×

ट्रंप का सराहनीय कदम: अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को दिया मौका, ये है वजह

पूरे दुनिया सहित अमेरिका में कोरोना महामारी की स्थिति बहुत ही ख़राब है, इसी बीच कुछ भारतीयों का एच -1बी वीजा की वैद्यता ख़त्म हो गई थी। अब ये छूट उन लोगों को दी गयी है जिन्हें डॉक्यूमेंट सबमिट करने के लिए नोटिस जारी किया गया था।

SK Gautam
Published on: 2 May 2020 12:49 PM IST
ट्रंप का सराहनीय कदम: अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को दिया मौका, ये है वजह
X

नई दिल्ली: लॉक डाउन के कारण अमेरिका में फंसे भारतीयों को अमेरिकी सरकार ने भारत के एच -1बी वीजा होल्डर्स और ग्रीन कार्ड आवेदकों को 60 दिन और रुकने की इजाजत दे दी है। पूरे दुनिया सहित अमेरिका में कोरोना महामारी की स्थिति बहुत ही ख़राब है, इसी बीच कुछ भारतीयों का एच -1बी वीजा की वैद्यता ख़त्म हो गई थी। अब ये छूट उन लोगों को दी गयी है जिन्हें डॉक्यूमेंट सबमिट करने के लिए नोटिस जारी किया गया था।

दो महीने के अंदर Form I-290B भरना होगा जरूरी

बाते दें कि यूएस सिटिजनशिप एंड इम्मिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि 60 दिनों का ग्रेस पीरियड बढ़ाकर एच -1बी वीजा होल्डर्स और ग्रीन कार्ड आवेदकों को रियायत दी गई है। एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूएससीआईएस का कहना है कि यह छूट इसलिए दी गई है कि कोरोनावायरस के संकट के दौरान लोग अपने नोटिस में दी गईं रिक्वेस्ट का जवाब आराम से दे सकें और फॉर्म Form I-290B भर सकें।

एच -1बी वीजा होल्डर्स और ग्रीन कार्ड आवेदकों पर कोई भी एक्शन लेने से पहले यूएससीआईएस 60 दिनों के भीतर प्राप्त Form I-290B फॉर्म पर विचार करेगा।

ये भी देखें: कांप उठे सभी: पुलिस पर चढ़ा दी कार, फिर किया ये काम

महामारी के दौरान आई संकट की घड़ी में इम्मिग्रेशन का लाभ पाने वालों के लिए यूएससीआईएस इम्मिग्रेशन के दौरान आने वाली समस्या को कम कर रहा है। अमेरिका में कोरोवायरस वायरस महामारी के कारण व्यवसायों पर पड़ने वाले प्रभाव का असर एच-1बी वीजा होल्डर्स पर पड़ रहा है, जो कि उनके वीजा को खतरे में डाल सकता है। अमेरिका में लगभग दो लाख लोग एच-1बी वीजा पर हैं और ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था भी वीजा नियमों के खिलाफ

पिछले दो महीनों में, लाखों अमेरिकी नागरिक अपनी नौकरियां गवां चुके हैं। हालांकि, वीजा पर काम करने वाले लोगों को ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि H1-B वीजा लोकेशन और एम्पलॉयर से जुड़ा है, जिसमें वह प्राप्तकर्ता को बेसिक वेतन देने के लिए सहमत होता है। वेतन में कटौती और यहां तक कि वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था भी वीजा नियमों के खिलाफ है।

ये भी देखें: लाखों में1 लीटर खून: बिक रहा अब इंटरनेट पर, आप भी सोच में पड़ जाएंगे

दो महीने के बाद ये करना पड़ सकता है भारतीयों को

अब उन H-1B वर्कर्स को, जिन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है, उनके पास नई नौकरी खोजने के लिए 60 दिनों का समय है। अगर वे इस दौरान नौकरी नहीं खोज पाते हैं या एक अलग वीजा टाइप में शिफ्ट नहीं होते हैं तो उन्हें घर लौटना होगा।



SK Gautam

SK Gautam

Next Story