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World News : कोर्ट ने मुर्गे को दिया बोलने का हक

seema
Published on: 22 April 2023 10:10 PM GMT
World News : कोर्ट ने मुर्गे को दिया बोलने का हक
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आपने भी सुबह के समय मुर्गे की बांग जरूर सुनी होगी। मुर्गा है तो बांग तो देगा ही मगर फ्रांस में मुर्गे की इस बांग को लेकर ही एक बड़ी महाभारत हो गई और मामला कोर्ट तक पहुंच गया। आखिरकार कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुर्गे को बांग देने का हक दे दिया है।

पड़ोसी ने जताई थी आपत्ति

एक समय था जब मुर्गे की बांग सुनकर ही लोगों की सुबह हुआ करती थी, लेकिन फ्रांस में कई महीनों से मुर्गे के बोलने को लेकर बड़ी बहस चल रही थी। आखिरकार जीत मुर्गे की ही हुई और कोर्ट ने भी कह दिया कि मुर्गे को अपने सुर में गाने का पूरा अधिकार है। दरअसल इस मामले में हुआ यह कि मुर्गे के बोलने पर उसकी मालकिन क्रोनी के पड़ोसी को सख्त ऐतराज था। पड़ोसी का कहना था कि मुर्गे के बोलने से उन्हें काफी दिक्कत होती है। उनकी नींद खुल जाती है। यह मामला कोर्ट में पहुंच गया। इस मामले को लेकर कोर्ट में केस शुरू होने पर राष्ट्रीय बहस छिड़ गई। मजे की बात यह है कि मुर्गा फ्रांस का राष्ट्रीय प्रतीक भी है।

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मुर्गे की बांग से नींद में खलल

इस मामले को लेर फ्रांस के शहरी और ग्रामीण लोग बंट गए। शहरी लोगों का कहना था कि मुर्गे के सुबह-सुबह बोलने से उनकी नींद में खलल पड़ता है। क्रोनी के पड़ोसी ने तो ध्वनि प्रदूषण का भी दावा किया था। वहीं ग्रामीणों को इस पर कोई ऐतराज नहीं था। उनका कहना था कि मुर्गे को बोलने का तो हक होना ही चाहिए। इसे लेकर कई स्थानों पर प्रदर्शन भी हुए। अंत में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस पक्षी को बोलने का अधिकार है।

फैसले पर जताई खुशी

मौरिस नाम के जिस मुर्गे को लेकर विवाद शुरू हुआ उसे क्रोनी फेस्सयू ने पाल रखा था। क्रोनी के वकील ने बताया कि मौरिस केस जीत गया है। क्रोनी ने कहा कि आज तक किसी ने मुर्गे के बोलने को लेकर आपत्ति नहीं की मगर जबसे उनके पड़ोस में एक दंपति रहने आया, तब से सिर्फ उन्हीं को परेशानी है। क्रोनी के पड़ोसी लुइस बिरन और उनकी पत्नी की शिकायत थी कि मुर्गे के बोलने की वजह से सुबह-सुबह उनकी नींद खुल जाती है।

उन्होंने मौरिस की बांग को लेकर आपत्ति जताई। कोर्ट का फैसला पक्ष में आने के बाद क्रोनी ने कहा कि यह उनकी तरह के सभी लोगों की जीत है। वह बेहद खुश थीं। मौरिस को लेकर छिड़ी बहस ने लाखों लोगों को एकजुट कर दिया और लोगों ने उसके समर्थन में सेव मौरिस अभियान तक चला दिया। फैसला आने के बाद मौरिस का समर्थन करने वाले लोग काफी

खुश हैं।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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