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कश्मीर पर ब्रिटेन में भारत की बड़ी जीत, नापाक पाकिस्तान को तगड़ा झटका
ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने कश्मीर पर अपना भारत विरोधी रुख बदल लिया है। लेबर पार्टी के नए नेता कीयर स्टार्मर ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। स्टार्मर ने गुरुवार को लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया की एक टीम से मुलाकात के बाद कहा, हम एशिया के मुद्दों की वजह से यहां के समुदाय को विभाजित नहीं होने दे सकते हैं।
नई दिल्ली : ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने कश्मीर पर अपना भारत विरोधी रुख बदल लिया है। लेबर पार्टी के नए नेता कीयर स्टार्मर ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। स्टार्मर ने गुरुवार को लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया की एक टीम से मुलाकात के बाद कहा, हम एशिया के मुद्दों की वजह से यहां के समुदाय को विभाजित नहीं होने दे सकते हैं। भारत का कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद का मुद्दा है और कश्मीर मामले को भारत और पाकिस्तान को शांतिपूर्वक सुलझाना चाहिए।इस तरह कश्मीर पर भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है।
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दोनों समुदाय यहां की राजनीति में अहम
बता दें कि ब्रिटेन में भारतीय और पाकिस्तानी मूल के लोगों की अच्छी संख्या है और दोनों ही समुदाय यहां की राजनीति में बड़ी अहम हैं। लेबर पार्टी के नवनियुक्त नेता स्टार्मर कश्मीर के मामले में अपने पूर्ववर्ती जेरेमी कार्बिन की नीतियों से दूरी बनाते हुए नजर आ रहे हैं। जेरेमी ने कश्मीर में मानवता पर बहुत बड़ा संकट बताते हुए एक आपातकालीन प्रस्ताव पास किया था।ब्रिटेन में 15 लाख आबादी वाले भारतीय समुदाय के बीच जेरेमी की तीखी आलोचना होती थी। कार्बिन ने 2019 में कश्मीर पर ट्वीट किया था, जिससे उनका रुख स्पष्ट हो गया था। उन्होंने लिखा था, कश्मीर के हालात बहुत ही दुखद हैं।
मानवाधिकार उल्लंघन
कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है जो बिल्कुल नहीं माना जाएगा। कश्मीरियों के अधिकारों का सम्मान जरूर होना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू किया जाना चाहिए। जब नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया तो सितंबर 2019 में कश्मीर पर प्रस्ताव पारित कर दिया गया था। लेबर पार्टी ने कश्मीर में एक अंतरराष्ट्रीय टीम भेजने की भी मांग की थी और नागरिकों के लापता होने और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि कश्मीर के लोगों को आत्म-संकल्प का अधिकार मिलना चाहिए. स्टार्मर का ये बयान पार्टी के भीतर तूफान भी ला सकता है।
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लेबर पार्टी की लंदन वाइस चेयर सीमा चंदवानी ने कहा कि स्टार्मर किसी गैर-जिम्मेदार समूह के लोगों के मिलकर एकतरफा कश्मीर पर पार्टी का रुख नहीं बदल सकते हैं। गार्डियन कॉलमिस्ट ओवेन जोन्स ने कहा कि वह स्टार्मर को कश्मीर मुद्दे पर ज्यादा मजबूती से खड़े होते और कश्मीरियों के आत्म-संकल्प के अधिकार की इच्छा का समर्थन करते देखना चाहते थे। उन्होंने लिखा, कश्मीर कश्मीरी लोगों का मामला है, भारतीय संसद का नहीं। लेबर पार्टी को कश्मीरियों के आत्म-संकल्प के अधिकार और मानवाधिकारों का समर्थन करना चाहिए। संसद में अपने भाषण के दौरान लेबर पार्टी के नवनिर्वाचित एमपी ताहिर अली ने "कश्मीर में अत्याचार" खत्म करने की मांग की।
भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला
ताहिर ने कहा, मेरे नजरिए में कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला नहीं है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जिम्मेदारी लेने की जरूरत है. कश्मीर ब्रिटेन में चुनावी मुद्दा भी था। चुनाव के वक्त लेबर पार्टी ने भी कश्मीर पर प्रस्ताव से नाराज भारतीय समुदाय को मनाने की कोशिश की थी. रनीमेड ट्रस्ट की रिसर्च से पता चलता है कि पिछले एक दशक में लेबर पार्टी को ब्रिटिश भारतीयों का समर्थन मिलता रहा है लेकिन ब्रिटिश भारतीयों में से ज्यादातर हिंदू आबादी का कंजरवेटिव पार्टी के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है2010 के आम चुनाव में जहां 30 फीसदी ब्रिटिश हिंदुओं ने कंजरवेटिव के लिए वोट किया तो 2017 के आम चुनाव में यह आंकड़ा 40 फीसदी तक पहुंच गया था. शायद यही वजह है कि लेबर पार्टी के नए नेता कश्मीर मुद्दे की वजह से भारतीय समुदाय की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते हैं.