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अमेरिकी राजदूत के ताइवान दौरे से बौखलाया चीन, कहा- आग से न खेलें

चीन लम्बे समय से ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है। जबकि असल में ताइवान के स्वायत्ततशासी देश है। अमेरिका और ताइवान के बीच नजदीकियां बढ़ने से चीन परेशान है।

Aditya Mishra
Published on: 8 Jan 2021 6:13 PM IST
अमेरिकी राजदूत के ताइवान दौरे से बौखलाया चीन, कहा- आग से न खेलें
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चीन ने इसके पहले भी अमेरिकी अधिकारियों की ताइवान यात्रा को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी। वहीं अमेरिका लगातार ताइवान के साथ अपने संबंधों को बढ़ा रहा है।

बीजिंग: चीन ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि अगर अमेरिकी राजदूत ताइवान दौरे पर जाएंगी तो इसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। वे आग से खेल रहे हैं।

इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। दरअसल ताइवान की सरकार और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूतावास की तरफ से बताया गया है कि अमेरिका की राजदूत केली क्राफ्ट अगले सप्ताह ताइवान के दौरे पर जा रही हैं। जहां वह ताइवान के प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगी।

इस बात की जानकारी मिलते ही चीन एकदम से बौखला उठा है। वह अब धमकी देने पर उतारू हो गया है। उसने इशारों ही इशारों में अमेरिका राजदूत को ताइवान का दौरा कैंसिल करने को कहा है।

Donald Trump अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(फोटो:सोशल मीडिया)

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ताइवान पर चीन करता है अपना दावा

दरअसल चीन लम्बे समय से ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है। जबकि असल में ताइवान के स्वायत्ततशासी देश है।

अमेरिका और ताइवान के बीच नजदीकियां बढ़ने से चीन परेशान है।

ट्रम्प प्रशासन द्वारा ताइवान से मेलजोल बढ़ाना अब चीन को बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा है। यही वजह है कि वह अब अमेरिका को एक बार फिर से आंखें दिखा रहा है।

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xi jinping चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग(फोटो:सोशल मीडिया)

अमेरिका लगातार चीन से बढ़ा रहा है दोस्ती

इसके पहले भी अमेरिकी अधिकारियों की ताइवान यात्रा को लेकर चीन ने कड़ी नाराजगी जताई थी। वहीं अमेरिका लगातार ताइवान के साथ अपने संबंधों को बढ़ा रहा है।

दूसरे देशों की तरह अमेरिका ने भी वन चाइना नीति को मान्यता दी है और ताइवान से उसके औपचारिक सम्बन्ध नहीं हैं लेकिन अमेरिका ताइवान का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सपोर्टर है और ताइवान को सैन्य हथियार भी पहुंचाता है।

अमेरिका ऐसा ताइवान रिलेशन एक्ट 1979 के तहत करता है। इस एक्ट के तहत अमेरिका ताइवान को किसी खतरे से बचाने के लिए उसे सहायता प्रदान करेगा। चीन ने इस प्रस्तावित यात्रा की निंदा की है।

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