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ट्रंप ने तोड़ा रिकॉर्ड: दो-दो बार महाभियोग वाले पहले अमेरिकी प्रेसिडेंट बने
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। वो पहले ऐसे प्रेसिडेंट हैं जिनके खिलाफ दो – दो बार महाभियोग प्रस्ताव आया है। ये प्रस्ताव अमेरिकी संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में पारित भी हो गया है।
नील मणि लाल
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। वो पहले ऐसे प्रेसिडेंट हैं जिनके खिलाफ दो–दो बार महाभियोग प्रस्ताव आया है। ये प्रस्ताव अमेरिकी संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में पारित भी हो गया है। अब ऊपरी सदन यानी सीनेट में ट्रंप पर लगे आरोपों का ट्रायल होगा। ये ट्रायल 20 जनवरी यानी बिडेन के सत्तासीन होने के बाद ही होगा। इसका मतलब ये है कि डोनाल्ड ट्रम्प अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। इससे पहले दिसंबर, 2019 में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था।
प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप पर 6 जनवरी को अपने समर्थकों को अमेरिकी संसद पर हमला करने के लिए उकसाने के आरोप लगे हैं। इस हमले में एक पुलिस अधिकारी समेत कुल पांच लोगों को मौत हुई थी। लाखों ट्रंप समर्थकों ने प्रेसिडेंट चुनाव में धांधली के खिलाफ विशाल रैली की थी और बाद में संसद परिसर में घुसकर उत्पात मचाया था।
क्या हुआ सदन में
ट्रंप के खिलाफ आए प्रस्ताव के समर्थन में 232 और विरोध में 197 मत पड़े। रिपब्लिकन पार्टी के 10 सासंदों ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। रिपब्लिकन सांसदों का प्रस्ताव को समर्थन दर्शाता है कि पार्टी के भीतर भी सब कुछ ठीक नहीं है।
बहरहाल, ट्रंप को महाभियोग के जरिये उनके पद से हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित होना जरूरी है। अब सीनेट में निचले सदन के लगाए आरोपों का ट्रायल होगा। इस दौरान अगर सीनेट में दो तिहाई से यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो ट्रंप को तुरंत अमेरिकी राष्ट्रपति का पद छोड़ना पड़ेगा। साथ ही उन्हें भविष्य में किसी सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य भी ठहराया जा सकता है।
कार्यकाल में एक हफ्ते का बचा समय
ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में अब एक हफ्ते का समय बचा है। 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति जो बिडेन शपथ ले लेंगे। इतने कम समय में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर ट्रायल पूरा होना काफी मुश्किल है। अगर इस हफ्ते भी सीनेट की बैठक होती है तो अगले सात दिनों में सारी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो पाएंगी। ऐसे में महाभियोग प्रस्ताव के जरिये ट्रंप को उनके पद से हटाना फिलहाल असंभव है।
हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में डेमोक्रेट्स बहुमत में हैं सो यहां पर ट्रंप के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने में मुश्किल नहीं आई। प्रस्ताव के पक्ष विपक्ष में बहस भी खूब हुई।
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ट्रम्प की खुल कर की निंदा
संसद स्पीकर नैन्सी पेलोसी ट्रम्प से ख़ास अदावत रखती हैं और उन्होंने अपने संबोधन में खुल कर ट्रम्प की निंदा की। पेलोसी ने कहा - अमेरिका के राष्ट्रपति ने बगावत के लिए उकसाया। देश के खिलाफ हथियारबंद बगावत को हवा दी। उन्हें जाना ही चाहिए। वो राष्ट्र के लिए साफ तौर पर एक मौजूदा खतरा हैं।
इसके पहले ट्रंप के खिलाफ दिसंबर, 2019 में यूक्रेन से जो बिडेन की जांच करने की बात कहने के आरोप में महाभियोग लाया गया था। हालांकि, उस दौरान किसी भी रिपब्लिकन सासंद ने ट्रंप के खिलाफ वोट नहीं दिया था और सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था। बाद में ये आरोप फुस्स साबित हुए थे।
महाभियोग प्रस्ताव के बीच ट्रंप ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। एक वीडियो संदेश में ट्रंप ने कहा - कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन की रिपोर्ट मिली है। मैं आग्रह करता हूं कि कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। मैं किसी गैर-कानूनी प्रतिक्रिया को कभी समर्थन नहीं दूंगा और अमेरिका भी ऐसी गतिविधियों के समर्थन में खड़ा नहीं होगा। सभी अमेरिकी तनाव कम करने और शांति स्थापित करने में मदद करें। हिंसा कभी नहीं।
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