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कोरोना महामारी पर खुली चीन के झूठ की पोल, अब आई ये बड़ी सच्चाई सामने

चीन से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। कोरोना महामारी को लेकर चीन पर झूठ बोलने के आरोप लग रहे हैं। इसके साथ ही उस कोरोना के आंकड़े छुपाने का भी आरोप है। अब चीन में कोरोना वायरस के आंकड़ों को लेकर नया दावा किया है।

Dharmendra kumar
Published on: 18 May 2020 3:33 AM GMT
कोरोना महामारी पर खुली चीन के झूठ की पोल, अब आई ये बड़ी सच्चाई सामने
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नई दिल्ली: चीन से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। कोरोना महामारी को लेकर चीन पर झूठ बोलने के आरोप लग रहे हैं। इसके साथ ही उस कोरोना के आंकड़े छुपाने का भी आरोप है। अब चीन में कोरोना वायरस के आंकड़ों को लेकर नया दावा किया है। इस दावे में कहा कि चीन में आधिकारिक आंकड़े 82,000 से 6 गुना अधिक 6,40,000 कोरोना महामारी के केस हो सकते हैं। यह दावा एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में किया गया है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह डेटा चीनी सेना के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी से कथित तौर पर लीक हुआ है। इस डेटा में अस्पतालों के स्थान, अपार्टमेंट कंपाउंड्स से जुड़ी जगहों के नाम, होटल, सुपरमार्केट, रेलवे स्टेशन, रेस्तरां और देशभर में फैले स्कूलों के कवर होने का दावा है।

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इस मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा जबकि पूरी तरह से व्यापक नहीं है, लेकिन अविश्वसनीय रूप से समृद्ध है। इसमें जानकारी के 6,40,000 से अधिक अपडेट्स हैं, जो कम से कम 230 शहरों को कवर कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 6,40,000 पंक्तियां उस वक्त पर खास जगहों के केस की संख्या कथित तौर पर दर्ज कर रही हैं, जिस वक्त ये डेटा इकट्ठा किया गया।

फरवरी के शुरू से लेकर अप्रैल के आखिर तक डेटा के हर एक अपडेट में जगहों से जुड़े अक्षांश, देशांतर और पुष्ट केसों की संख्या इसमें शामिल है। रिपोर्ट में दावा है कि डेटा में कोरोना महामारी के एपिसेंटर रहे हुबेई प्रांत के वुहान में और आसपास की जगहों के मौतों और रिकवरी की संख्या भी हैं।

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लेकिन डेटासेट में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के नाम शामिल नहीं हैं। रिपोर्ट से जुड़े दोनों संगठन ने स्वतंत्र रूप से इसकी प्रमाणिकता को सत्यापित नहीं किया है। उकी तरफ से कहा गया है कि इस नोट का सह-प्रकाशन कर रहे हैं, सुरक्षा कारणों से अभी डेटाबेस को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। हालांकि कहा गया है कि कोरोना वायरस के फैलाव की स्टडी करने वाले रिसर्चर्स के लिए डेटा उपलब्ध कराने के तरीके तलाश रहे हैं।

सूत्रों ने अपनी पहचान खोलने से किया मना

रिपोर्ट के मुताबिक चीनी मिलिट्री डेटा साझा करने की संवेदनशीलता से जुड़े होने की वजह से लीक के सूत्रों ने अपनी पहचान नहीं खोलने के लिए कहा है।

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इस पर चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विदेशी मीडिया आउटलेट्स से "निष्पक्ष" रिपोर्टिंग के लिए कहा है। प्रवक्ता ने ट्विट कर कहा है कि Covid-19 के खिलाफ जीतने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए जरूरी है कि सभी मीडिया दुनिया भर में पेशेवर नैतिकता के साथ विज्ञान और तर्क का पालन करें, तथ्यों और सच्चाई से चिपके रहें और निष्पक्षता और संतुलन के लिए प्रतिबद्ध हों।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों के मुताबिक इस विषय में और आगे जांच से ही सच्चाई का पता चल सकता है। एक विषेषज्ञ के मुताबिक यह पूरी तरह से संभव है कि यह लोकेशन ट्रैकिंग डेटा है, और इस प्रकार एक संक्रमित केस की एक से अधिक पंक्ति हो सकती हैं।

Dharmendra kumar

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