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ट्रंप के रुख से अमेरिका में संकट बढ़ा, गवर्नरों पर डाली सामान जुटाने की जिम्मेदारी
कोरोना संकट के बीच ट्रंप के इस रुख से देश में कठिन स्थितियां पैदा हो गई हैं। अपने राज्यों में लॉकडाउन खोलने का महत्वपूर्ण फैसला भी गवर्नरों को ही करना है।
अंशुमान तिवारी
वाशिंगटन। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख ने एक और बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। अमेरिका इस समय टेस्टिंग किट्स और अन्य उपकरणों की कमी से जूझ रहा है और ट्रंप ने इन सभी उपकरणों के इंतजाम की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी है।
वैसे ट्रंप प्रशासन की ओर से कुछ साज-सामान राज्यों को जरूर दिए गए हैं मगर अधिकतर राज्यों के गवर्नर विदेशों से सामान जुटाने में संकट का सामना कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि कोरोना संकट के बीच ट्रंप के इस रुख से देश में कठिन स्थितियां पैदा हो गई हैं। अपने राज्यों में लॉकडाउन खोलने का महत्वपूर्ण फैसला भी गवर्नरों को ही करना है।
अमेरिका में बेकाबू हुआ कोरोना
कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक संक्रमण अमेरिका में ही दिख रहा है। अमेरिका में अब तक साढ़े ग्यारह लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 65000 से अधिक लोगों की जान इस वायरस ने ले ली है। जॉन्स हापकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में अमेरिका कोरोना के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित है। जिस तरह भारत में मुंबई सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है, उसी तरह अमेरिका में न्यूयॉर्क में भी हालात बेकाबू हो चुके हैं। मुश्किल की इस घड़ी में भी ट्रंप के अजीबोगरीब फैसले देश के लिए भारी साबित हो रहे हैं।
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बड़ी मुश्किल में फंसे राज्यों के गवर्नर
ट्रंप ने टेस्टिंग किट्स और अन्य चिकित्सा उपकरणों को जुटाने की जिम्मेदारी राज्यों के गवर्नरों पर डाल दी है। इस कारण राज्यों के गवर्नर मुश्किल स्थिति का सामना कर रहे हैं। इस संकट का सामना करने के लिए गवर्नरों ने एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाया है। मेरीलैंड के गवर्नर लैरी होगन ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी से ही जुड़े हुए हैं मगर वे ट्रंप का खुलकर विरोध करते हैं। होगन ने दूसरे गवर्नरों के साथ संपर्क बढ़ाने की पहल की है।
उनका कहना है कि गवर्नर एक- दूसरे के साथ मिलकर ही इस संकट का सामना कर सकते हैं। कोरोना संकटकाल में गवर्नरों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि ट्रंप राष्ट्रीय स्तर पर तालमेल बैठाने के बजाय दूसरों को दोषी ठहराने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
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ट्रंप ने कोरोना की गंभीरता नहीं समझी
होगन ने गत जुलाई में नेशनल गवर्नर्स एसोसिएशन (एनजीए) के चेयरमैन का पद संभाला था। उनका आरोप है कि फरवरी में जब गवर्नरों सम्मेलन हुआ था तब भी ट्रंप कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। उस दौरान भी उन्होंने कहा था कि इस वायरस को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह खुद चला जाएगा। होगन का कहना है कि इस वायरस की गंभीरता को समझते हुए ही उन्होंने विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी। विशेषज्ञों का कहना था कि इस वायरस के गंभीर नतीजे हो सकते हैं मगर ट्रंप ने विशेषज्ञों की इस चेतावनी को हल्के में लिया जिसका खामियाजा आज पूरे अमेरिका को भुगतना पड़ रहा है।
राज्यों को दोषी ठहरा रहे हैं ट्रंप
कई राज्यों के गवर्नरों का कहना है कि ट्रंप की रुचि राज्यों को मदद पहुंचाने से ज्यादा गवर्नर को दोषी ठहराने में है। इस कारण भी मुसीबत का सामना करने में कठिनाई आ रही है। ट्रंप ने एबॉट लेबोरेट्रीज के रैपिड टेस्टिंग डिवाइस की प्रशंसा की थी। उनका दावा था कि इस टेस्टिंग किट के जरिए पांच मिनट में ही जांच का सटीक नतीजा सामने आ जाएगा। लेकिन असलियत ट्रंप के दावे के बिल्कुल विपरीत है। कई राज्यों के गवर्नरों को इस टेस्टिंग किट से शिकायत है।
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गवर्नरों का कहना है कि उन्हें यह नहीं मालूम कि टेस्ट के लिए वाशिंगटन में किससे संपर्क किया जाए। उनका का आरोप है कि इस संकट से निपटने के लिए ट्रंप सहयोगात्मक रवैया नहीं अपना रहे हैं और इस कारण समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है।
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