×

ईरान की चेतावनी: अगर किसी देश ने हमला बोला, तो उसे बना देंगे 'लड़ाई का मैदान'

बता दें कि ईरान ने यह बयान उन रिपोर्टो के संदर्भ में दिया है जिसमें बताया जा रहा है कि अमेरिका सऊदी के तेल प्रतिष्ठनों पर हमले के जवाब में सैन्य विकल्प तलाश रहा है। हालांकि तेल प्रतिष्ठानों पर हमले का जिम्मेदार तेहरान को माना जा रहा है।

Shivakant Shukla
Published on: 26 May 2023 12:02 AM IST
ईरान की चेतावनी: अगर किसी देश ने हमला बोला, तो उसे बना देंगे लड़ाई का मैदान
X

नई दिल्ली: सऊदी अरब में तेल संयंत्रों पर हुए हमले के बाद अमेरिका द्वारा इस हमले का जिम्मेदार ईरान माना जा रहा था और इसके लिए सैन्य कार्रवाई की भी बात की जा रही थी लेकिन अब ईरान ने इस पर कड़े शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दी है।

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर ने शनिवार को अपने देश पर हमला करने वाले किसी भी देश को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी भी देश ने ईरान पर हमला किया तो वह उसे 'युद्ध का मैदान' बना देगा। मेजर जनरल हुसैन सलामी ने यह भी कहा कि ईरान किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

बता दें कि ईरान ने यह बयान उन रिपोर्टो के संदर्भ में दिया है जिसमें बताया जा रहा है कि अमेरिका सऊदी के तेल प्रतिष्ठनों पर हमले के जवाब में सैन्य विकल्प तलाश रहा है। हालांकि तेल प्रतिष्ठानों पर हमले का जिम्मेदार तेहरान को माना जा रहा है।

अमेरिका भी है एक्शन में

बताते चलें कि सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर ड्रोन हमले के बाद अमेरिका एक्शन में है। हमले के लिए ईरान को कसूरवार ठहरा चुके अमेरिका ने अब ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, साथ ही उस इलाके में सेना की तैनाती को भी मंजूरी दे दी गई है।

ये भी पढ़ें… बालाकोट: भारतीय सेना ने इस जगह की थी एयर स्ट्राइक, PAK ने शुरू किया टेरर कैंप

पेंटागन से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सेना की तैनाती को मंजूरी दे दी है। पेंटागन ने स्पष्ट किया कि सेना की तैनाती रक्षात्मक रूप से की जा रही है और यह मुख्य रूप से वायु और मिसाइल रक्षा पर केंद्रित है।

वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की. राष्ट्रपति ने ईरान के राष्ट्रीय बैंक, ईरान सेंट्रल बैंक को प्रतिबंधित करने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि यह किसी भी देश पर लगाया गया सबसे कड़ा प्रतिबंध है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप शुक्रवार को ओवल कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

ये भी पढ़ें…अमेरिका और ईरान के झगड़े में दांव पर भारत! यहां जानें पूरा मसला

रक्षा सचिव ने सेना की तैनाती के पीछे बताये ये वजह

रक्षा सचिव मार्क ओशो ने कहा है कि सऊदी अरब और यूएई के अनुरोध पर यूएस, अमेरिकी सेना वहां तैनात करने जा रहा है। अमेरिका के रक्षा सचिव ने कहा कि हम ईरान के साथ युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन साथ ही अन्य विकल्प भी हैं।

अमेरिका की ओर से यह कदम सऊदी खुफिया एजेंसियों के निष्कर्षों के बाद आया है जिसमें बताया गया कि सऊदी अरब के पूर्वी प्रांत में दो तेल प्लांट पर पिछले हफ्ते किया गया हमला ईरान की ओर से किया गया है जबकि इस हमले की जिम्मेदारी यमन के हूथी विद्रोहियों ने ली थी।

अमेरिका, सऊदी अरब ने ईरान को ठहराया जिम्मेदार

यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने पिछले हफ्ते सऊदी अरब के दो तेल प्लांट पर हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन अमेरिका और सऊदी अरब दोनों इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

