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चीन जंग को तैयार: भयानक युद्ध की हुई शुरुआत, तैनात कीं घातक तोपें
सैटलाइट से जो तस्वीरें मिली हैं उससे पता चल रहा है कि चीन नागरी इलाके और एयरबेस पर में बड़े पैमाने निर्माण कार्य कर रहा है जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस खुलासे के बाद अब पहली बार चीन ने माना है कि वह एलएसी पर बड़े पैमाने पर तैयारियों में जुटा हुआ है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ चीनी मीडिया ने दावा किया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पहली बार अपने लद्दाख से सटे तिब्बत के नागरी इलाके में अपने सैनिकों के लिए नए आधुनिक बैरक बनाए हैं और भारी तोपें तैनात की हैं। चीनी मीडिया का यहां तक कहना है कि पीएलए 'युद्ध की तैयारियों' के तहत इसे अंजाम दे रही है। पुराने और अस्थाई बैरक की जगह पर सैनिकों के लिए नए तथा स्थायी बैरक का निर्माण किया जा रहा है।
युद्ध की तैयारियों में जुटा चीन
बताया जा रहा है कि सैटलाइट से जो तस्वीरें मिली हैं उससे पता चल रहा है कि चीन नागरी इलाके और एयरबेस पर में बड़े पैमाने निर्माण कार्य कर रहा है जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस खुलासे के बाद अब पहली बार चीन ने माना है कि वह एलएसी पर बड़े पैमाने पर तैयारियों में जुटा हुआ है। चीनी मीडिया ने यह नहीं बताया कि कितने सैनिक तैनात किए गए हैं लेकिन तस्वीरों से पता चल रहा है कि चीन ने बड़ी संख्या सैनिक यहां पर तैनात किए हैं।
यह है चीन का यह सैन्य ठिकाना
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन का यह सैन्य ठिकाना करीब 15000 फुट की ऊंचाई पर है और वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के एक प्रमुख युद्ध के मोर्चे के बिल्कुल पास हो सकता है। चीन के नागरी प्रांत की सीमाएं भारत, नेपाल और चीन के उइगर बहुल शिंजियांग इलाके से मिलती हैं। इस इलाके में चीन की सबसे कम जनसंख्या निवास करती है। इसी प्रांत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील भी स्थित है।
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युद्ध की तैयारी के लिए बनाये गए बैरक
भारत और चीन के बीच विवाद का मुद्दा बना देमचोक इलाका भी यहीं पर है। चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी ने यह नहीं बताया कि चीन ने इन बैरक का निर्माण कब शुरू किया और उसे बनाने में कितना समय लगा। हालांकि उसने यह दावा किया कि कई नई तकनीकों की मदद से इन सैन्य सुविधाओं का बहुत तेजी से निर्माण किया गया है। चीनी सेना पीएलए ने भी नए बैरक की तस्वीर जारी की है। इसमें कई विशाल इमारतें शामिल हैं। इसके अलावा तोपों को छिपाने के लिए कई बैरक बनाए गए हैं।
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बैरक के अंदर हर चीज को चौड़ा बनाया गया है
सीसीटीवी ने कहा कि इन बैरक का मकसद युद्ध की तैयारी करना है। उसने कहा, 'बैरक के अंदर हर चीज को चौड़ा बनाया गया है ताकि तेजी से सैनिकों को इकट्ठा किया जा सके। युद्ध के लिए जरूरी सामान के गोदाम और गैरेज को जोड़ा गया है ताकि आपातकालीन स्थिति में तेजी से हथियारों को लोड करके सैनिकों को भेजा जा सके। इन नए बैरक के बनाए जाने से सैनिकों को आसानी से इलाके में ढलने का मौका मिलेगा।