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गुस्साया अमेरिका: चीन को नहीं आने देगा आगे, अब मात देने को तैयार

सांसद जिम बैंक्स ने एक बयान में कहा, हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि चीन की सरकार अपने लाभ के लिए इस महामारी का फायदा ना उठाए।

Vidushi Mishra
Published on: 7 May 2020 2:36 PM IST
गुस्साया अमेरिका: चीन को नहीं आने देगा आगे, अब मात देने को तैयार
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नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इस दौर में चीन की सरकार के अमेरिका की कंपनियों के उग्र अधिग्रहण को रोकने के लिए यहां संसद की रिप्रेंटेटिव सभा में विधेयक को पेश किया गया। यहां की संसद में सांसद जिम बैंक्स ने यह विधेयक पेश किया। सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्य जिम बैंक्स ने बीते बुधवार को ‘कोविड-19 के दौरान आक्रामक अधिग्रहण पर प्रतिबंध अधिनियम’ पेश किया है। इससे अमेरिकी विदेशी निवेश समिति (सीएफआईयूएस) का दायरा बढ़ेगा। इससे CFIUS को महामारी कोरोना वायरस के संकट के दौरान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध रखने वाली कंपनियों के अमेरिकी कंपनियों में निवेश की समीक्षा करने में सहायता मिलेगी।

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इस महामारी का फायदा ना उठाए

सांसद जिम बैंक्स ने एक बयान में कहा, हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि चीन की सरकार अपने लाभ के लिए इस महामारी का फायदा ना उठाए।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को अमेरिकियों का बेजा लाभ उठाने से रोकने के वादे पर ही चुनाव जीता था। ऐसे में चीन की इस कार्रवाई को रोकने में उनके साथ काम करने को लेकर मैं खुश हूं।

रिप्रेंटेटिव सभा में विधेयक अधिग्रहण के अंतिम लेन देन से पहले उसकी समस्त बाते राष्ट्रपति के पास भेजने की अनुमति भी देगा।

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वहीं ये विधेयक रक्षा उत्पादन अधिनियम 1950 के मुताबिक वर्गीकृत संवेदनशील बुनियादी ढांचे से जुड़ी अमेरिकी कंपनियों में चीन से जुड़ी कंपनियों को 51 फीसदी से अधिक पार्टनरशिप खरीदने से रोकेगा।

चीन के खिलाफ भारत ने उठाए कदम

जानकारी के लिए बता दें कि चीन के सेंट्रल बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने हाउसिंग लोन देने वाली भारत देश की नामचीन और बड़ी कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के 1.75 करोड़ शेयर खरीदे हैं। महामारी के दौर में चीन की इतनी बड़ी शेयर खरीद से भारत सरकार अब चौकन्ना हो गई है।

साथ ही इस पर रोक लगाने के लिए भारत ने चीन से आने वाली एफडीआई पर सख्ती कर दी है। मामले में भारत सरकार ने कहा है कि चीन को सभी एफडीआई के लिए पहले सरकार से परमीशन लेना जरूरी होगा।

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