×

FATF की बैठक से पहले पाक की खुली पोल, अब ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा बढ़ा

एपीजी की पाकिस्तान के मूल्यांकन के संबंध में इस फॉलोअप रिपोर्ट से इमरान खान की सरकार को बड़ा झटका लगा है। एपीजी की रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि एफएटीएफ की ओर से की गई 40 सिफारिशों में से सिर्फ दो सिफारिशों के मामले में ही पाकिस्तान ने प्रगति की है।

Newstrack
Published on: 12 Oct 2020 11:45 PM IST
FATF की बैठक से पहले पाक की खुली पोल, अब ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा बढ़ा
X
अब नवाज शरीफ, चौधरी, सुल्तान और फवाद के खिलाफ ये नए मामले विदेशी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिये अवैध रूप से 73 उच्च सुरक्षा वाले वाहन खरीदने के संबंध में दर्ज किये जाएंगे।

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की एक सप्ताह बाद होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले पाकिस्तान की पोल एक बार फिर खुल गई है। एफएटीएफ की क्षेत्रीय इकाई एशिया पेसिफिक ग्रुप (एपीजी) की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान टेरर फंडिंग और मनी लांड्रिंग को खत्म करने के लिए सुझावों पर अमल करने में पूरी तरह विफल रहा है।

एपीजी की पाकिस्तान के मूल्यांकन के संबंध में इस फॉलोअप रिपोर्ट से इमरान खान की सरकार को बड़ा झटका लगा है। एपीजी की रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि एफएटीएफ की ओर से की गई 40 सिफारिशों में से सिर्फ दो सिफारिशों के मामले में ही पाकिस्तान ने प्रगति की है।

एफएटीएफ करेगा पाक के कदमों की समीक्षा

एफएटीएफ की वर्चुअल बैठकें सोमवार से शुरू हो गई हैं जो कि 19 अक्टूबर तक चलेंगी। इन बैठकों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, नीति विकास और आने वाले खतरे जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद 21 से 23 अक्टूबर के बीच एफएटीएफ की महत्वपूर्ण वर्चुअल प्लेनरी बैठक होने वाली है।

ये भी पढ़ें...GST काउंसिल की बैठक खत्‍म, इस बड़े मुद्दे पर नहीं बात, जानिए क्या है वजह

इस बैठक के दौरान टेरर फंडिंग के मामले में पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी। एपीजी की रिपोर्ट से यह तय माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान पाकिस्तान को बड़ा झटका लग सकता है।

पाकिस्तान के ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा

पाकिस्तान को 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था। उस समय पाकिस्तान को चीन, तुर्की और मलेशिया जैसे देशों का समर्थन मिला था। जानकार सूत्रों का कहना है कि सिफारिशों पर अमल न करने के कारण पाकिस्तान की स्थिति में सुधार होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

FATF

सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि अब पाकिस्तान के ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा पैदा हो गया है क्योंकि पाकिस्तान की ओर से सिफारिशों पर अमल करने में गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।

ये भी पढ़ें...महाराष्ट्र से यूपी पहुंचा नशा कारोबार: NCB को भनक तक नहीं, लखनऊ में भंडाफोड़

सिर्फ दोस्त सिफारिशों का पूरी तरह अनुपालन

एपीजी की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 40 सिफारिशों में से सिर्फ दो सिफारिशें ऐसी है जिनका पाकिस्तान की ओर से पूरा अनुपालन किया जा रहा है। चार सिफारिशें ऐसी हैं जिनकी पूरी तौर पर अनदेखी की जा रही है जबकि 25 सिफारिशों पर आंशिक रूप से ही अनुपालन किया जा रहा है।

नौ सिफारिशें ऐसी है जिन पर पूर्ण रूप से तो नहीं मगर काफी हद तक उन सिफारिशों का अनुपालन किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान को 40 सुझावों को लागू करने की दिशा में किए गए प्रयासों के संबंध में रिपोर्ट भी पेश करनी होगी।

खरी नहीं उतरी इमरान सरकार

एफएटीएफ ओर से मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर अंकुश पाने के लिए इमरान सरकार को 27 बिंदुओं पर काम करने को कहा गया था मगर इनमें से 13 बिंदुओं पर सरकार खरी नहीं उतरी। इसके बाद इमरान सरकार को गत फरवरी में 4 महीने का और समय दिया गया था। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में होने के कारण पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ये भी पढ़ें...पाकिस्तान में जश्न: दुनिया कोरोना से परेशान, PM इमरान ने दी ये खुशखबरी

उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से मदद पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तानी इस समय जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रहा है और वह इन वित्तीय संस्थानों से मदद पाने की कोशिश में जुटा हुआ है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



Newstrack

Newstrack

Next Story