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कोरोना का सबसे खतरनाक हिस्सा तैयार, कोविड वैक्सीन पर हुई नई खोज

कोविड पर वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के सबसे खतरनाक हिस्से को लैब में बना लिया है, यानी वायरस के उस स्पाइक प्रोटीन रिडिजाइन किया गया है जो मानव कोशिकाओं (Human Cells) पर हमला करके व्यक्ति को संक्रमित करता है।

Shivani
Published on: 24 July 2020 10:27 PM IST
कोरोना का सबसे खतरनाक हिस्सा तैयार, कोविड वैक्सीन पर हुई नई खोज
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नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनिया के तमाम देश शोध में जुटे हैं। कई देशों में कोविड वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भी शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में अब वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के सबसे खतरनाक हिस्से को लैब में बना लिया है। यानी वायरस के उस स्पाइक प्रोटीन रिडिजाइन किया गया है जो मानव कोशिकाओं (Human Cells) पर हमला करके व्यक्ति को संक्रमित करता है।

वैज्ञानिकों ने किया कोरोना का स्पाइक प्रोटीन रिडिजाइन

कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयार हो रही वैक्सीन से लोगो की उम्मीदे बढ़ती जा रहीं है। वैक्सीन को लेकर शोध कर रहे वैज्ञानिक इस दिशा में नई खोज और खुलासे कर रहे हैं। अब शोधकर्ताओं कोरोना वायरस के उस स्पाइक प्रोटीन को पहचान लिया है, जो इंसान के शरीर में प्रवेश कर संक्रमण से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर उन्हें संक्रमित बनाते हैं।

स्पाइक प्रोटीन करता है इम्यून सिस्टम को प्रभावित

इस बारे में एक नई स्टडी के मुताबिक कहा गया कि वैज्ञानिकों ने स्पाइक प्रोटीन का एक नया वर्जन तैयार किया है, जिसे सिंथेटिक S प्रोटीन की तुलना में कोशिकाओं में 10 गुना अधिक उत्पादित किया जा सकता है।

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कोविड वैक्सीन में सिंथेटिक S प्रोटीन का इस्तेमाल

बता दें कि मौजूदा समय में बन रही ज्यादातर कोरोना वायरस वैक्सीन में सिंथेटिक S प्रोटीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि वैज्ञानिकों की इस नई खोज से वैक्सीन विकसित करने में मदद मिल सकती है।

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मरीजों को वैक्सीन जल्द मिलने की उम्मीद बढ़ी

ये खोज टेक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेसन मैकलेलन ने कोरोना पर हुई इस शोध में की। मैकलेलन इस स्टडी के प्रमुख लेखक हैं। उन्होंने कहा, 'वैक्सीन के प्रकार के आधार पर, प्रोटीन का यह हाईब्रिड एडिशन डोज कम कर सकता है और वैक्सीन के उत्पादन में तेजी ला सकता है।' उन्होंने दावा किया कि अब ज्यादा से ज्यादा मरीजों को वैक्सीन जल्दी मिल सकेगी।

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