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अभी-अभी ईरान ने लिया बदला, 10 मिसाइलों से US सैन्य बेस पर किया बड़ा हमला
ईरान ने पिछले हफ्ते ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के जवाब में इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले शुरू कर दिए है। पेंटागन ने पुष्टि की कि इराक के अंबर प्रांत में अल-असद एयर बेस, और उत्तरी इराक में एरबिल बेस, जो दोनों अमेरिकी टुकड़ी की मेजबानी करते हैं, ईरान से लॉन्च की गई एक दर्जन से अधिक मिसाइलों से हमला किया गया।
ईरान ने पिछले हफ्ते ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के जवाब में इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले शुरू कर दिए है। पेंटागन ने पुष्टि की कि इराक के अंबर प्रांत में अल-असद एयर बेस, और उत्तरी इराक में एरबिल बेस, जो दोनों अमेरिकी टुकड़ी की मेजबानी करते हैं, ईरान से लॉन्च की गई एक दर्जन से अधिक मिसाइलों से हमला किया गया।ईरान ने मिसाइलों से अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। हमले में अमरिकी सैनिकों के मारे जाने की खबर हैं। इस मिसाइल हमले में कई लोग मारे गए।अमेरिकी रक्षा अधिकारी के मुताबिक करीब साढ़े पांच बजे इराक में अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर 1 दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है। अमेरिका सेना बेस पर बुधवार तड़के मिसाइल हमले के बाद पेंटागन ने बयान जारी कर कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है।
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ईरान ने बुधवार को आक्रामक रुख अपनाते हुए अमेरिकी सैनिकों के इराकी एयरबेस पर हमला किया। समाचार एजेंसी एएफपी ने ईरान की सरकारी मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने भी ईरान के हमले की पुष्टि की है। पेंटागन ने ईरानी हमले की खबर पर मुहर लगाते हुए कहा कि इराक में हमारे दो ठिकानों पर ईरान ने मिसाइल से हमला किया है। इस हमले में 30 लोगों के मरने की खबर हैं।
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इससे पहले भी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के निकट रविवार (5 जनवरी) को दो रॉकेट दागे गए थे। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, ग्रीन जोन में रविवार को दो रॉकेट गिरे। ग्रीन जोन में लगातार दूसरी रात रॉकेट दागे गए हैं और पिछले दो महीनों में अमेरिकी प्रतिष्ठानों को 14वीं बार निशाना बनाया गया।" एक और रॉकेट 'ग्रीन जोन के बाहर एक मकान में गिरा जिसके कारण चार लोग घायल हो गए थे।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC), जिसमें सुलेमानी एक सदस्य था, ने एक बयान जारी किया। “IRGC के एयरोस्पेस यूनिट के बहादुर सैनिकों ने शहीद जनरल के नाम पर अल असद सैन्य ठिकाने पर दसियों बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ एक सफल हमला किया। ईरानी समाचार साइटों ने रात के आकाश में मिसाइलों के वीडियो फुटेज दिखाए।व्हाइट हाउस की प्रवक्ता स्टेफनी ग्रिशम ने कहा- हम इराक में अमेरिकी सुविधाओं पर हमलों की रिपोर्ट से अवगत हैं। राष्ट्रपति को ब्रीफ किया गया है और स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ परामर्श कर रहे हैं।
पेंटागन के एक बयान में कहा गया, "7 जनवरी को लगभग 5.30 बजे (वाशिंगटन समय, इराक में 1.30 बजे), ईरान ने अमेरिकी सेना और गठबंधन सेना के खिलाफ एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च कीं।" “यह स्पष्ट है कि इन मिसाइलों को ईरान से लॉन्च किया गया था और कम से कम दो इराकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था जो अल असद और [एरबिल] पर अमेरिकी सेना और गठबंधन कर्मियों की मेजबानी कर रहे थे।
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अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी का कहना है कि हम इस स्थिति पर काफी गहनता से नजर बनाए हुए हैं।हमें अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।ईरान से मांग है कि वह तत्काल हिंसा को रोके।क्योंकि अमेरिका या दुनिया का कोई भी देश युद्ध को एफोर्ड(सहन करना) नहीं कर पायेगा।नीचे स्पीकर नैन्सी पेलोसी का वो ट्वीट है
https://twitter.com/SpeakerPelosi/status/1214706118494212104
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बता दें कि पिछले हफ्ते अमेरिका ने ईरानी जनरल सुलेमानी की हत्या कर अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले का बदला लिया था। इसके जवाब में ईरानी के ये जवाबी कार्यवाई है।जिससे इस्लामिक गणराज्य को गहरा झटका लगा है। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किया गया था, जिनका कहना था कि कुद्स कमांडर अमेरिकी राजनयिकों और इराक में अमेरिकी बलों पर हमले की साजिश रच रहा था। सुलेमानी की मौत से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है और पश्चिम एशिया में नये युद्ध की आशंका पैदा हो गई है। सुलेमानी को ईरान में वहां के सर्वोच्च नेता अयातोल्ला अली खामेनेई के बाद दूसरा सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता था। सुलेमानी का कुद्स बल (ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक शाखा) सीधे खामेनेई को रिपोर्ट करता था और वह एक राष्ट्र नायक माने जाते थे