ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर उठे सवाल, ऑस्ट्रेलिया में रुक सकता है टीकाकरण

द ऑस्ट्रलियन एंड न्यूज़ीलैण्ड सोसाइटी फॉर इम्यूनोलोजी के प्रेसिडेंट प्रोफ़ेसर स्टेफेन टर्नर ने कहा है कि ट्रायल के नतीजों के आधार इस वैक्सीन का रोलआउट नहीं किया जाना चाहिए।

Chitra Singh
Published on: 14 Jan 2021 5:58 AM GMT
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर उठे सवाल, ऑस्ट्रेलिया में रुक सकता है टीकाकरण
X
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर उठे सवाल, ऑस्ट्रेलिया में रुक सकता है टीकाकरण

नीलमणि लाल

नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड के वैज्ञानिकों ने ऑक्सफ़ोर्ड-आस्ट्राज़ेनेका की कोरोना वैक्सीन पर गहरा संदेह जताया है और सरकार से कहा है कि इस वैक्सीन का रोलआउट तत्काल रोक दिया जाए। वैज्ञानिकों का कहना है कि आस्ट्रा ज़ेनेका की वैक्सीन हर्ड इम्यूनिटी उत्पन्न करने में प्रभावी नहीं होगी। ऑस्ट्रेलिया में ऑक्सफ़ोर्ड-आस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में पता चला है कि ये सिर्फ 62 फीसदी असरदार है। दूसरी ओर फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के ट्रायल में वे 95 फीसदी प्रभावी साबित हुईं हैं।

वैक्सीन का रोलआउट

द ऑस्ट्रलियन एंड न्यूज़ीलैण्ड सोसाइटी फॉर इम्यूनोलोजी के प्रेसिडेंट प्रोफ़ेसर स्टेफेन टर्नर ने कहा है कि ट्रायल के नतीजों के आधार इस वैक्सीन का रोलआउट नहीं किया जाना चाहिए। वैसे, आस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन की सेफ्टी के बारे में कोई संदेह नहीं है। ट्रायल के डेटा से पता चला है कि ये वैक्सीन जानलेवा बीमारी के खिलाफ पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है। इसका मतलब ये है कि यदि लोग संक्रमित होते भी हैं तो कोरोना बीमारी का प्रभाव ज्यादा घातक नहीं रहेगा।

यह पढ़ें…ट्रंप ने तोड़ा रिकॉर्ड: दो-दो बार महाभियोग वाले पहले अमेरिकी प्रेसिडेंट बने

वैक्सीन के खिलाफ ऑस्ट्रालेशियन वाइरोलोजी सोसाइटी

ऑस्ट्रालेशियन वाइरोलोजी सोसाइटी भी इस वैक्सीन के खिलाफ है। सोसाइटी की अध्यक्ष प्रोफ़ेसर गिल्डा ताचेद्जियन ने कहा कि हमें सबसे असरदार वैक्सीन के साथ जाना चाहिए ताकि हमें हर्ड इम्यूनिटी मिल सके। अभी आस्ट्रा ज़ेनेका की वैक्सीन के बारे में संदेह हैं। सिर्फ 62 फीसदी प्रभावित से हर्ड इम्यूनिटी हासिल नहीं की जा सकती।

Oxford's Corona Vaccine 1

अगले महीने शुरू होगी वैक्सीन की प्रक्रिया

आस्ट्रेलिया में वैक्सीन लगाने का काम अगले महीने शुरू होगा। प्लान के अनुसार प्राथमिकता वाले ग्रुप्स को फाइजर की वैक्सीन लगाई जायेगी जबकि बाकी जनता को दी जायेगी। प्रथमिकत अवाले ग्रुप्स में फ्रंट लाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स, बूढ़े लोग शामिल हैं। आस्ट्रेलिया में अभी किसी वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली है लेकिन सरकार ने आस्ट्रा ज़ेनेका की वैक्सीन की 5 करोड़ 38 लाख खुराक और फाइजर की एक करोड़ खुराक खरीद का आर्डर दे रखा है। ऑस्ट्रेलिया ने दोनों वैक्सीनों के लिए पूरा सिस्टम तैयार कर लिया है और लोकल उत्पादन की भी तैयारी है।

महिलाओं में सुरक्षा संबंधी चिंताएं

सरकार द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि लगभग 80 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई लोग थेरप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (टीजीए) द्वारा अनुमोदित टीके प्राप्त करने के इच्छुक हैं, लेकिन 30-39 वर्ष की आयु की महिलाओं में सुरक्षा संबंधी चिंताएं होने की सबसे अधिक संभावना है। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने 7 जनवरी को घोषणा की थी कि टीके फरवरी में सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स, विकलांगों और बुजुर्गों को प्राथमिकता पर लगाए जाएंगे।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Chitra Singh

Chitra Singh

Next Story