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गजब क्या कोरोना संकट से निपटने को आदमी की जगह रोबोट करेंगे काम

पूरी दुनिया में जिस तरह से कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। उसके चलते लगभग सभी देशों में बहुत से बदलाव हो गए हैं। अधिकतर देशों में लॉकडाउन जारी किया गया।

Roshni Khan
Published on: 21 April 2020 12:15 PM IST
गजब क्या कोरोना संकट से निपटने को आदमी की जगह रोबोट करेंगे काम
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नई दिल्‍ली: पूरी दुनिया में जिस तरह से कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। उसके चलते लगभग सभी देशों में बहुत से बदलाव हो गए हैं। अधिकतर देशों में लॉकडाउन जारी किया गया। जिस वजह से इसका असर सब पर पड़ रहा है। ऐसे अब जो इतने समय का कार्यकाल रुका हुआ है, आपके हिसाब से उसे कौन पूरा करेगा इसको लेकर बहस हो रही है। ये बहस रोबोट को लेकर है। ऐसा बताया जा रहा है कि रोबोट हमारा काम आसान कर रहे हैं या फिर लोगों से उनका काम छीन रहे हैं। जबसे कोरोना महामारी फैली है तबसे दुनिया बदल रही है। इसमें काम करने का तरीका भी शामिल है। वहीं बहुत सी बड़ी कंपनियां अपने काम को आसान बनाने के लिए रोबोट का इस्तेमाल कर रही हैं।

इस पर विश्लेषकों का कहना है कि, 'इसे बेहतर कहें या बदतर रोबोट मनुष्यों का जीवन बदलने जा रहे हैं, साथ ही वे मनुष्यों की नौकरियों को लील रहे हैं।' एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप ने इस प्रोसेस को तेज कर दिया है। हम जब इस संकट से पार पा लेंगे तो माना जा रहा है कि रोबोट हमारी दुनिया में ज्यादा सक्रिय होंगे।

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कोरोना खोल रहा नए अवसर :

रोबोट के बारे में लिखने वाले मार्टिन फोर्ड का मानना है कि, लोग आमतौर पर अपनी बातचीत में मानवीय तत्व चाहते हैं, लेकिन कोविड-19 ने इसे बदल दिया है। कोविड -19, उपभोक्ता की वरीयता को बदलने जा रहा है और स्वचालन के लिए नए अवसरों को खोल रहा है। आने वाले वक्त में रोबोट अर्थव्यवस्था से जुड़ जाएंगे।

स्वास्थ्य की चिंता :

इस पर एक लेखिका ब्लेक मॉर्गन का कहना हैं कि, ''ग्राहक अब अपने साथ श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की भी परवाह करते हैं। स्वचालन की ओर कदम सभी को स्वस्थ रख सकता है और ग्राहक ऐसा करने वाली कंपनियों को सराहेंगे।'' उनके मुताबिक, इसकी सीमाएं भी हैं। जब कई प्रणालियां अच्छी तरह से काम नहीं करती हैं या आसानी से टूट जाती हैं तो कस्टमर्स उनसे बचते हैं।

किराने के दुकानों में उपयोग :

कोरोना वायरस संकट के समय सफाई और स्वच्छता उत्पाद बनाने वाली कंपनियों की मांग काफी बढ़ी है। यूवीडी रोबोट, डेनमार्क के अल्ट्रावायलेट लाइट डिस्इंफेक्शन रोबोट का निर्माण करने वाली कंपनियों ने चीन और यूरोप के हॉस्पिटलस को अपनी सैकड़ों मशीनें भेजी हैं। इन रोबोट का यूज किराने का सामान देने वाली दुकानों और रेस्तरां में अधिक किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हम इस तकनीक को आगे भी अपना सकते हैं।

मानव श्रम की तुलना में सस्ते :

अगर यदि एक बार कोई कंपनी श्रमिक के बदले में रोबोट का यूज शुरू करती है तो वो शायद ही इस व्यवस्था को बदले। रोबोट का निर्माण और उन्हें व्यवसाय में काफी महंगा होता है, लेकिन काम शुरू करने के बाद लंबे वक्त में ये मानव श्रमिकों की तुलना में सस्ते होते हैं।

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कई जगह काम कर रहे रोबोट :

खाद्य सेवा एक अन्य क्षेत्र है जहां स्वास्थ्य चिंताओं की वजह से रोबोट का इस्तेमाल बढ़ने की आशंका है। मैकडॉनल्ड्स जैसी फास्टफूड चेन कुक और भोजन परोसने वाले रोबोट का परीक्षण कर रही है। वहीं अनलाइन कंपनी अमेजन और वॉलमार्ट अपने गोदामों में रोबोट का इस्तेमाल दक्षता सुधार के लिए कर रहे हैं। कोरोना का असर दोनों कंपनियां शिपिंग और पैकिंग के लिए रोबोट का उपयोग बढ़ाने की कोशिश में हैं। लेकिन तकनीक से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक, ये कई लोगों को काम से बाहर कर देगा।

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Roshni Khan

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