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ड्रोन हमले के लिए ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने ईरान को ठहराया जिम्मेदार
लंदन: सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर ड्रोन हमलों के लिये ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने भी ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। संयुक्त राष्ट्र आम सभा के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे यूरोपीय नेताओं ने ईरान के मसले पर अलग से मुलाकात की और एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें कहा गया है कि 'अब वक्त आ गया है कि ईरान परमाणु कार्यक्रम की लंबे समय की रूपरेखा पर बातचीत को स्वीकार करे और उसमें मिसाइल कार्यक्रम समेत क्षेत्रीय सुरक्षा के दूसरे मुद्दे भी शामिल हों। हालांकि जैसा अपेक्षित था, ईरान ने इन देशों के साथ नई शर्तों पर समझौता करने से इनकार किया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल इस डील से बाहर आने का एकतरफा एलान कर दिया था। इसके बाद से यूरोपीय देश ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसमें कोई बड़ी सफलता नहीं मिल सकी है। इस बीच अमेरिका ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए व सख्ती भी और ज्यादा बढ़ा दी। इसके जवाब में ईरान भी यूरेनियम संवर्धन की तय सीमाओं को धीरे धीरे तोड़ता रहा है। इस बीच 14 सितंबर को सऊदी अरब की तेल रिफाइनरी पर ड्रोन हमले के बाद से इलाके में तनाव बढ़ गया है। सऊदी अरब और अमेरिका शुरू से ही इसके लिए ईरान को दोषी ठहराते हैं जबकि ईरान इससे इनकार करता है। कहने को तो यमन के हूथी विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। ईरान हूथी विद्रोहियों को समर्थन देता है।
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ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने कहा है, 'हमारे लिए यह साफ हो गया है कि ईरान पर इस हमले की जिम्मेदारी है। इसकी कोई और विश्वसनीय व्याख्या नहीं हो सकती। हम उन जांचों का समर्थन करते हैं जो इसे साबित करने के लिए और तथ्य जुटा रही हैं। बीच डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र आम सभा में अपने भाषण में कहा कि ईरान के बारे में कार्रवाई करना विश्व की ड्यूटी है। ट्रंप ने कहा कि शांति प्रेमी राष्ट्रों के समक्ष सबसे बड़ा खतरा ईरान के जुल्मी शासन से है।