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कोरोना संकट के बीच इस देश में आई बड़ी आफत, डरी सरकार ने कही ये बात

दक्षिण कोरिया देश के गृह मंत्रालय ने अपनी नीतियों में इसके मद्देनजर 'मूलभूत बदलाव' की बात कही है। देश में घटती जन्म दर और बढ़ती मृत्यु दर के आंकड़ों ने देश के ऊपर अत्यधिक दबाव डाल दिया है।

Chitra Singh
Published on: 4 Jan 2021 8:06 PM IST
कोरोना संकट के बीच इस देश में आई बड़ी आफत, डरी सरकार ने कही ये बात
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कोरोना संकट के बीच इस देश में आई बड़ी आफत, डरी सरकार ने कही ये बात

नई दिल्ली: इन दिनों दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के अलावा एक नई समस्या पैदा हो गई है। जी हां, साल 2020 में दक्षिण कोरिया में पहली बार जन्म दर कम और मृत्यु दर के आंकड़ें अधिक दर्ज किए गए हैं। बता दें कि दक्षिण कोरिया विश्व का सबसे कम जन्म दर वाला देश है। जानकारी के मुताबिक, साल 2020 के दौरान दक्षिण कोरिया में मात्र 2,75,800 नवजात शिशुओं ने जन्म लिया, जबकि इसी साल देश में करीब 3,07,764 लोगों की मृत्यु हुई। देश के मौजूदा आंकड़ों ने वहां के राष्ट्राध्क्षों को अपनी नीतियों में बदलाव करने पर मजबूर कर दिया है।

गृह मंत्रालय ने कही 'मूलभूत बदलाव' की बात

बता दें कि दक्षिण कोरिया देश के गृह मंत्रालय ने अपनी नीतियों में इसके मद्देनजर 'मूलभूत बदलाव' की बात कही है। देश में घटती जन्म दर और बढ़ती मृत्यु दर के आंकड़ों ने देश के ऊपर अत्यधिक दबाव डाल दिया है। कहा जाता है कि दक्षिण कोरिया में बड़े पैमाने पर महिलाएं अपने काम और अन्य चीजों के मध्य बैलेंस करने के लिए सघंर्ष करती है। उन्हीं में से एक हून-उ-किम हैं। बता दें कि हून-उ-किम चार भाई-बहनों में वो सबसे बड़ी हैं।

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हून-उ-किम की कहानी

एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान हून-उ-किम ने कहा था कि खुद के लिए एक बड़े परिवार का सपना देखा था। लेकिन बदलते वक्त के साथ उन्हें कई हालात का सामना करना पड़ा, जो दक्षिण कोरिया में परिवार बसाने के लिहाज से उपयुक्त नहीं हैं। वो अब बच्चे पैदा करने के अपने फैसले के बारे में फिर से सोचने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि वो हाल ही में एक नई नौकरी शुरू की है और अब वो मातृत्व अवकाश लेने को लेकर फिक्रमंद हैं। उन्होंने कहा, 'लोग मुझे कहते हैं कि पहले करियर बनाने पर ध्यान देना सुरक्षित रहेगा।'

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'आपका अपना घर हो मगर दक्षिण कोरिया में असंभव नहीं'

हून-उ-किम कहती हैं कि प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से भी नौजवान जोड़े परिवार बसाने को लेकर हतोत्साहित होते हैं। वो कहती हैं, 'बच्चों के लिए जरूरी है कि आपका अपना घर हो लेकिन, दक्षिण कोरिया में यह असंभव हो गया है।' किम ने कहा, 'बच्चे को पालना एक खर्चीला काम है। सरकार की तरफ से कुछ हजार वॉन की मदद से यह समस्या नहीं सुलझेगी।'

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