×

चीन की बर्बरता, अफ्रीकियों के साथ की जा रही बदसलूकी

कथित तौर पर स्थानीय सरकार अफ्रीका के सभी लोगों को कोरोना का मरीज मान रही है और इसी वजह से मकान मालिक तक उन्हें घरों से बाहर खदेड़ रहे हैं।

Aradhya Tripathi
Published on: 14 April 2020 11:06 AM GMT
चीन की बर्बरता, अफ्रीकियों के साथ की जा रही बदसलूकी
X

चीन में कोरोना का कहर तो जारी ही है। लेकिन इसके अलावा चीन की सरकार की जालिम पाना की कुछ खबरे सामने आ रहीं हैं। दक्षिणी चीन के सबसे बड़े शहर ग्वांगझू में रह रहे अफ्रीकन लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बांटा है। कथित तौर पर स्थानीय सरकार अफ्रीका के सभी लोगों को कोरोना का मरीज मान रही है और इसी वजह से मकान मालिक तक उन्हें घरों से बाहर खदेड़ रहे हैं।

कोरोना की दूसरी दस्तक दुर्व्यवहार का कारण

दरअसल चीन में कोरोना ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। चीन में 12 अप्रैल को कोरोना के 99 नए मामले आए, जबकि 12 मार्च को सरकार ने देश से कोरोना खत्म होने की घोषणा कर दी थी। ऐसा माना जा रहा जा रहा है कि इस बार ये वायरस बिना किसी लक्षण के लौटा है। इस लिए इस बार इसे पहले से भी ज्यादा खतरनाक मान जा रहा है। अंदेशा है कि बिना लक्षणों के मरीज सामान्य गतिविधियां रखेगा, जिससे स्वस्थ लोग भी बीमार होते जाएंगे।

ये भी पढ़ें- कोरोना: शहर से लेकर गांव तक ऐसे कर रही हैं लोगों की मदद, पीजी की स्टूडेंट ‘पलक’

ऐसे में चीन में अफ्रीकी लोगों के साथ ये दुर्व्यवहार किया जा रहा है। चीनी लोग इन्हें बाहरी मान के इनके साथ गलत व्यवहार कर रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि ये बाहरी हैं और हमें इनसे खतरा है। इसके चलते मकान मालिक अफ्रीकी लोगों को किराए से निकाल रहे हैं और उन्हें किसी रेस्तरां में भी घुसने नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में उन लोगों ने सोशल मीडिया को अपनी बात कहने का सहारा बनाया है।

ग्वांगझू प्रांत में अफ्रीकियों की बड़ी आबादी

ये भी पढ़ें- लखनऊ: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी कमिश्नर, एडीजी जोन, आईजी, डीआईजी, जिलाधिकारी और कप्तान जुड़ेंगे

कोविड-19 की इसी दूसरी लहर पर परेशान चीन ने एकाएक ग्वांगझू शहर के अफ्रीकन लोगों को संदिग्ध मानना शुरू कर दिया। इसके पीछे चीन के प्रेसिडेंट जिनपिंग की वो अपील भी मानी जा रही है, जिसमें उन्होंने अधिकारियों से कोरोना के विदेशी मामलों पर खास नजर रखने को कहा था। विदेशियों में दूसरे देशों के लोग भी शामिल हैं लेकिन खास अफ्रीकी मूल के साथ दुर्व्यवहार दिख रहा है। इसे नस्लभेद से जोड़कर देखा जा रहा है।

ये भी पढ़ें- पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1211 केस सामने आए: स्वास्थ्य मंत्रालय

ग्वांगझू शहर में सालों से सबसे बड़ी अफ्रीकन आबादी रह रही है। वैसे अफ्रीका के लोग लगातार बिजनेस वीजा पर साल में कई-कई बार आते भी रहते हैं इसलिए चीन में उन अफ्रीकन की संख्या पता लगाना मुश्किल है, जिनके पास चाइनीज वीजा है। एक न्यूज एजेंसी के अनुसार साल 2017 में ग्वांगझू प्रांत में लगभग 3 लाख 20 हजार अफ्रीकन लोगों का आना-जाना हुआ था।

चीन में लिटिल अफ्रीका

ये भी पढ़ें- राशन की आपूर्ति पर 24 घंटे नजर रखी जा रही: गृह मंत्रालय

असल में अफ्रीकन व्यवसाय की दृष्टि से चीन में आते जाते रहते हैं। अफ्रीकी चीन के ग्वांगझू प्रांत में कम कीमत पर मिलने वाले चीनी सामानों को खरीदकर अपने देश में ले जाकर बेचते हैं और मुनाफा कमाते हैं। यानी ये एक पूरी Nigerian trading community है, जो व्यापार के इरादे से यहां बसी हुई है। इसी लिए इस आबादी को चीन का ‘लिटिल अफ्रीका’कहा जाता है। इससे पहले भी चीन में बसे इन अफ्रीकियों के साथ दुर्व्यवहार होता रहा है। अफ्रीका के लोग रास्ते से निकलें तो चीन के लोग नाक पर रुमाल या टिशू रख लेते हैं या भद्दी टिप्पणियां करना आम है।

जबरदस्ती क्वारंटीन में रखा जा रहा

9 अप्रैल को हुई इस जांच में वैसे 114 लोग कोरोना पॉजिटिव आए थे, जिनमें से 16 अफ्रीका और बाकी दूसरे देशों के लोग थे। इसी घटना के बाद से चीन में रहने वाले अफ्रीकन लोगों को कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। वहां रहने वालों ने बात करने पर बताया कि सरकार Covid-19 के शक में उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है।

ये भी पढ़ें- सरकार का ऐलान- गरीबों को तीन महीने तक 5 किलो फ्री राशन

उन्हें घरों से बाहर खुले आसमान के नीचे रात काटने को कहा जा रहा है। जबर्दस्ती उन्हें 14 दिनों के क्वारंटीन में रखा जा रहा है और टेस्ट भी कराया जा रहा है, जबकि ग्वांगझू में बसी इस ट्रेडिंग कम्युनिटी में अब तक किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि अफ्रीकी समुदाय को लेकर लोगों में कुछ गलतफहमियां पैदा हो गई हैं।

देश से बाहर निकालने की साजिश

All African Association of Guangzhou ने इस बारे में स्थानीय अधिकारियों से बात भी की लेकिन उसके बाद ही लगभग 10 कम्युनिटी लीडर्स को होम क्वारंटीन में रख दिया गया। वैसे एकाएक अफ्रीकी मूल के लोगों के साथ इस व्यवहार के पीछे एक वजह ये भी देखी जा रही है कि ट्रेडिंग के लिए हर साल नाइजीरिया से बहुत से लोग आते हैं और पासपोर्ट एक्सपायर होने के बाद चीन में ही रह जाते हैं।

ये भी पढ़ें- खाड़ी में कोरोना के 100 दिन

अब सर्वे और स्क्रीनिंग के बहाने से चीनी अधिकारी सबके पासपोर्ट और वीजा देख रहे हैं और अवैध ढंग से बसे अफ्रीकी लोगों को जुर्माने के बाद देश से बाहर भेजने की सोच रहे हैं। साल 2014 में भी अफ्रीका में इबोला आउटब्रेक के दौरान चीन में रह रहे अफ्रीकन लोगों से बदसुलूकी हुई थी और सबके पासपोर्ट, वीजा की जांच हुई थी।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

Next Story