TRENDING TAGS :
इन देशों में भीषण युद्ध: 300 लोगों की मौत, अब इस देश ने दी तबाही की चेतावनी
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी का कहना है कि कि इस युद्ध के बाद इलाके की स्थिरता को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो पड़ोसी देशों पर भी इसका बड़ा असर दिख सकता है।
लखनऊ: अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर भीषण युद्ध अभी भी जारी है। दोनों ही देशों की सेनाओं ने पीछे हटने से इंकार किया है। अब इस बीच युद्ध को लेकर ईरान ने चेतावनी दी है कि इससे तबाही मच सकती है। ईरान की तरफ से ये लड़ाई व्यापक रूप से क्षेत्रीय युद्ध को बढ़ा सकती है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी का कहना है कि कि इस युद्ध के बाद इलाके की स्थिरता को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो पड़ोसी देशों पर भी इसका बड़ा असर दिख सकता है। ईरान ने कहा कि ये इलाका औपचारिक रूप से अजरबैजान का है, लेकिन यहां रहने वाले लोग आर्मीनियाई हैं। दोनों ही देश एक दूसरे पर हिंसा की शुरुआत करने का आरोप लगा रहे हैं।
'इलाके की लड़ाई ना बन जाए अजरबैजान और आर्मीनिया की जंग'
ईरान ने कहा है कि हमें सजग रहने की जरूरत है कि अजरबैजान और आर्मीनिया की लड़ाई इस इलाके की लड़ाई ना बनें। ईरान की तरफ से कहा गया है कि शांति हमारे काम का आधार है और हम शांतिपूर्ण तरीके से क्षेत्र में स्थिरता बहाल करने की उम्मीद जता रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ईरान की मिट्टी पर गलती से भी मिसाइल या गोले गिरे, तो ये हमें पूरी तरह अस्वीकार्य है। हमारी प्राथमिकता हमारे शहरों और गांवों की सुरक्षा करना है।
ये भी पढ़ें...अभी-अभी थर्राए पहाड़: कांप उठा लद्दाख, भूकंप से बाॅर्डर तक अफरा-तफरी
25 सालों में सबसे खतरनाक लड़ाई
दोनों देशों की तरफ से कहा गया है कि दक्षिण कॉकेशस इलाके में बीते 25 सालों में हो रही सबसे खतरनाक लड़ाई है। इस लड़ाई में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। पश्चिमी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नागोर्नो-काराबाख के रिहाइशी इलाक़ों में अज़रबैजान की सैना क्लस्टर बम से हमले कर रही है। अंतरराष्ट्रीय समझौतों के मुताबित, क्लस्टर बम का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। हालांकि इन दोनों देशों ने इस जुड़े अंतरराष्ट्रीय कन्वेन्शन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
ये भी पढ़ें...हाथरस कांड के चारों आरोपियों ने जेल से लिखा पत्र: पूरी बात पढ़कर कांप जाएगी रूह
दोनों देशों की सेनाओं का पीछे हटने से इंकार
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अजरबैजान ने कहा है कि नागोर्नो-काराबाख के बाहर के उसके शहरों पर हमले के बाद लड़ाई पाइपलाइंस के नजदीक पहुंच चुकी है। यहां से यूरोप को गैस और तेल की आपूर्ति होती है। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हमा अलीयेव का कहना है कि इस लड़ाई को रोकने के लिए आर्मीनिया को नागोर्नो-काराबाख और उसके आसपास के इलाको से अपनी सेना हटानी होगी। बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं ने पीछे हटने से इंकार किया है।
ये भी पढ़ें...पेट्रोल-डीजल का बढ़ा संकट: आज बंद हो सकते हैं कई पंप, ये है बड़ी वजह
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।