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संपत्ति जब्त होने का खतरा: इस देश की अर्थव्यवस्था के पीछे पड़ा चीन, डर के जी रहे लोग

विदेशी मामलों और रक्षा को छोड़कर, जो जनवादी गणराज्य चीन सरकार की जिम्मेदारी है। हॉन्गकॉन्ग में रहने वाले अमीर चाइनीज अपना निवेश और फंड शिफ्ट कर रहे हैं। हॉन्ग कॉन्ग में निवास करने वालों को अब यह चिंता सता रही है कि चीन के नए विवादास्पद नेशनल सिक्योरिटी लॉ के कारण मेनलैंड अथॉरिटी उनकी संपत्ति ट्रैक और जब्त कर सकती है।

SK Gautam
Published on: 29 May 2020 6:03 PM IST
संपत्ति जब्त होने का खतरा: इस देश की अर्थव्यवस्था के पीछे पड़ा चीन, डर के जी रहे लोग
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नई दिल्ली: हॉन्ग कॉन्ग की अपनी मुद्रा के साथ-साथ कानून प्रणाली, राजनीतिक व्यवस्था, अप्रवास पर नियंत्रण, सड़क के नियम भी उसके अपने हैं। मुख्य भूमि चीन से अलग यहां की रोजमर्रा के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलु हैं। हॉन्ग कॉन्ग एक वैश्विक महानगर और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र होने के साथ-साथ एक उच्च विकसित पूंजीवादी अर्थव्यवस्था भी है। "एक देश, दो नीति" के अंतर्गत और बुनियादी कानून के अनुसार, इसे सभी क्षेत्रों में "उच्च स्तर की स्वायत्तता" प्राप्त है।

हॉन्ग कॉन्ग में निवास करने वालों को अब यह चिंता सता रही है

विदेशी मामलों और रक्षा को छोड़कर, जो जनवादी गणराज्य चीन सरकार की जिम्मेदारी है। हॉन्गकॉन्ग में रहने वाले अमीर चाइनीज अपना निवेश और फंड शिफ्ट कर रहे हैं। हॉन्ग कॉन्ग में निवास करने वालों को अब यह चिंता सता रही है कि चीन के नए विवादास्पद नेशनल सिक्योरिटी लॉ के कारण मेनलैंड अथॉरिटी उनकी संपत्ति ट्रैक और जब्त कर सकती है।

हॉन्गकॉन्ग में प्राइवेट वेल्थ करीब 1 लाख करोड़ डॉलर का

एक समाचार पत्र के मुताबिक बैंकर्स और दूसरी इंडस्ट्री के कुछ सोर्स ने यह बताया। हॉन्गकॉन्ग में प्राइवेट वेल्थ करीब 1 लाख करोड़ डॉलर है। बैंकर्स के मुताबिक, इसका आधा से ज्यादा हिस्सा मेनलैंड चाइन से आकर यहां बसे लोगों का है।

चाइनीज क्लाइंट का फोकस हॉन्गकॉन्ग के बजाय सिंगापुर

इस शहर को चीन से सटे रहने और अलग लीगल सिस्टम होने का फायदा मिल रहा है। साथ ही वहां की करेंसी डॉलर में चलती है। लेकिन अब चिंता बढ़ गई है क्योंकि कैपिटल और टैलेंट फाइट के कारण हॉन्गकॉन्ग फाइनेंशियल शहर होने की अपनी अहमियत खो रहा है। करीब आधा दर्जन बैंकर्स और हेडहंटर्स के इंटरव्यू से पता चला है कि चाइनीज क्लाइंट्स वहां से अपना फंड निकालकर सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और लंदन में पार्क कर रहे हैं।

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यूरोपीयन वेल्थ मैनेजर के साथ जुड़े एक एडवाइजर ने बताया कि एक चाइनीज क्लाइंट जो निवेश करना चाहता था उसने हॉन्गकॉन्ग के बजाय इस हफ्ते सिंगापुर में 5 फ्लैट खरीदे। सिंगापुर के एक बैंकर का कहना है कि अब चाइनीज क्लाइंट का फोकस हॉन्गकॉन्ग के बजाय सिंगापुर के मार्केट में बढ़ा है।

ये है मामला?

दरअसल, हॉन्गकॉन्ग की सरकार ने एक प्रस्ताव रखा था कि अगर मेनलैंड से आए किसी शख्स के खिलाफ कोई आपराधिक मामला साबित होता है तो उसका प्रत्यर्पण चीन को कर दिया जाएगा। इसके खिलाफ पिछले साल हॉन्गकॉन्ग में काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे। हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण इस प्रस्ताव को कई महीनों के लिए टाल दिया गया था।

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चीन द्वारा संपत्ति जब्त होने का डर

हालांकि अब चीन ने नेशनल सिक्योरिटी लॉ का प्रस्ताव रखा जिसके बाद यह मामला फिर ताजा हो गया है। हॉन्गकॉन्ग में रहने वाले लोगों को यह डर है कि चीन की सरकार उनकी संपत्ति जब्त कर सकती है। चीन पहले भी हॉन्गकॉन्ग में रहने वाले मेनलैंड चाइना के लोगों को करप्शन के नाम पर टारगेट कर चुका है।



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