पड़ोसी देशों के प्रति अपनी ही प्रतिबद्धताओं का मजाक बना रहा है।'' 'यूनाइटेड स्टेट्स स्ट्रैटेजिक अप्रोच टू द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' शीर्षक की ये रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई है। इस रिपोर्ट में चीन के संबंध में अमेरिकी सरकार की रणनीति तय की गई है।
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रिपोर्ट में चीन पर हमला बोलते हुए कहा गया है, '' चीन की ताकत बढ़ी है और इसी के साथ उसकी ओर से पूरी दुनिया में अपने रणनीतिक उद्देश्यों और हितों के लिए दिख रहे किसी भी खतरे को खत्म करने की कोशिश में बलप्रयोग भी बढ़ गया है। बीजिंग की हरकतें चीनी नेताओं के दावों को झूठा साबित करती है कि वे सैन्य ताकत के प्रयोग का विरोध करते हैं। दूसरे देशों के आंतरिक मामले में दखल नहीं देते और शांतिपूर्वक बातचीत के जरिए से सभी विवाद सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''
चीन के अतिक्रमण का अमेरिका ने किया विरोध
इससे पहले, ट्रंप प्रशासन की शीर्ष राजनयिक ने भी भारत के चीनी अतिक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध करने का समर्थन किया था। विदेश मंत्रालय में दक्षिण और पश्चिम एशिया के मामलों की प्रमुख एलिस वेल्स ने कहा था, "अगर आप साउथ चाइना सी को देखें तो चीन की एक ही रणनीति है। वह लगातार अतिक्रमण कर रहा है और यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है। चाहे दक्षिण चीन सागर हो जहां पर हमने भारत के साथ मिलकर अभ्यास किया है या फिर भारत का अपना क्षेत्र। चीन को रोका जाना जरूरी है।''
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वेल्स ने भारत का समर्थन करते हुए कहा था, '' जिसे भी ये भ्रम है कि चीन के अतिक्रमण का खतरा असली नहीं है, उन्हें भारत से बात करनी चाहिए जो नियमित तौर पर चीनी सेना की उकसाने वाली हरकतों का सामना करता है। व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिका चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। हाउस ऑर्म्ड सर्विसेज कमिटी रैंकिंग मेंबर मैक थॉर्नबेरी ने कहा, ट्रंप प्रशासन की यह रिपोर्ट एक अच्छी शुरुआत है।