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बंदर संभालते हैं 3000 करोड़ रुपये का बिजनेस, अब कारोबार पर आया संकट

यूरोप समेत दुनियाभर में तमाम देश थाइलैंड के नारियल और इससे बने प्रोडक्ट का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, यह बिजनेस काफी हद तक बंदरों पर निर्भर है।

Shreya
Published on: 9 July 2020 8:03 AM GMT
बंदर संभालते हैं 3000 करोड़ रुपये का बिजनेस, अब कारोबार पर आया संकट
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बैंकॉक: दुनिया में नारियल के दूध का सबसे बड़ा उत्पादक थाइलैंड है। लेकिन अब इस बिजनेस पर संकट छा गया है। यूरोप समेत दुनियाभर में तमाम देश थाइलैंड के नारियल और इससे बने प्रोडक्ट का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, यह बिजनेस काफी हद तक बंदरों पर निर्भर है। यहां पर पेड़ों से नारियल तोड़ने के लिए बंदरों का सहारा लिया जाता है। ऐसे में दुनियाभर में जानवरों के लिए काम करने वाली वाली गैर-सरकारी संस्थान पेटा (PETA) ने इसका विरोध किया है।

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PETA ने बंदरों के साथ दुर्व्यवहार करने का लगाया आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, PETA ने आरोप लगाया है कि थाइलैंड में बंदरों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। यहां पर बंदरों से मशीनों की तरह काम कराया जाता है और वह बिना रुके तय घंटों से ज्यादा काम कर रहे हैं। बता दें कि 40 करोड़ डॉलर यानी करीब तीन हजार करोड़ रुपये का यह बिजनेस बंदरों पर काफी हद तक निर्भर करता है।

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दुनियाभर में किया जा रहा इसका विरोध

गैर-सरकारी संस्थान PETA की रिपोर्ट के बाद दुनिया भर में थाइलैंड के नारियल और इससे बने प्रोडक्ट का विरोध शुरू हो गया है। कई ब्रिटिश सुपरमार्केट ने थाइलैंड नारियल प्रोडक्ट को बेचना बंद भी कर दिया है। एक प्रमुख थाई निर्माता ने बताया कि कई अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई रिटेल सेल्सर्स की तरफ से भी इस पूछताछ शुरू कर दी गई है।

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प्रधानमंत्री की मंगेतर ने भी उत्पादों का बहिष्कार करने की मांग की

ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन की मंगेतर कैरी साइमंड्स ने भी इन उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह किया है। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए स्टोर से आग्रह किया है कि वह बंदरों का इस्तेमाल करने वाले उत्पादों का बहिष्कार करें।

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बिजनेस को संकट से निकालने के लिए हुआ ये फैसला

दुनियाभर में हो रहे विरोध और बहिष्कार की वजह से अब यह कारोबार संकट में पड़ गया है। वहीं इस इंडस्ट्री को संकट से बचाने के लिए बुधवार को थाइलैंड सरकार के कई बड़े अधिकारी, कोकोनेट बिजनेस से जुड़े कारोबारी और कॉमर्स मिनिस्टर ने इस पर बैठक की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में यह फैसला किया गया है कि नारियल के इन उत्पादों पर साफ लिखना होगा कि इनमें बंदरों का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

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