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चीन के शोधकर्ताओं का दावा, कोरोना से मृत्यु दर कम करने में सहायक है ये दवा

चीन के इस ताजा शोध में बताया गया है कि इस एंटी-मलेरिया ड्रग की वजह से करोना वायरस के गंभीर मरीजों में मृत्यु दर कम करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।

Aradhya Tripathi
Published on: 3 May 2020 8:05 PM IST
चीन के शोधकर्ताओं का दावा, कोरोना से मृत्यु दर कम करने में सहायक है ये दवा
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पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। दुनिया का लगभग हर देश इस वायरस की चपेट में आ चुका है। ऐसे में दुनियाभर के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इस वायरस काइलाज ढूंढ रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी को कोई सफालता हाथ नहीं लगी है। ऐसे में जिस हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को कुछ पश्चिमी स्टडीज में कोरोना के इलाज में बेअसर बता दिया गया था। उसे चीन के नए शोध में काफी कामगर और मृत्यु दर को कम करने में सहायक बताया गया है।

फरवरी से 8 अप्रैल के बीच की गई स्टडी

चीन के इस ताजा शोध में बताया गया है कि इस एंटी-मलेरिया ड्रग की वजह से करोना वायरस के गंभीर मरीजों में मृत्यु दर कम करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। यह स्टडी वुहान के टोंगजी अस्पताल के 568 कोरोना मरीजों के क्लिनिकल विश्लेषण पर आधारित है। लेकिन अभी प्रकाशित नहीं की गई है। ये स्टडी फरवरी से 8 अप्रैल के बीच की गई। चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नेचर साइंस फाउंडेशन और मा यून फाउंडेशन से मिले फंड से किए गए इस शोध को समकक्ष समीक्षा के लिए 'चाइना लाइफ साइंस जर्नल' को भेजा गया है।

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इस शोध में क्लिनिकल​​ विश्लेषण के तहत सभी मरीजों को तुलनात्मक बुनियादी इलाज दिए गए। जिनमें एंटीवायरल और एंटीबॉयोटिक दवाएं शामिल थीं. उनमें से 48 मरीजों ने 7 से 10 दिन के लिए मुंह से ली जाने वाली HCQ थेरेपी हासिल की। इस शोध में पाया गया कि गैर-HCQ समूह में HCQ समूह की तुलना में मृत्यु दर दोगुनी से भी ज्यादा दिखाई दी। गैर-HCQ समूह में ये 43.5 प्रतिशत थी, वहीं HCQ समूह में मृत्यु दर 18.8 प्रतिशत ही रही।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रथम विकल्प के रूप में करें प्रयोग

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शोधकर्ताओं ने लिखा, "हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन इलाज अहम तौर पर गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों में घटी हुई मृत्यु दर से जुड़ा है।" स्टडी में दावा किया गया है, "बिना टॉक्सिसिटी (विषाक्तता) गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के इस्तेमाल का जुड़ाव मौत के खतरे को कम करने से है। स्टडी में ये कहा गया कि कोरोना वायरस से जानें बचाने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को पहले विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाए।

भारत ने बढ़ाया HCQ का उत्पादन

लेकिन चीन के अलावा अन्य देशों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर मिले-जुले परिणाम सामने आये हैं। तुर्की में कोरोना के 10 लाख से अधिक मरीजों में इस दवा से यूरोपीय देशों की तुलना में मौतों की संख्या काफी कम रखने में सफलता मिली। एक रिपोर्ट में भी ऐसा दावा किया गया है कि HCQ ट्रीटमेंट कोरोना वायरस से जुड़े इलाज के प्रमुख क़दमों में से एक है। और दूसरा आइसोलेशन है।

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अमेरिका में, ‘एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन फिजिशियंस एंड सर्जन्स’ ने पाया कि कोरोना मरीजों की मदद में HCQ के काम आने की 90 फीसदी संभावना है। वहीं भारत ने अप्रैल में HCQ का उत्पादन 30 करोड़ टेबलेट तक बढ़ा दिया। इससे एक महीने पहले 12.23 करोड़ टेबलेट का ही उत्पादन हुआ। ब्राजील, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों ने कोरोना के इलाज में HCQ का इस्तेमाल जारी रखा हुआ है।



Aradhya Tripathi

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