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सेना ने किया तख्तापलट: एक साल के लिए इमरजेंसी लागू, म्यांमार में ऐसे हुए हालात
सेना की तरफ से ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब पिछले साल 8 नवंबर को हुए आम चुनाव में धांधली के आरोपों को लेकर पिछले कुछ समय से सेना और सरकार के बीच टकराव चल रहा था।
नई दिल्ली: म्यांमार में सेना का शासन फिर लौट आया है। सेना ने आज सुबह तख्तापलट करके देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सूची और राष्ट्रपति विन म्यिंट समेत सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया है और देश में एक साल के लिए आपातकाल लगा दिया गया है। सेना के जनरल मिन औंग ह्लैंग ने पूरी सत्ता अपने हाथ में ले ली है। देश की राजधानी नेपिटाव से सभी तक का संचार बंद हो गया है और टीवी और मोबाइल नेटवर्क ठप है। म्यांमार में पांच साल पहले ही नई सरकार सत्तासीन हुई थी। उस वक्त बहुत खुशियाँ मानीं गयीं थी कि सेना से स्वतः सत्ता असैनिक हाथों में दे दी थी। म्यांमार में कोई सौ साल तक सेना का शासन रहा था।
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म्यांमार में सत्ता पलट का असर रोहिंग्या लोगों पर साफ़ तौर से पड़ेगा
म्यांमार में सत्ता पलट का असर रोहिंग्या लोगों पर साफ़ तौर से पड़ेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेना रोहिंग्या को शायद ही बर्दाश्त करे। नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की प्रवक्ता मायो न्युंट ने पार्टी के समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वह जल्दबाजी में कई कदम न उठाएं और कानून के मुताबिक ही चलें। उन्होंने अपनी हिरासत की आशंका भी जताई थी। माना जा रहा है कि उनको भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
सेना की तरफ से ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब पिछले साल 8 नवंबर को हुए आम चुनाव में धांधली के आरोपों को लेकर पिछले कुछ समय से सेना और सरकार के बीच टकराव चल रहा था। इस चुनाव में सु ची की पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की थी, हालांकि सेना ने चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था, जिन्हें चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था।
myanmar (PC: social media)
देश की स्थिरता को बचाए रखने के लिए यह जरूरी था
सेना ने अपने आधिकारिक बयान में इसी टकराव को आपातकाल लगाने की वजह बताया है। सेना के स्वामित्व वाले म्यावादी टीवी चैनल पर जारी किए गए अपने बयान में सेना ने कहा है कि देश की स्थिरता को बचाए रखने के लिए यह जरूरी था। सेना के अनुसार, चुनाव आयोग 8 नवंबर, 2020 को हुए बहुदलीय आम चुनाव में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हुई धांधलियों का समाधान करने में नाकाम रहा। चूंकि समस्या का कानून के मुताबिक हल होना चाहिए, इसलिए आपातकाल घोषित किया जा रहा है।
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बयान के मुताबिक, कानून, प्रशासन और न्यायपालिका की सभी जिम्मेदारियां सैन्य प्रमुख मिन आंग ह्लैंग को दे दी गई हैं। इसका मतलब अब देश की बागडोर उनके हाथों में है। आधिकारिक तौर पर पूर्व जनरल म्यिंट स्वी को देश का राष्ट्रपति बनाया गया है। अमेरिका और आस्ट्रेलिया ने तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुई सभी गिरफ्तार लोगों को रिहा करने की मांग की है।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
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