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कोरोना पर चीनी राष्ट्रपति ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, जांच की मांग को लेकर कही ऐसी बात

कोरोना महामारी पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। शी जिनपिंग ने चीन पर लग रहे आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत से लेकर अभी तक हमने पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ काम किया।

Dharmendra kumar
Published on: 18 May 2020 7:59 PM IST
कोरोना पर चीनी राष्ट्रपति ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, जांच की मांग को लेकर कही ऐसी बात
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। शी जिनपिंग ने चीन पर लग रहे आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत से लेकर अभी तक हमने पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ काम किया। शी जिनपिंग ने कहा कि चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन व संबंधित देशों को सही समय पर हर जानकारी उपलब्ध कराई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सोमवार से शुरू हुई सालाना बैठक में यह बाते कहीं।

कोरोनो वायरस को लेकर चीन पर आरोप लग रहे हैं कि उसने इस महामारी की शुरुआत में जानकारियां छिपाईं, जिससे दुनिया भर में यह संक्रमण फैल गया। कोरोना महामारी में चीन की भूमिका को लेकर अमेरिका समेत कई देशों ने स्वतंत्र जांच की भी मांग की है।

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शी जिनपिंग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए गए भाषण में कहा कि कोरोना वायरस पर काबू पाने के बाद चीन WHO की अगुवाई में कोरोना महामारी में वैश्विक कार्रवाई की समीक्षा का समर्थन करता है। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वह जांच के लिए तैयार हैं, लेकिन यह स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए।

'दूसरे विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट'

चीनी राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस की महामारी को दूसरे विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट करार दिया और पीड़ित देशों की मदद के लिए दो सालों में 2 अरब डॉलर की धनराशि देने की भी घोषणी की।

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चीन में कोरोना वायरस को लेकर पांच वैक्सीनों का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। जिनपिंग ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ चीन में बन रही वैक्सीन तक पूरी दुनिया की पहुंच होगी। शी जिनपिंग ने कहा कि अगर चीन में कोरोना की वैक्सीन बनती है तो वह सुनिश्चित करेंगे कि यह विकासशील देशों की पहुंच में भी हो।

62 देशों ने की कोरोना जांच की मांग

WHO की दो दिनों तक चलने वाली सालाना बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा कोरोना वायरस महामारी ही है। भारत समेत 62 देशों ने कोरोना महामारी की उत्पत्ति की जांच वाले प्रस्ताव का समर्थन किया है। भारत की ओर से इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन अगुवाई करेंगे।

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जांच का समर्थन करने वाले देशों में भारत के साथ बांग्लादेश, कनाडा, रूस, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और जापान भी शामिल हैं। WHO की बैठक में पेश होने वाले प्रस्ताव में चीन या वुहान का जिक्र नहीं है, लेकिन इसमें मांग की गई है कि वायरस की उत्पत्ति और इसके जानवर से इंसान तक फैलने की जांच की जाए।



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