यह फैसला सऊदी अरब में तेल सुविधाओं पर ड्रोन हमले के बादआया है। यमन के हूती विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। हालांकि, अमेरिका और सऊदी अरब के अधिकारियों ने ईरान पर हमले के पीछे होने का आरोप लगाया था, जिसका ईरान ने खंडन किया है।

ये भी पढ़ें…ईरान से ‘खतरे’ के बीच अमेरिका पश्चिम एशिया में भेज रहा पैट्रियाट मिसाइल और युद्धपोत

ईरान ने अमेरिका को चेताया

सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमले के बाद ईरान पर हमले की धमकी दे रहे अमेरिका के तेवर गुरुवार को ढीले पड़ गए। ईरान ने चेतावनी दी है कि उस पर किसी भी तरह के हमले की परिणाम पूर्ण युद्ध के रूप में सामने आ सकता है।

इसके बाद सऊदी अरब पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि वह चाहेंगे कि संकट को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाए। पोंपियो ने शनिवार को हुए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने हमले में हाथ होने से ईरान के इन्कार को खारिज करते हुए इसे ‘युद्ध’ जैसी कार्रवाई बताकर उसकी निंदा की।

ये है दोनों देशों में तनाव की वजह

बता दें कि शनिवार को सऊदी अरब के अरामको कंपनी के दो संयंत्रों पर हमला हुआ था, जिससे दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी का उत्पादन आधा रह गया है।

इस घटना के बाद ईरान और सऊदी अरब के बीच तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने भी ईरान के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी है। ट्रंप ने भी कहा था कि ईरान के खिलाफ सभी विकल्प खुले हुए हैं।

हालात का आकलन करने संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे पोंपियो ने कहा कि उनका देश संकट का शांतिपूर्ण समाधान पसंद करेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि ईरान भी ऐसा ही चाहेगा।’

इससे पहले, ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जरीफ ने चेतावनी दी कि अमेरिका या सऊदी अरब की तरफ से किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई होती है तो वह युद्ध का कारण बन सकती है।

मीडिया से बातचीत में जरीफ ने कहा, ‘हम युद्ध नहीं चाहते, हम सैन्य संघर्ष में उलझना नहीं चाहते। लेकिन हम अपने क्षेत्र की रक्षा करने से पीछे भी नहीं हटेंगे।’

हमला अस्वीकार्य और अभूतपूर्व

उन्होंने कहा, ‘ अस्वीकार्य और अभूतपूर्व हमला.. न केवल सऊदी अरब की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि सऊदी अरब में रहने और काम करने वाले सभी अमेरिकी नागरिकों के जीवन को भी खतरे में डाल दिया है।’

सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता तुर्की-अल-मलिकी ने कहा कि हमला उत्तर दिशा की तरफ से किया गया और ईरान द्वारा कराया गया। हालांकि, उन्होंने हमले के लिए ईरान को दोषी पाए जाने को लेकर कुछ नहीं कहा।

हूती विद्रोहियों ने ली है जिम्मेदारी

सऊदी अरब के दक्षिणी पड़ोसी देश यमन में सक्रिय ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ली है। लेकिन अमेरिका और सऊदी अरब दोनों का ही मानना है कि जैसा हमला हुआ है वह हूती विद्रोहियों की क्षमता से बाहर की बात है।

फ्रांस के विदेश मंत्री ने भी कहा है कि हूती विद्रोहियों का दावा भरोसेमंद नहीं है। बुधवार को सीबीएस न्यूज से अमेरिका के एक अधिकारी ने भी कहा था कि हमले को ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्लाह अली खमनेई ने इस शर्त के साथ मंजूरी थी कि उनके देश का इसमें नाम नहीं चाहिए।

ये भी पढ़ें…सऊदी अरब और यूएई में दरार, जानिए क्यों दो बड़े मुस्लिम देश बन रहे दुश्मन



Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story