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खतरनाक है बस यात्रा: जाएं तो इन नियमों का करें पालन, एक भूल ले सकती है जान

बस में लगी एयर कंडिशनिंग यूनिट से कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है। वैज्ञानिकों ने एक स्टडी के बाद ये बात कही है।

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Published on: 2 Sep 2020 11:40 AM GMT
खतरनाक है बस यात्रा: जाएं तो इन नियमों का करें पालन, एक भूल ले सकती है जान
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खतरनाक है बस यात्रा: जाएं तो इन नियमों का करें पालन, एक भूल ले सकती है जान

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सामाजिक दूरी, मास्क और सेनीटाईजर के उपयोग के निर्देशों का पालन करना जरूरी है। अब वैज्ञानिकों द्वारा की गई स्टडी में ये बात पता चली है कि एसी बस में सफर करना बेहद खतरनाक है। बस में लगी एयर कंडिशनिंग यूनिट से कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है। वैज्ञानिकों ने एक स्टडी के बाद ये बात कही है। वैज्ञानिकों ने चीन के एक मामले की स्टडी की जिसमें पाया गया कि बस में सफर करने वाले एक व्यक्ति के जरिए करीब दो दर्जन लोग कोरोना संक्रमित हो गए।

एसी की वजह से संक्रमण तेजी से फैलाता है

वैज्ञानिकों के मुताबिक, चीन के झिंजियांग प्रोविन्स में बस में यात्रा करने वाले 24 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन लोगों ने बस में महज डेढ़ घंटे की यात्रा की थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि बस में लगे एसी की वजह से संक्रमण तेजी से फैला। वैज्ञानिकों ने कहा है कि स्टडी ये साबित करती है कि बंद जगह पर एसी से संक्रमण काफी अधिक फैल सकता है।

coronavirus spreads in air conditioning buse

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भीतर की हवा ही बार-बार रिसर्कुलेट की जाती है

कुछ एयर कंडिशन जहां बाहर से हवा खींचते हैं, वहीं ज्यादातर एसी में भीतर की हवा ही बार-बार रिसर्कुलेट की जाती है। इस बस में लगे एसी की वजह से अंदर की हवा ही रिसर्कुलेट हो रही थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी वजह से एयर ड्रॉपलेट बस में फैल गए।

6 लोगों में हल्के लक्षण थे या कोई लक्षण नहीं थे

JAMA Internal Medicine में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, चीन के झेजियांग प्रोविन्स के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के वैज्ञानिकों को स्टडी के दौरान पता चला कि बस में संक्रमित होने वाले 24 यात्रियों में से 18 बीमार हो गए, जबकि 6 लोगों में हल्के लक्षण थे या कोई लक्षण नहीं थे।

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यात्री सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे

एक रिपोर्ट के अनुसार ये केस स्टडी जनवरी में हुई घटना को लेकर है। बस में सवार यात्री सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे, लेकिन समझा जाता है कि मास्क पहने हुए थे। स्टडी में पता चला कि संक्रमित मरीज के बिल्कुल पास बैठे व्यक्ति के वायरस की चपेट में आने की आशंका न के बराबर होती है, जबकि उसके ठीक सामने बैठे व्यक्ति को खतरा अधिक होता है।

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