TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

पानी से भी सस्ता तेल, इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट

कोरोना वायरस के कारण कच्चे तेल के दाम में रिकॉर्ड गिरावट हुई है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि तेल की कीमत अमेरिका के बोतलबंद पानी की कीमत से भी कम हो। बता दें कि अमेरिका में बोतल बंद पानी की कीमत लगभग 77 पैसे प्रति लीटर है।

Shivani Awasthi
Published on: 21 April 2020 8:25 AM IST
पानी से भी सस्ता तेल, इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट
X

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के कारण कच्चे तेल के दाम में रिकॉर्ड गिरावट हुई है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि तेल की कीमत अमेरिका के बोतलबंद पानी की कीमत से भी कम हो। बता दें कि अमेरिका में बोतल बंद पानी की कीमत लगभग 77 पैसे प्रति लीटर है।

कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज

अंतरराष्ट्रीय बजार में अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चे तेल का भाव गिरते-गिरते लगभग शून्य तक पहुंच गया। वहीं न्यूयॉर्क में कच्चे तेल की कीमतों में अभी तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

कच्चे तेल की ताजा कीमत कितनी:

न्यूयॉर्क ऑयल मार्केट में तेल की कीमत बोतलबंद पानी से भी कम होने के बाद तहलका मच गया। यूएस बेंचमार्क में रिकॉर्ड गिरावट हुई और मई के लिए सप्लाई की जाने वाली तेल की कीमतें एक समय गिरकर 1.50 डॉलर प्रति बैरल हो गई।

ये भी पढ़ेंः खुशखबरी: आपके भी खाते में आएंगे पैसे, अगर सरकार ने भेजी है TAX की ये चिट्ठी

सोमवार को न्यूयॉर्क में यूएस बेंचमार्क वेस्ट टेक्सॉस इंटरमीडिएट में मई के लिए कच्चे तेल के ठेके में 301.97 फीसदी की गिरावट हुई और ये -36.90 डॉलर प्रति बैरल पर आकर रूका। मई महीने में सप्लाई की जाने वाली कच्चे तेल की कीमतें अधिकत्तम 17.85 डॉलर प्रति बैरल और न्यूनत्तम -37.63 डॉलर प्रति बैरल रही। आखिरकार बाजार-37.63 डॉलर प्रति बैरल पर आकर बंद हुआ।

बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट मई महीने में की जाने वाली सप्लाई के लिए है। ये कच्चे तेल की कीमतों में एक दिन में 90 फीसदी की गिरावट थी।

ये भी पढ़ेंः अमेरिकी जांच दल को नहीं घुसने देगा चीन, खारिज की ट्रंप की मांग

क्यों आई रिकॉर्ड गिरावट

दरअसल, मई महीने में तेल का करार निगेटिव हो गया यानी खरीदार तेल लेने से इनकार कर रहे हैं। खरीदार के मुताबिक़, तेल की अभी जरूरत नहीं, बाद में लेंगे। ऐसे में उन्होंने तेल को अभी अपने पास रखने को कहा है। वहीं उत्पादन इतना हो गया है कि अब तेल रखने की जगह नहीं बची है।

बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर खरीदार तेल खरीदने से अभी मना कर रहे हैं। क्योंकि दुनिया की बड़ी आबादी इस वक्त घरों में बंद है और दुनिया के कई देश तेल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story