TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

हांगकांग में चीन का विरोध अब गैरकानूनी, विवादित सुरक्षा विधेयक को चीनी संसद की मंजूरी

नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने हांगकांग के लिए नए सुरक्षा कानून समेत कई विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इस कानून के जरिए चीन को हांगकांग में लोकतंत्र बहाली की आवाज को दबाने का बड़ा अधिकार मिल गया है और हांगकांग में चीन का विरोध गैरकानूनी हो गया है।

Shivani Awasthi
Published on: 28 May 2020 8:39 PM IST
हांगकांग में चीन का विरोध अब गैरकानूनी, विवादित सुरक्षा विधेयक को चीनी संसद की मंजूरी
X

अंशुमान तिवारी

बीजिंग। अंतरराष्ट्रीय आपत्तियों और हांगकांग के भारी विरोध को दरकिनार करते हुए चीन की संसद में हांगकांग के लिए नए विवादास्पद सुरक्षा विधेयक को को मंजूरी दे दी है। हांगकांग में चीन की पकड़ को और मजबूत बनाने के लिए गुरुवार को इसे मंजूरी दी गई। हालांकि चीन के इस कदम पर अमेरिका ने गहरी आपत्ति जताई है और हांगकांग में भी इसका भारी विरोध किया जा रहा है। इसके बावजूद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने हांगकांग के लिए नए सुरक्षा कानून समेत कई विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इस कानून के जरिए चीन को हांगकांग में लोकतंत्र बहाली की आवाज को दबाने का बड़ा अधिकार मिल गया है और हांगकांग में चीन का विरोध गैरकानूनी हो गया है।

चीन ने दी यह दलील

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि पार्टी की स्थायी समिति ने यह विधेयक पारित कर दिया है और अब यह अगस्त तककानून का रूप ले सकता है। अभी तक इस विधेयक के प्रावधान सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। चीनी अधिकारियों का कहना है कि यह कानून हांगकांग में बढ़ती हिंसा और आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है। हांगकांग के लोगों को इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है।

दमनकारी नीतियां लागू करेगा चीन

दूसरी ओर हांगकांग में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन करने वालों का कहना है कि चीन ने हांगकांग में दमनकारी नीतियां लागू करने के लिए इस सुरक्षा कानून को मंजूरी दी है। जानकारों का कहना है कि इस कानून से अब चीन के नेतृत्व पर सवाल उठाने, प्रदर्शन में शामिल होने और स्थानीय कानून के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करने पर हांगकांग के लोगों पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

ये भी पढ़ेंः चीन से नाखुश था पाकिस्तान, नेहरू ने ठुकरा दी चीन के खिलाफ पाक की पेशकश

नए सुरक्षा कानून का भारी विरोध

हांगकांग में पिछले कुछ दिनों से चीन के खिलाफ प्रदर्शन होते रहे हैं। चीन के इस कदम से हांगकांग में प्रदर्शनों का नया दौर शुरू हो गया है। अभी हाल में भी चीन ने आंदोलनकारियों की आवाज को दबाने के लिए मिर्ची की गोलियों का इस्तेमाल किया था।

जब चीन की चेतावनी के बावजूद प्रदर्शनकारी नहीं माने तो चीन की दंगा पुलिस में 300 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। जानकारों का कहना है कि इस विवादित कानून से अब चीन के राष्ट्रगान का अपमान करना अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।

ये भी पढ़ेंः भारत-चीन विवाद के 8 कारण: केवल सीमा ही नहीं, इन वजहों से भी मचा दोनों में बवाल

दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया

चीन के इस कदम पर अंतरराष्ट्रीय जगत में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने नए सुरक्षा कानून की कड़ी निंदा करते हुए इसे हांगकांग के लोगों की आजादी पर हमला बताया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के इस कदम से काफी नाराज हैं और उसे कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं। ब्रिटेन ने भी चीन इस कदम की आलोचना करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।

ये भी पढ़ेंः अरबपति हैं इस बैंक के कर्मचारी: नौकरी कर हुए मालामाल, सैलरी जान उड़ जाएंगे होश

अमेरिका ने उठाया बड़ा कदम

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने अमेरिकी कांग्रेस को सूचित किया है कि अब अमेरिका हांगकांग को चीनी भूभाग का स्वायत्त क्षेत्र नहीं मानता। माना जा रहा है कि अमेरिका के इस कदम से हांगकांग को व्यापार और वित्तीय दर्जे में दी गई प्राथमिकता को वापस लिया जा सकता है। हांगकांग बार एसोसिएशन का कहना है कि चीन का यह सुरक्षा कानून अदालती पचड़े में फंस सकता है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story