डॉ॰ गगनदीप कांग रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला

रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन ने वर्ष 2019 में अपनी फैलोशिप के लिए चुने गए 51 प्रख्यात वैज्ञानिकों की एक सूची की घोषणा की है। इनमें से एक डॉ॰ गगनदीप कांग हैं, जो अब ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, फरीदाबाद में प्रोफेसर हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 19 April 2019 11:43 AM GMT
डॉ॰ गगनदीप कांग रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला
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लखनऊ: रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन ने वर्ष 2019 में अपनी फैलोशिप के लिए चुने गए 51 प्रख्यात वैज्ञानिकों की एक सूची की घोषणा की है। इनमें से एक डॉ॰ गगनदीप कांग हैं, जो अब ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, फरीदाबाद में प्रोफेसर हैं।

डॉ॰ कांग एफआरएस के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। तो प्रिंसटन के ही प्रोफेसर मंजुल भार्गव और अक्षय वेंकटेश भी एफआरएस के लिए चुने गए हैं।

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द रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर वेंकी रामाकृष्णन ने एक मीडिया विज्ञप्ति के माध्यम से कहा, "द रॉयल सोसाइटी के विशाल इतिहास के दौरान, यह हमारी फैलोशिप है, जो एक निरंतर सूत्र बना हुआ है। और जिस पदार्थ से हमारा उद्देश्य साकार हुआ है, वह "मानवता के लाभ के लिए विज्ञान का उपयोग करें” है।

डॉ॰ कांग को भारत में बच्चों में आंतों के संक्रमण, विकास, रोकथाम एवं उनके सीक्वेले के अध्ययन और अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान के लिए जाना जाता है।

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द रॉयल सोसाइटी की वेबसाइट पर पोस्ट की गई एक जीवनी के अनुसार, इन्होंने राष्ट्रीय रोटावायरस और टाइफाइड निगरानी नेटवर्क का निर्माण किया है और टीके के 1-3 परीक्षणों का चरणबद्ध परीक्षण भी किया है, जिसमें दो डब्ल्यूएचओ पूर्व-योग्य टीकों का समर्थन किया है। और डॉ॰ कांग ने इन्फोसिस पुरस्कार सहित कई पुरस्कार भी जीते हैं।

मंजुल भार्गव प्रिंसटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं तो अक्षय वेंकेटेश भी इसी विश्वविद्यालय के एडवांस्ड स्टडी विभाग के प्रोफेसर हैं। इन दोनों को क्रमशः 2014 और 2018 में फील्ड मेडल से सम्मानित किया गया ।

Vidushi Mishra

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