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तौहीद जमात: जानिए उस कट्टरपंथी संगठन के बारें में, जिस पर है श्रीलंका धमाकों का शक

जानकारी के मुताबिक इस संगठन का एक ग्रुप भारत के तमिलनाडु में भी सक्रिय है। न्यूज एजेंसी फ्रांस प्रेस के मुताबिक कल हुए हमले से 10 दिन पहले यानि 11 अप्रैल को ही श्रीलंका के पुलिस चीफ ने पूरे देश में आत्मघाती हमले का अलर्ट जारी किया था।

Aditya Mishra
Published on: 22 April 2019 5:29 AM GMT
तौहीद जमात: जानिए उस कट्टरपंथी संगठन के बारें में, जिस पर है श्रीलंका धमाकों का शक
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कोलंबो: श्रीलंका में गिरजाघरों और पांच-सितारा होटलों में रविवार को ईस्टर के मौके पर सिलसिलेवार बम धमाकों में करीब 290 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 450 से ज्यायदा लोग घायल हैं।

अब तक 13 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब इस हमले में मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन ‘नैशनल तौहीद जमात’ का नाम आ रहा है। तो आइये जानते है क्या नैशनल तौहीद जमात’ और श्रीलंका के अलावा ये दुनिया के किन- किन देशों में सक्रिय है।

कौन है नैशनल तौहीद जमात

नैशनल तौहीद जमात श्रीलंका का एक कट्टरपंथी मुस्लिमों का संगठन है। जो पिछले ही साल तब सुर्खियों में छाया था। जब उसने भगवान बौद्ध की कुछ मूर्तियां तोड़ी थीं।

जहां तक इस संगठन की शुरुआत की बात है तो यह साल 2014 में दुनिया के सामने आया जब इस संगठन के सेक्रेटरी अब्दुल रैजिक ने बौद्ध धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। उनके बयानों की वजह से ही उन्हें 2016 में हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

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तौहीद जमात पर प्रतिबंध लगाने की उठ चुकी है मांग

इसके बाद इस संगठन पर बैन लगाने की मांग भी की गई। इस संगठन पर बैन लगवाने के लिए 2014 में पीस लविंग मुस्लिम्स इन श्रीलंका ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगवाने के लिए संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार, श्रीलंका के राष्ट्रपति और अन्य कई राजनयिकों को पत्र तक लिखा।

हालांकि इस पर अभी तक प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक यह संगठन वहाबी विचारधारा को मानते हैं. बताया जाता है कि वहाब अल्लाह का प्रार्यवाची शब्द है।

काफी टाइम पहले से ही मिल चुका था आत्मघाती हमले का इनपुट

जानकारी के मुताबिक इस संगठन का एक ग्रुप भारत के तमिलनाडु में भी सक्रिय है। न्यूज एजेंसी फ्रांस प्रेस के मुताबिक कल हुए हमले से 10 दिन पहले यानि 11 अप्रैल को ही श्रीलंका के पुलिस चीफ ने पूरे देश में आत्मघाती हमले का अलर्ट जारी किया था।

अलर्ट में विदेशी खुफिया एजेंसियों के हवाले से दावा किया गया था कि इस्लामिक चरमपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात बड़े चर्चों के साथ-साथ भारतीय उच्चायोग पर भी सुसाइड अटैक करने की तैयारी कर रहा है।

हैरानी की बात है कि इतनी सटीक जानकारी होने के बाद भी हमलावर अपने मकसद में कामयाब हो गया है। इसको लेकर श्रीलंका में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। श्रीलंका की सरकार ने पुलिस प्रमुख पर हमले के अलर्ट से जुड़ी जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है।

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पूर्वी प्रांत में सक्रिय है तौहीद जमात

तौहीद जमात की मौजूदगी श्रीलंका के पूर्वी प्रांत की तरफ ज्यादा है। यह यहां पर कट्टरपंथी संदेशों के प्रसार के लिए महिलाओं को बुर्का पहनने और मस्जिदों के निर्माण के साथ शरिया कानून लागू करने और चरमपंथी संदेशों को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है।

इन हमलों को उसी तरह से अंजाम दिया गया है, जैसे साल 2016 में बांग्लादेश के ढाका में होली आर्टिसन बेकरी में धमाके किए गए थे। इसे वहां के स्थानीय लड़कों ने अंजाम दिया था, जिन्हें आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने प्रशिक्षण दिया था।

शुरुआती जांच से यह पता चला है कि हमलों को श्रीलंका के स्थानीय मुस्लिमों ने अंजाम दिया है। मगर, काउंटर टेरेरिज्म एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिना बाहरी मदद के इस स्तर के हमलों को अंजाम देना मुश्किल है।

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Aditya Mishra

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