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ताउम्र सुरक्षा नहीं देगी कोरोना की वैक्सीन, WHO ने किया आगाह

पिछले तमाम अध्ययन सुझाते हैं कि व्यक्ति की इम्यूनिटी और शारीरिक प्रतिक्रिया पर निर्भर होगा कि वैक्सीन का असर कितने लंबे समय तक रहता है।

suman
Published on: 9 Jan 2021 11:08 AM GMT
ताउम्र सुरक्षा नहीं देगी कोरोना की वैक्सीन, WHO ने किया आगाह
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दिल्ली सरकार ने भी अपने यहां कोरोना नियमों में राहत प्रदान की है। यूके से दिल्ली आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कुछ छूट दी गई है।

नीलमणि लाल

नई दिल्ली कोरोना महामारी को मात देने के लिए भारत में वैक्सीनेशन को लेकर तैयारी चल रही है। अमेरिका, ब्रिटेन सरीखे तमाम देशों में वैक्सीनेशन शुरू भी हो चुके हैं।लेकिन इस बीच एक सवाल उठ रहा है कि क्या वैक्सीनेशन के बाद व्यक्ति में कोरोना संक्रमण का खतरा पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा? कहा जा रहा है कि वैक्सीन बहुत ज्यादा दिनों तक संक्रमण से सुरक्षा नहीं दे पायेगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया आगाह

वैक्सीन को कोरोना वायरस के खिलाफ अल्टीमेट ढाल मानकर चल रहे लोगों को विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं के एक्सपर्ट्स ने आगाह किया है कि वैक्सीन के बाद भी सतर्कता और सावधानियां बरतनी जरूरी है। वैज्ञानिकों की राय अभी स्पष्ट नहीं है कि वैक्सीन मनुष्य के शरीर को कितनों दिनों तक संक्रमण से सुरक्षा दे पाएगी।

कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए विकसित की गई वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 से अधिक उम्र की आबादी और गंभीर बीमारी से ग्रस्त 50 से कम उम्र के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर देने का निर्णय किया गया है।

कुछ महीनों तक ही सुरक्षा

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस की सबसे सुरक्षित मानी जानी वाली वैक्सीन भी टीकाकरण के कुछ महीनों तक अथवा अलग-अलग शरीर के हिसाब से कुछ सालों तक ही संक्रमण से सुरक्षा देने में कारगर होगी। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने विशेषज्ञों के हवाले से साफ कहा है कि एक बार वैक्सीन लेने से पूरी जिंदगी के लिए कोई भी संक्रमण से सुरक्षित नहीं रह सकता है। यानी वैक्सीनेशन के बाद संक्रमण का खतरा कुछ समय के लिए ही टलेगा। विशेषज्ञ कह रहे है कि कोरोना वायरस से ऐसी उम्मीद नहीं रखी जा सकती है कि वह आजीवन सुरक्षा की गारंटी दे सकती है।

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corona vaccine

चूंकि वैक्सीनेशन के बाद उसके असर दिखने में कुछ दिनों का समय लगता है, लेकिन इस बीच कोई कोरोना वायरस के सीधे संपर्क में आए जाए, तो वह भी संक्रमित हुए भी बिना नहीं रह सकता है। ऐसे में यह मानकर बैठ जाना कि वैक्सीनेशन के तुरंत बाद कोई कोरोना रोधी बन जाएगा, यह बड़ी गलतफहमी होगी।

अमेरिकी सीडीसी के अनुसार, विशेषज्ञों को अभी यह नहीं पता है कि वैक्सीन लेने के कितने समय तक दोबारा संक्रमण से बचाव संभव होगा। नैचुरल इम्यूनिटी हर व्यक्ति में अलग अलग होती है और यह भी आजीवन नहीं होती। हालांकि वैज्ञानिक यह पता लगाने के लिए लगातार अध्ययन कर रहे है कि कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद कितने दिन तक के लिए शरीर में इम्यूनिटी विकसित होती है।

अध्ययन की सामग्री बहुत सीमित

चूंकि अभी कोरोना वायरस महामारी को दुनिया में फैले हुए एक साल भी नहीं हुआ है इसलिए इस बारे में हुए अध्ययन की सामग्री बहुत सीमित है, जिससे समझा जा सके कि कोरोना वैक्सीन से विकसित होने वाली इम्यूनिटी की समय सीमा क्या है।

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पिछले तमाम अध्ययन सुझाते हैं कि व्यक्ति की इम्यूनिटी और शारीरिक प्रतिक्रिया पर निर्भर होगा कि वैक्सीन का असर कितने लंबे समय तक रहता है। इन हालातों को देखते हुए वैज्ञानिक द्वारा सलाह दी गई है कि वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना से सुरक्षा के लिए पारंपरिक साधन क्रमशः मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन किया जाए।

suman

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