×

कुत्तों को दी जा रही कोरोना वायरस को सूंघने की ट्रेनिंग

Shivani Awasthi
Published on: 28 March 2020 4:51 AM GMT
कुत्तों को दी जा रही कोरोना वायरस को सूंघने की ट्रेनिंग
X

नई दिल्ली: इंसान की तुलना में कुत्तों की नाक दस हजार गुना ज्यादा संवेदनशील होती है। यही वजह है कि ड्रग्स और विस्फोटक का पता लगाने के अलावा अपराधियों को गंध के जरिये ढूँढने में कुत्तों की मदद ली जाती है।

कोरोना से लड़ने में कुत्ते देंगे साथ

कुत्तों की इसी खूबी का फायदा कोरोना वायरस को ढूँढने में उठाया जाएगा। दरअसल, बीमारियों का पता लगाने में कुत्तों की सूंघने की क्षमता पर पहले भी शोध हो चुका है। वैज्ञानिक यह मानते आए हैं कि हर एक बीमारी की अपनी अलग-अलग दुर्गंध होती है। ऐसे तमाम वाकये हैं जब पालतू कुत्तों ने अपने मालिक-मालकिन में कैंसर जैसी बीमारी के संकेत सूंघ कर दिये हैं। ऐसे कुत्तों में लेब्राडोर नस्ल काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

ये भी पढ़ें: मालकिन से बिल्ली में पहुंचा कोरोना वायरस, खुलासे से मचा दुनिया भर में हड़कंप

ब्रिटन में की गई पहल

कोरोना बीमारी का पता कुत्तों से लगवाने की पहल ब्रिटेन की एक संस्था ‘मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स’ ने लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के साथ मिलकर की है। इस संस्था के पास ऐसे कुत्ते हैं जो कैंसर और पार्किंसंस जैसी बीमारी के शुरुआती लक्षण पहचनाने के लिए प्रशिक्षित हैं।

कुत्तों को छह हफ्ते में प्रशिक्षित करने की तैयारी शुरू

संस्था का कहना है उसने कुत्तों को छह हफ्ते में प्रशिक्षित करने की तैयारी शुरू कर दी है। संस्था के मुताबिक, " महामारी के अंत से पहले बीमारी का तेजी से पता लगाने के लिए प्रशिक्षण देने की कोशिश की गई है." संस्था इससे पहले कैंसर, पार्किंसन और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी का पता लगाने के लिए कुत्तों को ट्रेनिंग दे चुकी है। यह कुत्ते इंसानी त्वचा के तापमान में तनिक से बदलाव का भी पता लगा सकते हैं। संस्था का कहना है कि उनका उद्देश्य है कि कुत्ते किसी को भी जांचने में सक्षम हों। इसमें वे लोग भी शामिल होंगे जिनमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं।

ये भी पढ़ें: कोरोना इफेक्ट : आखिर क्या है इन दवाओं में, जो जगाती हैं उम्मीद?

लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में रोग नियंत्रण प्रमुख कहते हैं कि कुत्ते मलेरिया और अन्य ऐसी बीमारी की भी पहचान कर पाने में सक्षम हैं जो सांसों से जुड़ी होती हैं। उनके मुताबिक कुत्ते कोविड-19 में भी कारगार साबित होंगे। बीमारी को फिर से उभरने से रोकने में मदद करने के लिए डिटेक्शन कुत्तों की तैनाती एयरपोर्ट पर की जा सकती है ताकि ऐसे लोगों की पहचान हो सके जिनके शरीर में वायरस हो।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story